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Maujpur-majlis Park Corridor: Vehicles Will Pass Through Six-lane Flyover Metro Will Run Up – मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर : छह लेन के फ्लाईओवर से गुजरेंगे वाहन, ऊपर दौड़ेगी मेट्रो

अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Wed, 10 Nov 2021 02:53 AM IST

सार

मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर के इंटीग्रेटेड मॉडल के लिए 220.10 करोड़ रुपये मंजूर।

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पिंक लाइन पर मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर के यमुना विहार और भजनपुरा स्टेशनों के बीच निचले डेक पर फ्लाईओवर, जबकि ऊपर के हिस्से में मेट्रो लाइन के इंटीग्रेटेड डिजाइन के निर्माण के लिए केजरीवाल सरकार ने 220.10 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। इस परियोजना में मेट्रो लाइन, फ्लाईओवर (डबल डेकर) के साथ सबवे के निर्माण का भी प्रस्ताव है। 

लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की संयुक्त पहल से इस परियोजना पर होने वाले खर्च में करीब 180 करोड़ रुपये की बचत होगी। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कम समय, कम खर्च और कम क्षेत्र में तैयार होने वाला यह प्रोजेक्ट खुद में अनूठा होगा। इससे आवागमन में सहूलियतें बढ़ जाएंगी और दिल्ली के विकास में भी इस परियोजना की अहम भूमिका होगी।

मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में व्यय एवं वित्त समिति (एक्सपेंडिचर फाइनेंस कमेटी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि 1457 मीटर लंबे और 20 मीटर चौड़ाई वाले इस फ्लाईओवर पर छह लेन होंगी। करावल नगर (यमुना विहार/भजनपुरा) और घोंडा चौक (बृजपुरी) पर दो क्रॉसिंग होंगी, ताकि वाहनों की आवाजाही आसानी से हो सके। ट्रैफिक की समस्या को खत्म करने के साथ ही इससे सड़क की मौजूदा क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रोजेक्ट दिल्ली की तरक्की के लिए अहम साबित होगा। डीएमआरसी और पीडब्ल्यूडी के इस संयुक्त प्रयास से फ्लाईओवर के निर्माण में करदाताओं के करीब 140 करोड़ रुपये, जबकि मेट्रो निर्माण में 40 करोड़ रुपये सहित कुल 180 करोड़ की बचत होगी।

दो वर्ष में परियोजना को पूरा किया जाएगा
पहले इस फ्लाईओवर के निर्माण और इससे जरूरी बुनियादी सुविधाओं के विस्थापन पर 359.70 करोड़ रुपये की लागत थी। इंटीग्रेटेड डिजाइन से 140 करोड़ रुपये की बचत के बाद इसकी लागत 220.10 करोड़ रुपये रह गई है। 1457 मीटर के मेट्रो लाइन की लागत भी 105 करोड़ से घटकर 67 करोड़ रुपये रह गई है। इससे करीब 40 करोड़ रुपये बचेंगे। 

सिसोदिया ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से न केवल जनता के टैक्स के पैसों की बचत होगी, बल्कि सघन आबादी वाले इस क्षेत्र में जमीन का बेहतर इस्तेमाल भी होगा। दो वर्ष में इस परियोजना को पूरा किया जाएगा। निर्माण पूरा होने से आसपास के क्षेत्र की जनता को लंबे ट्रैफिक जाम से नहीं जूझना पड़ेगा और समय की भी बचत होगी। फ्लाईओवर और मेट्रो का यह एकीकृत मॉडल पर्यावरण की दृष्टि से भी बेहतर साबित होगा।

विस्तार

पिंक लाइन पर मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर के यमुना विहार और भजनपुरा स्टेशनों के बीच निचले डेक पर फ्लाईओवर, जबकि ऊपर के हिस्से में मेट्रो लाइन के इंटीग्रेटेड डिजाइन के निर्माण के लिए केजरीवाल सरकार ने 220.10 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। इस परियोजना में मेट्रो लाइन, फ्लाईओवर (डबल डेकर) के साथ सबवे के निर्माण का भी प्रस्ताव है। 

लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की संयुक्त पहल से इस परियोजना पर होने वाले खर्च में करीब 180 करोड़ रुपये की बचत होगी। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कम समय, कम खर्च और कम क्षेत्र में तैयार होने वाला यह प्रोजेक्ट खुद में अनूठा होगा। इससे आवागमन में सहूलियतें बढ़ जाएंगी और दिल्ली के विकास में भी इस परियोजना की अहम भूमिका होगी।

मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में व्यय एवं वित्त समिति (एक्सपेंडिचर फाइनेंस कमेटी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि 1457 मीटर लंबे और 20 मीटर चौड़ाई वाले इस फ्लाईओवर पर छह लेन होंगी। करावल नगर (यमुना विहार/भजनपुरा) और घोंडा चौक (बृजपुरी) पर दो क्रॉसिंग होंगी, ताकि वाहनों की आवाजाही आसानी से हो सके। ट्रैफिक की समस्या को खत्म करने के साथ ही इससे सड़क की मौजूदा क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रोजेक्ट दिल्ली की तरक्की के लिए अहम साबित होगा। डीएमआरसी और पीडब्ल्यूडी के इस संयुक्त प्रयास से फ्लाईओवर के निर्माण में करदाताओं के करीब 140 करोड़ रुपये, जबकि मेट्रो निर्माण में 40 करोड़ रुपये सहित कुल 180 करोड़ की बचत होगी।

दो वर्ष में परियोजना को पूरा किया जाएगा

पहले इस फ्लाईओवर के निर्माण और इससे जरूरी बुनियादी सुविधाओं के विस्थापन पर 359.70 करोड़ रुपये की लागत थी। इंटीग्रेटेड डिजाइन से 140 करोड़ रुपये की बचत के बाद इसकी लागत 220.10 करोड़ रुपये रह गई है। 1457 मीटर के मेट्रो लाइन की लागत भी 105 करोड़ से घटकर 67 करोड़ रुपये रह गई है। इससे करीब 40 करोड़ रुपये बचेंगे। 

सिसोदिया ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से न केवल जनता के टैक्स के पैसों की बचत होगी, बल्कि सघन आबादी वाले इस क्षेत्र में जमीन का बेहतर इस्तेमाल भी होगा। दो वर्ष में इस परियोजना को पूरा किया जाएगा। निर्माण पूरा होने से आसपास के क्षेत्र की जनता को लंबे ट्रैफिक जाम से नहीं जूझना पड़ेगा और समय की भी बचत होगी। फ्लाईओवर और मेट्रो का यह एकीकृत मॉडल पर्यावरण की दृष्टि से भी बेहतर साबित होगा।

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