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Zoo Administration Delhi Named Animals Through Online Poll – चिड़ियाघर: ‘राम’ को ‘लखन’ और ‘राजा’ को मिला ‘रानी’ का साथ, बल्लू-मायरा नाम से पुकारी जा रही ये जोड़ी

सार

लोगों ने गिद्द के लिए वायु, ज्वाला व जटायु समेत अन्य तरह के सुझाया था। अंतत: जटायु के नाम पर मुहर लगाई गई। इसी तरह मादा भालू का नाम मायरा व नर भालू का नाम बल्लू रखा गया है। 

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

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दिल्ली चिड़ियाघर में इन दिनों राम को लखन व राजा को रानी का साथ मिल गया है। इनके अलावा बाडे़ में उछल कूद करते बल्लू और मायरा अपना नाम सुनते ही दौड़ लगा रहे हैं। वहीं, मादा बबून भूमि एक आवाज पर ही फल लपकने के लिए तैयार हो जाती है। चिड़ियाघर प्रशासन की ओर से वन्यजीवों को नामकरण किया गया है। खास बात यह है कि इस बार वन्यजीवों के नामकरण के लिए लोगों से भी राय ली गई थी। इसके लिए प्रशासन ने सोशल मीडिया की भी मदद ली।

चिड़ियाघर की निदेशक डॉ. सोनाली घोष के मुताबिक, अगस्त में कई वन्यजीवों को चिड़ियाघर लाया गया था। इस कड़ी में प्रशासन ने वन्यजीवों के साथ अधिक समय बिताने वाले जू-कीपर से वन्यजीवों के नाम का सुझाव देने के लिए कहा था। इसके बाद सोशल मीडिया पर भी दो दिनों तक ऑनलाइन पोल किया गया। इसके तहत शुतुरमुर्ग के जोड़े को राम-लखन नाम दिया गया है। इनमें से एक शुतुरमुर्ग सितंबर में ही दिल्ली पहुंचा था, जिसके बाद अक्तूबर में उसके भाई को भी पंजाब के चिड़ियाघर से लाया गया था।

वहीं, जंगल कैट की श्रेणी में नर का नाम राजा व मादा का नाम रानी रखा गया है। इसी तरह काले हंस को मिनमिन नाम से पुकारा जाएगा। इससे पहले दिल्ली चिड़ियाघर में काले हंस का जोड़ा हुआ करता था। इसमें एक हंस की पूर्व में मौत हो गई थी।
 

आने वाले दिनों में घड़ियाल व लकड़बग्घा का भी नामकरण किया जाएगा। इनके लिए दिल्ली चिड़ियाघर ऑनलाइन पोलिंग की भी मदद लेगा। घड़ियाल के जोड़े को 2019 में जयपुर से लाया गया था, जबकि लकड़बग्घा पिछले वर्ष ही दिलली चिड़ियाघर में पहुंचा है। 
 

बीते अक्तूबर में केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे द्वारा बंगाल टाइगर रिद्दी व अदिति और शेरनी शैलजा, महागौरी व सिंह महेश्वर का नामकरण किया गया था। इन वन्यजीवों नामकरण नवरात्र को ध्यान में रखते हुए किया गया था। इन वन्यजीवों का नागुपर से दिल्ली चिड़ियाघर लाया गया था, जिसके बदले में दरियाई घोड़ों को भेजा गया था।  

विस्तार

दिल्ली चिड़ियाघर में इन दिनों राम को लखन व राजा को रानी का साथ मिल गया है। इनके अलावा बाडे़ में उछल कूद करते बल्लू और मायरा अपना नाम सुनते ही दौड़ लगा रहे हैं। वहीं, मादा बबून भूमि एक आवाज पर ही फल लपकने के लिए तैयार हो जाती है। चिड़ियाघर प्रशासन की ओर से वन्यजीवों को नामकरण किया गया है। खास बात यह है कि इस बार वन्यजीवों के नामकरण के लिए लोगों से भी राय ली गई थी। इसके लिए प्रशासन ने सोशल मीडिया की भी मदद ली।

चिड़ियाघर की निदेशक डॉ. सोनाली घोष के मुताबिक, अगस्त में कई वन्यजीवों को चिड़ियाघर लाया गया था। इस कड़ी में प्रशासन ने वन्यजीवों के साथ अधिक समय बिताने वाले जू-कीपर से वन्यजीवों के नाम का सुझाव देने के लिए कहा था। इसके बाद सोशल मीडिया पर भी दो दिनों तक ऑनलाइन पोल किया गया। इसके तहत शुतुरमुर्ग के जोड़े को राम-लखन नाम दिया गया है। इनमें से एक शुतुरमुर्ग सितंबर में ही दिल्ली पहुंचा था, जिसके बाद अक्तूबर में उसके भाई को भी पंजाब के चिड़ियाघर से लाया गया था।

वहीं, जंगल कैट की श्रेणी में नर का नाम राजा व मादा का नाम रानी रखा गया है। इसी तरह काले हंस को मिनमिन नाम से पुकारा जाएगा। इससे पहले दिल्ली चिड़ियाघर में काले हंस का जोड़ा हुआ करता था। इसमें एक हंस की पूर्व में मौत हो गई थी।

 

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