न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुशील कुमार
Updated Fri, 17 Dec 2021 04:11 PM IST
सार
विरोध प्रदर्शन के चलते अस्पताल की ओपीडी सेवाएं बंद रहीं। जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही कई अस्पतालों की भी ओपीडी सेवाएं बंद रहीं।
डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन।
– फोटो : ट्विटर एएनआई
दिल्ली में लोक नायक जयप्रकाश (एलएलजेपी) अस्पताल के डॉक्टरों ने शुक्रवार को नीट-पीज काउंसलिंग में देरी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के महासचिव डॉ. प्रतीक गोयल ने कहा कि हमेशा काउंसलिंग में तेजी लाने का मौखिक आश्वासन देते हैं। पहले भी 3-4 बार देरी हो चुकी है। हम बार-बार काउंसलिंग कार्यक्रम की मांग करते हैं।
विरोध प्रदर्शन के चलते अस्पताल की ओपीडी सेवाएं बंद रहीं। जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही कई अस्पतालों की भी ओपीडी सेवाएं बंद रहीं।
सफदरजंग, जीटीबी, आरएमएल सहित दिल्ली के लगभग सभी बड़े अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर आज से हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हड़ताल नहीं है, लेकिन अन्य अस्पतालों में ओपीडी, इमरजेंसी और कोविड वार्ड में ड्यूटी देने से रेजिडेंट डॉक्टरों ने साफ इनकार कर दिया है। इसी के साथ ही मरीजों को भी इलाज के लिए काफी परेशानी हो रही है।
स्वास्थ्य सेवाएं बरकरार रखने के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन एक सप्ताह पहले हुई हड़ताल के दौरान वरिष्ठ डॉक्टर न ओपीडी में दिखाई दिए थे और न इमरजेंसी में मिले जिसके चलते सफदरजंग अस्पताल में एक महिला मरीज की मौत तक हो गई थी।
अस्पताल प्रबंधन को लिखे पत्र में रेजिडेंट ने साफ तौर पर लिखा है कि वह किसी भी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं में हिस्सेदारी नहीं लेंगे। इसके कुछ देर बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल), सफदरजंग, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और रोहिणी स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी हड़ताल में हिस्सा लेने की घोषणा की। यहां भी डॉक्टरों ने सभी तरह की चिकित्सीय सेवाओं में मौजूद नहीं रहने की जानकारी दी।
विस्तार
दिल्ली में लोक नायक जयप्रकाश (एलएलजेपी) अस्पताल के डॉक्टरों ने शुक्रवार को नीट-पीज काउंसलिंग में देरी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के महासचिव डॉ. प्रतीक गोयल ने कहा कि हमेशा काउंसलिंग में तेजी लाने का मौखिक आश्वासन देते हैं। पहले भी 3-4 बार देरी हो चुकी है। हम बार-बार काउंसलिंग कार्यक्रम की मांग करते हैं।
विरोध प्रदर्शन के चलते अस्पताल की ओपीडी सेवाएं बंद रहीं। जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही कई अस्पतालों की भी ओपीडी सेवाएं बंद रहीं।
सफदरजंग, जीटीबी, आरएमएल सहित दिल्ली के लगभग सभी बड़े अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर आज से हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हड़ताल नहीं है, लेकिन अन्य अस्पतालों में ओपीडी, इमरजेंसी और कोविड वार्ड में ड्यूटी देने से रेजिडेंट डॉक्टरों ने साफ इनकार कर दिया है। इसी के साथ ही मरीजों को भी इलाज के लिए काफी परेशानी हो रही है।
स्वास्थ्य सेवाएं बरकरार रखने के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन एक सप्ताह पहले हुई हड़ताल के दौरान वरिष्ठ डॉक्टर न ओपीडी में दिखाई दिए थे और न इमरजेंसी में मिले जिसके चलते सफदरजंग अस्पताल में एक महिला मरीज की मौत तक हो गई थी।
अस्पताल प्रबंधन को लिखे पत्र में रेजिडेंट ने साफ तौर पर लिखा है कि वह किसी भी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं में हिस्सेदारी नहीं लेंगे। इसके कुछ देर बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल), सफदरजंग, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और रोहिणी स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी हड़ताल में हिस्सा लेने की घोषणा की। यहां भी डॉक्टरों ने सभी तरह की चिकित्सीय सेवाओं में मौजूद नहीं रहने की जानकारी दी।
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