Greater Noida News : शिक्षिकाओं की CCL स्वीकृति की मांग तेज, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने डीएम को सौंपा पत्र, शिक्षिकाओं का हक, बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी भी निभाएंगी

📢 गौतम बुद्ध नगर, रफ़्तार टुडे।
गौतम बुद्ध नगर के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं को चाइल्ड केयर लीव (CCL) स्वीकृत न होने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसी मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी को पत्र सौंपते हुए जल्द से जल्द CCL स्वीकृत करने की मांग की।
संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि कई शिक्षिकाओं के बच्चे बोर्ड परीक्षा की तैयारी में लगे हैं, जबकि निपुण असिसमेंट टेस्ट भी पूरा हो चुका है। ऐसे में शिक्षिकाएं अपने बच्चों की देखभाल के लिए CCL लेना चाहती हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा इसे स्वीकृत नहीं किया जा रहा है।
📜 शिक्षिकाओं का हक, बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी भी निभाएंगी
संघ के मंडलीय मंत्री मेरठ, मेघराज भाटी ने कहा:
🗣️ “शिक्षिकाओं को अपने बच्चों की देखभाल के लिए सरकार द्वारा बाल्य देखभाल अवकाश (CCL) देने का प्रावधान है। जब उनके बच्चे बोर्ड परीक्षा में बैठ रहे हैं, तो इस अवकाश को रोकना अनुचित है।”
संघ के जिला अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा कि:
🗣️ “शिक्षिकाएं पूरे वर्ष विद्यालय में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती हैं, ऐसे में उनका यह हक बनता है कि उन्हें जरूरत पड़ने पर CCL मिले। हमने जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि सभी शिक्षिकाएं बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी निभाने को तैयार हैं, लेकिन उनकी CCL भी स्वीकृत की जानी चाहिए।”

📝 प्रमुख मांगें और मुद्दे:
✔️ शिक्षिकाओं को बोर्ड परीक्षा के दौरान CCL का लाभ मिले।
✔️ बच्चों की परीक्षाओं के दौरान माताओं को अवकाश देकर उन्हें मानसिक शांति प्रदान की जाए।
✔️ सरकारी नियमों के अनुसार शिक्षिकाओं को उनका अधिकार दिया जाए।
✔️ बोर्ड परीक्षा और स्कूल संचालन पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
👥 पत्र सौंपने के दौरान मौजूद संघ के पदाधिकारी:
📌 जिला संरक्षक: अशोक शर्मा
📌 जिला मंत्री: गजन भाटी
📌 वरिष्ठ उपाध्यक्ष: बलेराम नागर
📌 ब्लॉक अध्यक्ष (दनकौर): सतीश पहलवान
📌 ब्लॉक अध्यक्ष (जेवर): हेमराज शर्मा
📌 ब्लॉक अध्यक्ष (दादरी): रवि भाटी
📌 ब्लॉक अध्यक्ष (बिसरख): स्मिता सिंह
📌 अन्य: मंत्री मीना यादव, राम कुमार शर्मा, रोदास सिंह, वेदप्रकाश गौतम
📌 निष्कर्ष:
📢 उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षिकाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रशासन से स्पष्ट निर्णय लेने की मांग की है। शिक्षिकाओं को न सिर्फ बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी करनी पड़ रही है, बल्कि उन्हें अपने बच्चों की देखभाल भी करनी है। ऐसे में CCL स्वीकृत करने की मांग को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
रफ़्तार टुडे शिक्षकों और शिक्षा जगत से जुड़े हर मुद्दे की रिपोर्टिंग करता रहेगा।
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