श्री सनातन धर्म रामलीला समिति (पंजीकृत) समिति द्वारा राम जन्म लीला और ताड़का, सुबाहु वध दिखाया गया
ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। आज दिनांक 27.09.2022 को होनेवाली रामलीला मंचन के कुछ दृष्य
श्री सनातन धर्म रामलीला समिति (पंजीकृत) समिति द्वारा राम जन्म लीला और ताड़का, सुबाहु वध दिखाया गया।
- दसरथ ,सुमंत,और रानियों का महल में विचार विमर्श , सुमंत द्वारा दसरथ को वशिष्ठ मुनि आश्रम जाने को कहना
- वशिष्ट मुनि आश्रम में दसरथ और सुमंत का परवेश, दसरथ द्वारा अपनी व्यथा गुरु को बताना, गुरु द्वारा उपाय के रूप सृंगी ऋषि को बुलवाने का आदेश देना , सुमंत का निकलना, तथा यज्ञ की तयारी करना , श्रृंगी ऋषि का आना और यज्ञ करना, अग्नि देव का प्रकट होना हव्या देना, राजा द्वारा गुरु को प्रणाम कर हर्षित रूप में वशिष्ठ आश्रम से प्रस्थान
करना । - महल में खुशी का वातावरण, दासी द्वारा तीनों रानियों को बुलवाना, तीनों रानियों को हव्य देना, तीनों रानियों का बाट कर खाना, और दसरथ और रानियों का महलों से निकल जाना।
- दसरथ और सुमंत का व्याकुलता से सूचना का इंतजार करना, दासी का आना और शुभ समाचार सुनाना, अन्य दो दासी का आना और शुभ समाचार सुनाना, महल में खुशी का वातावरण , दसरथ द्वारा उत्सव मनाने का आदेश देना स
- दसरथ और तीनों रानियों का महल में आना गोद में बच्चे है , नृत्य होना, जन्मे अवध में राम पर नृत्य
- किन्नरों का प्रवेश और नृत्य
- छोटे राम लक्ष्मण और तीनों रानी और दसरथ के साथ गीत ठुमक चलत रामचंद्र
- विश्वामित्र आश्रम में यज्ञ, ऋषि मुनि व विश्वामित्र यज्ञ कर रहे होते है तभी दानव और सुबाहु मारीच आते है और उन्हें परेशान करतें है और विश्वामित्र का क्रोध देख फिर भाग जाते है विश्वामित्र का गाना बजता है हे जग के पालनहार और इस गाने में बीच में बार बार दानव दैत्य आते है और परेशान करके जाते है गाने के अंत में आकाशवाणी होती है और अंत में सब ऋषिगण खुश होते है और विश्वामित्र अयोध्या जाने का निर्णय लेते है स
- दसरथ दरबार लगा है वशिष्ट मुनि और सुमंत विचार विमर्श कर रहे है तभी सैनिक आता है और विश्वामित्र आगमन की खबर देता है , विश्वामित्र जी को लेने दसरथ, सुमंत जाते है और दरबार में लाकर आसन ग्रहण करते है , दसरथ जी विश्वामित्र से आगमन का कारण पूछते है, विश्वामित्र अपना संकट बता कर राम लक्ष्मण को साथ ले जाने को कहते है , दसरथ जी के माना करने पर विश्वामित्र क्रोधित होकर निकलते है तभी वशिष्ट द्वारा समझाने पर सुमंत को राम लक्ष्मण बुलवाने का आदेश दिया जाता है
राम लक्ष्मण आते है और प्रणाम कर संवाद होता है दोनो विश्वामित्र के साथ निकल जाते है - विश्वामित्र और राम लक्ष्मण घने वन से जा रहे होते है लक्ष्मण राम को विश्वामित्र ताड़का की जानकारी देते है , ताड़का पूरे में हु हा करती है , बच्चे के पेट को फाड़ती है , अंत में राम लक्ष्मण ताड़का युद्ध होता है और ताड़का का अंत होता है , राम लक्ष्मण को विश्वामित्र आशीर्वाद देते है स
11, सुबाहु मारीच दरबार लगा है नृत्य चल रहा है एक सैनिक आता है और चाची ताड़का के मृत की सूचना देता है सूचना पाकर दोनो बदला लेने को निकलते है
12 राम लक्ष्मण सुबाहु मारीच संवाद, और युद्ध होता है मारीच भाग जाता है और सुबाहु का ओहि अंत हो जाता है दोनो राजकुमार गुरु के चरणों में प्रणाम करते है और निकल जाते है । अंत में राम लक्ष्मण , विश्वामित्र की आरती होती है।
समिति के चेयरमैन टी.एन. गोविल, अध्यक्ष टी.एन. चौरसिया, कार्यकारी अध्यक्ष सुषील भारद्वाज, महासचिव संजय बाली, कोशाध्यक्ष अल्पेष गर्ग, अतुल मित्तल, रमेष कुमार, एन.के. अग्रवाल, अनिल गुप्ता, सौरभ गोविल, विकास जैन, रोहित श्रीवास्तव, ओ.पी. गुप्ता, नवनीत गुप्ता, निखिल गुप्ता, पुनीत षुक्ला, सौरभ राणा, डी.के. मित्तल, रमन भोला, विजय अग्रवाल, गिरीष बत्रा, राम अवतार गोयल, अमित अग्रवाल, कमल कुमार इलेक्ट्रा, राकेष जैन, सुनील गुप्ता, दीपक गौतम, कुलदीप गुप्ता, परवेष बंसल, राजीव त्यागी, लोकेश कष्यप, सुनील, अनुप शर्मा, रविकांत पुरी, प्रमोद रंगा आदि काफी संख्या में समिति के सदस्य उपस्थित रहे।