पानीपत17 मिनट पहलेलेखक: अमन वर्मा
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बर्खास्त किए गए एसआई सतबीर सिं
हरियाणा के पानीपत जिले के चार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया गया है। इनमें एक एसआई, एक एएसआई, एक मुंशी और एक सिपाही शामिल है। एसपी शशांक कुमार सावन ने कड़ा एक्शन लेते हुए चारों को तीन अलग-अलग मामलों में बर्खास्त किया गया है। वहीं, महकमे के सभी पुलिसकर्मियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि सभी इमानदारी से करें ड्यूटी, वरना कानून सभी के लिए बराबर है। कोताही करने वाले किसी भी पुलिसकर्मी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। इधर, महकमे में इतनी बड़ी कार्रवाई होने के बाद जिले भर की पुलिस में यह बड़ा चर्चा का विषय बना हुआ है। अब हर पुलिसकर्मी बहुत ही सर्तकता से अपनी ड्यूटी को शत-प्रतिशत ईमानदारी से निवाह करने में जुटा हुआ है।
एसआई सतबीर और मुंशी प्रदीप पर इसलिए गिरी गाज
सदर थाना के पूर्व प्रभारी एसआई सतबीर और थाने के मुंशी मुख्य सिपाही प्रदीप पर गांव निंबरी में शराब ठेकेदारों द्वारा जयकरण की अपहरण के बाद हत्या के मामले में गाज गिरी है। इतनी बड़ी वारदात में आरोपियों के खिलाफ समय पर कार्रवाई नहीं किए जाने पर और मिलीभगत कर मामले में समझौता करवाने की एवज में दोनों को बर्खास्त किया गया है। इस मामले की जांच एएसपी पूजा वशिष्ठ ने की थी। एएसपी की जांच में दोनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए।
मुंशी मुख्य सिपाही प्रदीप।
दसअसल, 13 मार्च को शराब ठेकेदार शहरमालपुर गांव के प्रदीप, गौरव व राजपाल, जोशी गांव के अजीत उर्फ सोनू, छाजपुर के रोहित और सोनीपत के गामड़ी के सुरजीत ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर निंबरी गांव के जयकरण का अपहरण कर डंडों से पिटाई कर दोनों पैर तोड दिए थे और शरीर के अन्य अंगों को चोटिल किया था। आरोपी जयकरण को मृत समझकर भाग गए थे। शराब ठेकेदारों के कथित रूप से थाना सदर से मिलीभगत के चलते घायल जयकरण इतना खौफजदा हो गया था कि उसने अपने दोनों पैर टूटने की घटना को हादसा बताया था। बताया था कि बाइक के सामने कुत्ता आ गया था। इससे बाइक फिसल गई और वह घायल हो गया। इधर, जयकरण का मामला मीडिया में उछलने के बाद एसपी शशांक सावन की पहल पर आरोपियों पर थाना सदर पुलिस ने केस दर्ज किया था। हालांकि उपचार के दौरान जयकरण की मौत हो गई थी। इसके बाद थाना सदर पुलिस ने हत्या की धारा जोड़ी थी।
रिश्वत लेकर की थी ASI धर्मबीर ने हत्या
अशोक विहार कॉलोनी में रहने वाली एक महिला ने किला थाना पुलिस को शिकायत दी कि 26 मई की सुबह 11 बजे उसकी 22 वर्षीय बेटी का डाबर कॉलोनी के इरशाद ने अपहरण कर लिया है। इस साजिश में आरोपी की भाभी भी शामिल है। 27 मई को पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था। इस मामले में जांच अधिकारी किला थाने के एएसआई धर्मबीर निवासी इसराना अगली शाम आरोपी इरशाद के भाई के ससुर फैक्ट्री के खड्डी मास्टर विद्यानंद कॉलोनी के 55 वर्षीय अयुब को थाने लाया था। इरशाद के ठिकानों का पता पूछने लगे। एएसआई ने बुजुर्ग आयुब पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया। उसे तपती गर्मी पर नग्न कर पीटा था। जिससे उसकी हालत बिगड़ी और उसे अस्पताल भर्ती करवाया गया। जहां उसकी मौत हो गई थी। मामले की जांच डीएसपी रैंक के अधिकारी से करवाई गई तो सामने आया कि आरोपी एएसआई धर्मबीर ने एक पक्ष से 10 हजार रुपए रिश्वत ली थी। आरोपी एएसआई तीन दिन तक आयुब को थाने ले जाता और गाली-गलौज व मारपीट करता। हादसे वाली शाम शराब के नशे में एएसआई धर्मबीर आयुब को घसीटकर थाने ले आया और उसे थर्ड डिग्री देकर मार डाला। इस मामले में आरोपी के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। फिलहाल आरोपी जेल में बंद है। उसे एसपी ने बर्खास्त कर दिया।
पीड़ित की सुरक्षा में तैनात सिपाही ने ही दी थी जान से मारने की धमकी
शहर के सेक्टर 13-17 थाना क्षेत्र के रहने वाले एक प्रतिष्ठ व्यक्ति को किसी अज्ञात ने जान से मारने की धमकी दी थी। इस मामले में पीड़ित ने एसपी ने अपनी सुरक्षा की मांग की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने सिपाही पंकज को उसकी काबिलियत को देखते हुए पीड़ित की सुरक्षा में बतौर गनमैन लगा दिया। गनमैन लगने के दूसरे दिन ही पंकज ने अपनी वर्दी का रौब और किसी पर नहीं, ब्लकि पीड़ित पर ही दिखाना शुरु किया। सिपाही ने पीड़ित को ही प्रताड़ित करना शुरु किया। उससे शराब, सिगरेट, नॉनवेज आदि की मांग की। इतना ही नहीं, उसने शराब के नशे में पीड़ित से ही अभ्रदता करते हुए पिस्तौल दिखाई और जान से मारने की धमकी दी। इस मामले की शिकायत पीड़ित ने एसपी को सुबुत देते हुए की। सुबुतों के आधार पर एसपी ने जांच डीएसपी को सौंपी। डीएसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी ने तत्काल प्रभाव से गनमैन सिपाही पंकज को बर्खास्त कर दिया।