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नई दिल्ली। यूजीसी के स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद (नैक) ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया को ए प्लस प्लस (a++) ग्रेड प्रदान किया है। इस पर कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने शिक्षकों, छात्रों और कर्मियों को बधाई दी है। कुलपति ने कहा कि जामिया के सौ साल के इतिहास में यह सबसे बड़ी उपलब्धि है।
कुलपति प्रो. अख्तर ने बुधवार को प्रेसवार्ता में कहा कि कोरोना महामारी के दौरान कैंपस बंद होने के बाद भी शिक्षण जारी रहा। कक्षाएं ऑफलाइन से ऑनलाइन चलीं तो सेमेस्टर परीक्षाएं समय से ऑनलाइन आयोजित की गईं। इसमें मूल्यांकन को भी शामिल किया गया। महामारी के समय में शिक्षा को रुकने नहीं दिया गया है।
उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे शोध और आखिरी सेमेस्टर वाले छात्रों को बुलाया गया, ताकि शिक्षण जारी रहे। कैंपस में कोरोना संक्रमण से बचाव का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। नैक की सर्वोच्च ग्रेड मिलने के बाद मैं सभी शिक्षकों, छात्रों, पूर्व छात्रों और समस्त कर्मचारियों से आह्वान करूंगी कि वे ऐसे ही जामिया को आगे बढ़ाने में सहयोग दें।
इससे पहले 2015 में नैक ने जामिया को ए ग्रेड दिया था। उस समय विभिन्न पैरामीटर पर विश्वविद्यालय को कुल 3.09 अंक दिए गए थे। इस बार 3.61 अंक मिले हैं।
सर्वोच्च ग्रेड से सबको मिला जवाब
कुलपति ने कहा कि यह ग्रेड ऐसे समय में मिला है जब जामिया पर सवाल उठाए गए थे। हालांकि विश्वविद्यालय ने ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल ने सबको जवाब दे दिया है। 14 दिसंबर 2019 को कैंपस के बाहर सीएए का विरोध चल रहा था और 15 दिसंबर को प्रदर्शनकारी पुलिस से बचने को कैंपस में आ गए और पुलिस ने लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों को प्रदर्शनकारी समझ लाठीचार्ज कर दिया था।
पाठ्यक्रम में बदलाव होगा
कुलपति ने कहा कि विभिन्न डिग्री प्रोग्रामों के पाठ्यक्रम में बदलाव होगा। बाजार मांग और रोजगार के आधार पर पाठ्यक्रम डिजाइन किया जाएगा। इसके लिए इंडस्ट्री के विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि वे पाठ्यक्रम डिजाइन में सुझाव दे सकें।
नई दिल्ली। यूजीसी के स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद (नैक) ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया को ए प्लस प्लस (a++) ग्रेड प्रदान किया है। इस पर कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने शिक्षकों, छात्रों और कर्मियों को बधाई दी है। कुलपति ने कहा कि जामिया के सौ साल के इतिहास में यह सबसे बड़ी उपलब्धि है।
कुलपति प्रो. अख्तर ने बुधवार को प्रेसवार्ता में कहा कि कोरोना महामारी के दौरान कैंपस बंद होने के बाद भी शिक्षण जारी रहा। कक्षाएं ऑफलाइन से ऑनलाइन चलीं तो सेमेस्टर परीक्षाएं समय से ऑनलाइन आयोजित की गईं। इसमें मूल्यांकन को भी शामिल किया गया। महामारी के समय में शिक्षा को रुकने नहीं दिया गया है।
उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे शोध और आखिरी सेमेस्टर वाले छात्रों को बुलाया गया, ताकि शिक्षण जारी रहे। कैंपस में कोरोना संक्रमण से बचाव का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। नैक की सर्वोच्च ग्रेड मिलने के बाद मैं सभी शिक्षकों, छात्रों, पूर्व छात्रों और समस्त कर्मचारियों से आह्वान करूंगी कि वे ऐसे ही जामिया को आगे बढ़ाने में सहयोग दें।
इससे पहले 2015 में नैक ने जामिया को ए ग्रेड दिया था। उस समय विभिन्न पैरामीटर पर विश्वविद्यालय को कुल 3.09 अंक दिए गए थे। इस बार 3.61 अंक मिले हैं।
सर्वोच्च ग्रेड से सबको मिला जवाब
कुलपति ने कहा कि यह ग्रेड ऐसे समय में मिला है जब जामिया पर सवाल उठाए गए थे। हालांकि विश्वविद्यालय ने ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल ने सबको जवाब दे दिया है। 14 दिसंबर 2019 को कैंपस के बाहर सीएए का विरोध चल रहा था और 15 दिसंबर को प्रदर्शनकारी पुलिस से बचने को कैंपस में आ गए और पुलिस ने लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों को प्रदर्शनकारी समझ लाठीचार्ज कर दिया था।
पाठ्यक्रम में बदलाव होगा
कुलपति ने कहा कि विभिन्न डिग्री प्रोग्रामों के पाठ्यक्रम में बदलाव होगा। बाजार मांग और रोजगार के आधार पर पाठ्यक्रम डिजाइन किया जाएगा। इसके लिए इंडस्ट्री के विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि वे पाठ्यक्रम डिजाइन में सुझाव दे सकें।