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Immunity in children is as good as in adults, so parents need not panic with Omicron | बच्चों में भी इम्युनिटी उतनी अच्छी होती है, जितनी बड़ों में, इसलिए पैरेंट्स को ओमिक्रॉन से घबराने की जरूरत नहीं

नई दिल्ली3 घंटे पहले

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कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का डर लगातार बना हुआ है। पैरेंट्स का कहना है कि व्यस्कों के पास वैक्सीन का सहारा है। इससे हालात को गंभीर होने से रोका जा सकता है। लेकिन बच्चों के लिए अब तक वैक्सीन ही नहीं आई है। ऐसे में अगर ओमिक्रॉन आता है तो बच्चों के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। हालांकि महामारी विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि अगर ओमिक्रॉन आ भी जाता है तो बच्चों पर इसका असर ज्यादा नहीं पड़ेंगा। बच्चों की इम्युनिटी भी बड़ों की तरह होती है।

अब तक के आंकड़ों के हिसाब से ओमिक्रॉन ज्यादा मारक साबित नहीं हुआ
डॉक्टरों का कहना है कि अब तक के आंकड़ों के हिसाब से ओमिक्रॉन ज्यादा मारक साबित नहीं हुआ है। महामारी विशेषज्ञ डॉ. चद्रकांत लहरिया का कहना है कि अभी तक जितने भी वैरिएंट आए है, उनमें बच्चों पर अलग से कोई खतना नहीं हुआ है। अगर देश में ओमिक्रॉन आ भी जाता है तो धबराने की बात नहीं है।
अभी तक यह देखा गया है कि ओमिक्रॉन तेजी से फैलता है, लेकिन इसके लक्षण हलके होते है और मरीज गंभीर भी नहीं होता। स्कूलों को सिर्फ इस आधार पर बंद नहीं किया जा सकता कि किसी दूसरे देश में यह वैरिएंट मिला है और यहां भी खतरा होगा। जब तक हम वैरिएंट का गंभीर असर ना होता देखें, तब तक इस तरह के निर्णय लेने से बचना चाहिए।

ओमिक्रॉन से डरने की नहीं, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत
आईसीएमआर के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. समीरन पांडा का कहना है कि ओमिक्रॉन से केवल डरने की नही, बल्कि सतर्क रहने की जरुरत है। इसे तभी खतरनाक कहा जा सकता है, जब इससे लोगों की मौत होने लगे। अभी तक जितने भी केस इस वैरिएंट के आए है, उनमें हल्के लक्षण ही देखे गए है और ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरुरत नहीं पड़ी है।
​​​​​​​अभी तक के अनुमान के मुताबिक ना तो बच्चों पर इसका खतरा है और ना ही बड़ों पर। बच्चों में भी इम्युनिटी उतनी ही अच्छी होती है, जितनी बड़ो में होती है। बच्चों की वैक्सीनेशन की बात करें तो करीब दो से ढाई महीने पहले 12 साल से उपर के बच्चों के लिए बनी वैक्सीन जायबोव-डी को मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन अभी तक यह वैक्सीन लगना शुरु नहीं हुई है। ऐसे में कही ना कहीं पैरेंट्स बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।

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