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दनकौर क्षेत्र के गांव वासी पहुंचे यमुना अथॉरिटी मिले OSD शैलेंद्र सिंह से, किसानों ने कहा कि तुम चाहते हो यह पर प्रकरण चिटहेरा बने, किसानों की मांग पर कहा कि हम जांच करेंगे बहुचर्चित 181 की

ग्रेटर नोएडा/दनकौर रफ्तार टुडे। दनकौर क्षेत्र के किसानों पहुंचे यमुना अथॉरिटी मिले हो OSD शैलेंद्र सिंह से मुलाकात की। किसानों ने कहा कि तुम चाहते हो यह पर प्रकरण चिटहेरा बने, किसानों की मांग पर कहा OSD शैलेंद्र सिंह कि हम जांच करेंगे। और दूध का दूध पानी का पानी करेंगे। ग्राम वासियों ने कहा कि यह बहुचर्चित 181 की जांच के आदेश हो गए हैं और जब तक खरीद-फरोख्त नहीं होगी जब तक जांच नहीं की जाएगी।

तहसील सदर ग्राम दनकौर गौतम नगर खाता संख्या 01130 की गाटा संख्या 166 नया गाटा 181 का कुल रकबा 32.3802 हेक्टेयर है। यह जमीन यमुना अथॉरिटी की भी है और यमुना अथॉरिटी को पता नहीं है ना उसकी पैमाइश की गई की गई। कुछ जाटव लोगों ने अपनी जमीन को संक्रमणी करके बेच गए और वो जमीन गौरव नागर ने ली। गौरव नागर ने 12 बीघा जमीन बेच भी दी और 370 बीघे अभी पड़ी है। जिसके चलते दोनों पक्षों के लोगों में आपसी दुर्व्यवहार भी हुआ। और उसमें कलेक्ट्रेट बाहर के अध्यक्ष व नागर 307 के मुकदमे में जेल भी गए लेकिन गांव में फैसला होकर केस निपटा दिया गया।

राजस्व अभिलेखों में उक्त जमीन में बंजर, व गोवंश के बैठने की स्थान व यमुना प्राधिकरण के कुछ काश्तकारों के नाम कागताज माल में दर्ज है। तथा उक्त यह भी सभी का शिकार व संस्थाएं खाता संख्या वह गाटा संख्या में शहादत पर है परंतु आज तक किसी भी संस्था (ग्राम सभा व यमुना प्राधिकरण के आदि के) सहखतेदार के हिस्सा तक्सीम किसी भी सक्षम न्यायालय से नहीं हुआ है।

ग्राम ऊंची दनकौर थाना दनकौर में गौरव नागर, अखिलेश नागर पुत्र धनीराम नागर व श्रीमती मधु नगर पत्नी धनीराम नागर व धनीराम नागर पुत्र स्वर्गीय तेजपाल सिंह गाटा संख्या 181 में फर्जी रूप से पटरी करा कर रखी है। तथा कुछ जाटव लोगों के पट्टे पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के काल में फर्जी रूप से पट्टे कराकर में दर्ज कर दिए गए जिसमें भ्रष्टाचार में लिप्त होकर तत्कालीन अधिकारियों द्वारा फर्जी पट्टे के दर्ज कर कर लिए गई।

पिछले 100 वर्षों में गांव के लोगों के द्वारा कुड़ी बिठोड़ा, पशुओं की बैठने व हड़वार के रूप में होता चला आ रहा है इस बीच 2006-7 में यमुना विकास प्राधिकरण का गठन किया गया था जिसमें दनकौर क्षेत्र में जमीनों के रेट काफी बढ़ गए थे और भूमाफिया किस्म के लोगों की नजर नजर ग्राम समाज में बंजर व जनता के उपयोग की जमीनों पर नजर पर नजर पड़ गई और इन लोगों ने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के साथ लेकर उक्त जमीन के पट्टे पूर्व तिथियों में करा लिए गए जिनका कोई आज तक ना तो के रिकॉर्ड मिला है और ना यह पट्टे उपलब्ध है।

जिसमें कि उक्त गाटा संख्या व खाता संख्या में ओमप्रकाश पुत्र रूप में मेला मेवाराम, सोहन अंतराल पुत्रगण नत्थू व बलवीर व कुवरपाल पुत्र नत्थू निवासी ग्राम निवासी दनकौर थाना दनकौर के नाम पर एक पट्टा फर्जी तौर पर करा लिया गया। जबकि पट्टे की जमीन को उन लोगों को दिया जाता है जो लोग भूमि होते हैं।

परंतु इन लोगों के द्वारा उक्त फर्जी पट्टों को दिनांक 1:12 2014 के वार्ड संख्या 59/ 2013-14 अंतर्गत धारा 143 की कार्रवाई के बाद पत्र के साथ शपथ पूर्वक फर्जी शपथ पत्र देकर कहा गया की उक्त भूमि में निर्माण आदि के आने के बाद मकान दुकान आदि बनाकर का काबिज है। और उक्त भूमि को गैर किसी प्रयोग में लाया जा रहा है।

और तत्कालीन अधिकारियों के द्वारा भूमि के बारे में किसी भी प्रकार की कोई अधिकृत रिपोर्ट नहीं लगाई गई और ना मौके पर भौतिक सर्वे किया गया और कागजों में फर्जी रिपोर्ट लगवा कर उक्त भूमि को 143 का लाभ दे दिया गया।

जब गांव वालों को इसका पता लगा तो उन्होंने शिकायत द्वारा थाने पर वह प्राधिकरण में प्रशासन स्तर पर किया गया जिसकी वजह से पुलिस द्वारा मौके पर जाकर काम रोकने रोकने का आदेश गौरव आदि को दिया परंतु उन लोगों ने के द्वारा जो लोग ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा करने से लोग रहे थे पुलिस की मौजूदगी में ही अपने लाइसेंसी पिस्टल और उनके घर जाकर फायरिंग कर दी और उक्त लोगों के द्वारा वहां पर लाठी-डंडे और उक्त लोगो के द्वारा लोग लोगों पर हमला भी कर दिया गया जिसमें की 307, की कार्रवाई हुई वह जेल भेजे गए।

जो हमने यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन से बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में नहीं है वह OSD शैलेंद्र सिंह से बात करो, हमने कहा कि तुम तुम्हारे पास मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव के लेटर आए होंगे तो उन्होंने बोल दिया मेरे पास तो नहीं आए।

जब हमने OSD शैलेंद्र सिंह से बात की तो उन्होंने हमारा फोन नहीं उठाया।

जब इस मुद्दे पर ग्रामवासी मिले तो उन्होंने आश्वासन दिया कि हम खरीद-फरोख्त रुकवा देंगे और जब तक मामले की जांच ना हो जाए जब तक कुछ भी खरीद फरोख्त नहीं होने देंगे।

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