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Kovid Test Of Infected Person Can Be Done Again In 14 Days: Icmr – 14 दिनों में दोबारा हो सकती है संक्रमित व्यक्ति की कोविड जांच : आईसीएमआर

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नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने कहा कि कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों की पुन: आरटीपीसीआर जांच न करवाने संबंधी आईसीएमआर की सिफारिश को चुनौती याचिका पर अब सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है। दरअसल आईसीएमआर ने कहा कि यदि चिकित्सकीय संकेत मिलते हैं तो डॉक्टर प्रारंभिक जांच के 14 दिनों में फिर से जांच की सिफारिश करने के लिए स्वतंत्र है।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पॉजिटिव रोगियों की पुन: आरटीपीसीआर जांच न करवाने संबंधी चार मई को जारी एडवाइजरी को चुनौती देने वाले वकील करण आहूजा की याचिका पर कार्यवाही बंद कर दी। अदालत ने कहा यदि याचिकाकर्ता को भविष्य में फिर से शिकायत होने पर अदालत में आने की स्वतंत्रता है।
अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार स्वास्थ्य महानिदेशालय व आईसीएमआर की रिपोर्ट के बाद याची का उद्देश्य पूरा हो गया है, ऐसे में सुनवाई आगे जारी रखने की जरूरत नहीं है।
अधिवक्ता आहुजा ने हाल ही में याचिका दायर कर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आरटीपीसीआर जांच में एक बार संक्रमित मिलने वाले व्यक्ति को दोबारा यह जांच नहीं करवाने संबंधी परामर्श को चुनौती दी थी।
याची अधिवक्ता ने आईसीएमआर के चार मई के परामर्श को चुनौती देते हुए कहा है कि वह और उनके परिजनों के पहली बार 28 अप्रैल को संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। उसके बाद 17 दिनों से ज्यादा समय तक अलग रहने के बावजूद उनकी दोबारा जांच नहीं हो पा रही है।

नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने कहा कि कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों की पुन: आरटीपीसीआर जांच न करवाने संबंधी आईसीएमआर की सिफारिश को चुनौती याचिका पर अब सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है। दरअसल आईसीएमआर ने कहा कि यदि चिकित्सकीय संकेत मिलते हैं तो डॉक्टर प्रारंभिक जांच के 14 दिनों में फिर से जांच की सिफारिश करने के लिए स्वतंत्र है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पॉजिटिव रोगियों की पुन: आरटीपीसीआर जांच न करवाने संबंधी चार मई को जारी एडवाइजरी को चुनौती देने वाले वकील करण आहूजा की याचिका पर कार्यवाही बंद कर दी। अदालत ने कहा यदि याचिकाकर्ता को भविष्य में फिर से शिकायत होने पर अदालत में आने की स्वतंत्रता है।

अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार स्वास्थ्य महानिदेशालय व आईसीएमआर की रिपोर्ट के बाद याची का उद्देश्य पूरा हो गया है, ऐसे में सुनवाई आगे जारी रखने की जरूरत नहीं है।

अधिवक्ता आहुजा ने हाल ही में याचिका दायर कर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आरटीपीसीआर जांच में एक बार संक्रमित मिलने वाले व्यक्ति को दोबारा यह जांच नहीं करवाने संबंधी परामर्श को चुनौती दी थी।

याची अधिवक्ता ने आईसीएमआर के चार मई के परामर्श को चुनौती देते हुए कहा है कि वह और उनके परिजनों के पहली बार 28 अप्रैल को संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। उसके बाद 17 दिनों से ज्यादा समय तक अलग रहने के बावजूद उनकी दोबारा जांच नहीं हो पा रही है।

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