नई दिल्ली3 घंटे पहलेलेखक: अनिरुद्ध शर्मा
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दीपावली से एक दिन पहले ही दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन हवा की गुणवत्ता में और गिरावट का अनुमान जताया है। लोगों को सलाह दी गई है कि जब तक बहुत जरूरी न हो, खुली हवा में न जाएं। यह हाल तब है जब इस बार पराली जलाने की घटनाओं में 51 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है और पटाखे भी नहीं जलाए जा रहे हैं।
बुधवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 311 रहा। पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की 22,554 घटनाएं कम हुई। इसके बाद भी 27 अक्टूबर से 2 नवंबर के दौरान दिल्ली का एक्यूआई क्रमश: 232, 268, 283, 268, 289, 281 व 303 दर्ज किया गया। दीपावली की पूर्वसंध्या पर बुधवार को यह 311 दर्ज हुआ।
मौसम विभाग ने कहा है कि 6 नवंबर तक दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रहेगी। 7 नवंबर को हवा की गति में तेजी आने के बाद गुणवत्ता में सुधार आना शुरू होगा, तब पीएम 2.5 की मात्रा में कमी आएगी। ऐसे में दिल्ली वासियों को सावधानी बरतनी होगी। बुधवार को दिल्ली व आसपास के इलाके में दक्षिण-पूर्वी हवा 6-10 किमी प्रति घंटे की गति से चली। जो 4 नवंबर यानी दीपावली के दिन पूर्वी व उत्तर-पूर्वी दिशा से बहने लगेगी और इसकी गति घटकर 6-8 किमी प्रति घंटे रह जाएगी।
5 नवंबर को हवा की गति 4 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी। इसलिए 4 नवंबर को हवा में बायोमास (पराली) जलाने के चलते होने वाले प्रदूषण खासकर पीएम 2.5 में बढ़ोतरी की संभावना 5 फीसदी से भी कम है क्योंकि हवा प्रदूषण बढ़ाने के अनुकूल नहीं हैं।
पर्यावरण के जानकारों का कहना है कि दिल्ली में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के आधा से भी कम होने व पटाखे न चलाए जाने के बावजूद एक्यूआई 300 से ज्यादा दर्ज हो रहा है तो यह निश्चित ही दिल्ली के निर्माण कार्यों व सड़क पर वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन की वजह से ज्यादा है। दिल्ली को निश्चित ही इन दोनों स्रोतों पर ज्यादा फोकस करने की जरूरत है।
