फरीदाबाद2 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

खोरी कॉलोनी के प्रभावित लोगों को परेशान करने वाली खबर है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केस की सुनवाई करते कहा कि आधार कार्ड से पुनर्वास का आधार नहीं बनता। ऐसे में यहां के लोगों को मायूसी हाथ लगी। क्योंकि अब आधार कार्ड के आधार पर किसी को पुनर्वास नहीं मिल सकता। ऐसे में अब प्रभावित लाेग नगर निगम और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की तैयारी में हैं।
निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार काे सुप्रीम कोर्ट में पुनर्वास मामले को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान काेर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि आधार कार्ड के आधार पर जिन लोगों ने मकान लेने के लिए आवेदन किया है, उन्हें मकान नहीं मिल सकता है। हरियाणा सरकार ने पुनर्वास पॉलिसी के तहत जो दस्तावेज निर्धारित किये हैं वहीं लोगों के लिए मान्य होंगे। कोर्ट के इस फैसले से मकान पाने वालों के सपने पर पानी फिर गया। उधर मजदूर आवास संघर्ष समिति के राष्ट्रीय कनवीनर निर्मल ने बताया कि मजदूरों के हक के लिए संघर्ष जारी रहेगा। अब लोग हरियाणा सरकार और नगर निगम के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। बता दें कि खोरी से हटाए गए लोगों को पुनर्वास के लिए हरियाणा सरकार ने पॉलिसी बनाई थी। जिसमें नियम ये रखा गया था कि जिसके बाद परिवार पहचान पत्र, बिजली बिल या राशन कार्ड में से कोई एक आईडी प्रूप होना चाहिए। तभी उसे मकान मिलेगा। इसके अलावा 15 नवंबर तक आवेदन का समय निर्धारित किया गया था। इस दौरान लोगों ने आवेदन करना शुरू कर दिया था। कुल 4700 लोगों ने मकान पाने के लिए आवेदन किया। इसी बीच मजदूर आवास संघर्ष समिति ने कोर्ट को कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित दस्तावेज कई लोगों के पास नहीं है इसलिए आधार कार्ड को मान्य किया जाए। जिसके बाद कुछ दिनों के लिए नगर निगम ने आधार कार्ड के आधार पर आवेदन लेने शुरू कर दिये। 1700 लोगों ने आधार कार्ड के आधार पर मकान पाने के लिए आवेदन किया। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद अब ये परिवार पुनर्वास के हकदार नहीं होंगे।