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कीएव की ओर बढ़ता रूस की सेना का 64 किलोमीटर लंबा क़ाफ़िला क्यों ठहर गया? राष्ट्रपति वोलोदोमीर ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन छोड़ दिया यह है वजह या कुछ और?

@gauravsharma030, Raftar today। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यूक्रेन की राजधानी कीएव की ओर बढ़ रहा रूसी सेना का विशाल क़ाफ़िला पिछले कुछ दिनों में बमुश्किल आगे बढ़ा है। बताया जाता है कि ये क़ाफ़िला 64 किलोमीटर लंबा है।

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मगर अमेरिकी रक्षा अधिकारियों का कहना है कि रूस अभी भी 30 लाख की आबादी वाले कीएव को घेरना और ज़रूरत होने पर उस पर क़ब्ज़ा करना चाहता है।

इस क़ाफ़िले की सैटेलाइट से ली गईं तस्वीरें 28 फ़रवरी को सामने आई थीं जिसके बाद से ये आशंका जताई जाने लगी थी कि जल्दी ही कोई हमला होने वाला है।

मगर ब्रिटिश और अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि शायद लॉजिस्टिक वजहों से यानी रसद या सामानों से जुड़ी दिक्कतों के कारण क़ाफ़िले के आगे बढ़ने में बाधा आ रही है।

गुरुवार सुबह एक ख़ुफ़िया अपडेट में ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ये क़ाफ़िला “पिछले तीन दिनों में बहुत मामूली तौर पर आगे बढ़ा है” और ये कीएव से 30 किलोमीटर दूर है।

इसकी कई वजहें हो सकती हैं जो बता सकती हैं कि ये विशाल क़ाफ़िला, जिसमें कि कई बख़्तरबंद गाड़ियाँ, टैंक और दूसरे सैन्य साज़ो-सामान हैं, उसने राजधानी की ओर बढ़ना क्यों बंद कर दिया।

इनमें रसद की समस्याओं के अलावा, यूक्रेन का अप्रत्याशित प्रतिरोध, और रूसी सैनिकों का कमज़ोर मनोबल जैसे कारण शामिल हैं।

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ब्रिटिश सरकार के मुताबिक़, मेकैनिकल ब्रेकडाउन यानी वाहनों के ख़राब हो जाने और जाम लगने के कारण समस्या आ रही है।

इसके अलावा खाने और ईंधन की सप्लाई भी सीमित बताई जा रही है. ये भी कहा जा रहा है कि ख़राब क्वालिटी और रखरखाव वाले टायरों की वजह से भी परेशानी आ रही है।

ब्रिटेन की संयुक्त सैन्य कमान के पूर्व कमांडर जनरल सर रिचर्ड बैरन्स ने कहा, “ईंधन, खाना, स्पेयर पार्ट्स और टायरों की रसद से जुड़ी भारी दिक्कत हो रही है… वो कीचड़ में फँस गए हैं जिनको निकालने में मुश्किल हो रही है।

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हालाँकि, उनका कहना है कि निर्देश और नियंत्रण संबंधी मुद्दे, जैसे कि रेडियो नेटवर्क और संचार साधनों का ख़राब होना, ये शायद ज़्यादा बड़ी चुनौतियाँ हो सकती हैं।

अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने भी कहा कि रूसी सेना को रसद से जुड़ी समस्याएँ आ रही हैं और उन्होंने जानबूझकर अपने आप को दोबारा संगठित करने और “प्रगति की समीक्षा और जो समय बर्बाद हुआ उसकी भरपाई करने का फ़ैसला किया है।

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