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Hunar Haat Mela will now end on 31st December instead of 5th January 2022 | 5 जनवरी 2022 की जगह अब 31 दिसंबर को ही खत्म हो जाएगा हुनर हाट मेला

नई दिल्ली7 घंटे पहले

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केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने समाप्ति की घोषणा की। - Dainik Bhaskar

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने समाप्ति की घोषणा की।

दिल्ली में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में चल रहे 35वें हुनर हाट मेले को समय से पांच दिन पहले शुक्रवार को ही समाप्त करने का फैसला लिया गया है। गुरुवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसकी घोषणा की।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सुरक्षा और बचाव की दृष्टि से हमने फैसला लिया है कि हुनर हाट मेला शुक्रवार दोपहर तक खत्म हो जाएगा।

एक जगह पर ज्यादा भीड़ न जुटे, इसके लिए फैसला लिया गया है कि पांच जनवरी तक चलने वाले मेले को 31 दिसंबर की दोपहर तक ही समाप्त कर दिया जाए, जिससे मेले में पहुंच शिल्पकार और कारीगर भी सुरक्षित रूप से अपने घर पहुंच जाएं। भीड़ आने की संभावना को देखते हुए चार दिन पहले 31 दिसंबर की रात को होने वाले संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम को पहले ही रद्द कर दिया गया था।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई थी
इसके पीछे आयोजकों का कहना था कि दिल्ली में किसी भी तरह के आयोजन में भीड़ जुटाने पर प्रतिबंध लगा है। अब अगर 31 दिसंबर की शाम को कार्यक्रम होता है तो काफी संख्या में लोग नए साल का जश्न मनाने के लिए पहुंच सकते हैं। इसलिए एक दिन का सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं करने का फैसला लिया गया था। उसके बाद बुधवार को शाम को होने वाले प्रतिदिन के संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई थी। अब गुरुवार को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर जानकारी दी कि एहतियात के तौर पर मेल को बंद करने का फैसला लिया गया है।

हुनर हाट मेले में देश के 30 से अधिक राज्यों के कारीगरों ने भाग लिया
बता दें कि हुनर हाट मेले में देश के 30 से अधिक राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 700 से ज्यादा दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों ने भाग लिया। उनकी तरफ से 330 से अधिक स्टॉल लगाई गई। 23 दिसंबर से शुरू हुए मेले में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा समेत अन्य राज्यों के उत्पाद बिक्री के लिए लाए गए। मेले में सर्कस, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी आकर्षण का केंद्र रही।

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