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- The Youth Was Murdered In Rohtak’s Vaish College Stadium In May, The Student Is In Jail For Being Involved In Conspiracy
रोहतक29 मिनट पहले
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रोहतक कोर्ट ने आईटीआई से 6 दिसंबर तक मांगा जबाब।
शिक्षा सभी का मौलिक अधिकार है। फिर शिक्षा लेने वाला कोई अपराधी ही क्यों ना हो। इन्हीं बातों को दोहराते हुए हरियाणा के रोहतक जिले की कोर्ट ने आईटीआई संस्थान प्रबंधक को फटकार लगाई है। दरअसल, मई माह में वैश्य कॉलेज के स्टेडियम में मई माह में एक युवक की हत्या हुई थी।
हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में हसनगढ़ स्थित आईटीआई का छात्र जेल में बंद है। इसके बाद आईटीआई प्रबंधन ने उसकी गैर हाजिरी दिखाते हुए संस्थान से उसका नाम काट दिया। कोर्ट ने इस बाबत संस्थान से 6 दिसंबर तक जबाब मांगा है।
ड्राफ्ट्समैन सिविल का कोर्स कर रहा था आरोपी
काठमंडी निवासी योगित हसनगढ़ स्थित आईटीआई में ड्राफ्ट्समैन सिविल का कोर्स कर रहा था। योगित के अधिवक्ता प्रवीण जोगी ने बताया कि इसी साल मई माह में दिल्ली के रोहिणी निवासी अंकुश की वैश्य कॉलेज के स्टेडियम में हत्या हुई थी। अंकुश गाजियाबाद से LLB की पढ़ाई कर रहा था। हत्याकांड की साजिश में योगित का नाम भी आया था। आरोप था कि हत्याकांड की साजिश रचते हुए योगित ने मुख्य आरोपी को बाइक उपलब्ध कराई। वह तभी से न्यायिक हिरासत में बंद है। जिस समय उसे न्यायिक हिरासत में भेजा, उस वक्त उसके कोर्स का दूसरा सत्र शुरू हुआ था।
आईटीआई प्रिंसिपल को करवाया गया था अवगत
अधिवक्ता ने बताया कि आईटीआई प्रिंसिपल को इस मामले से अवगत करा दिया था कि योगित न्यायिक प्रक्रिया से गुजर रहा है। ऐसे में उसे अनुपस्थित दिखाकर नाम न काटा जाए। इसके बावजूद आईटीआई प्रबंधन ने उसे गैरहाजिर दिखा नाम काट दिया। इसके बाद अधिवक्ता की तरफ से जेएमआईसी कोर्ट में एप्लिकेशन दायर की गई। इसमें कहा कि शिक्षा हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। उससे वंचित नहीं रखा जा सकता। दरअसल, 13 दिसंबर से प्रैक्टिकल शुरू हो रहे हैं। ऐसे में यदि इससे पहले छात्र का नाम सही नहीं किया गया तो वह प्रैक्टिस से भी वंचित रह जाएगा।