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Shrikant Tyagi case:-ताजा स्थितियां कर रहीं हैं कहीं और इशारा? गैंगस्टर विनय त्यागी से रंजिश चली आ रही है उससे जान को खतरा है, सांसद महेश शर्मा तो एक बहाना है, विरोधियों के संग मिलकर उनपर साधना निशाना है

नोएडा, रफ्तार टुडे। श्रीकांत की धर्मपत्नी अनु त्यागी जी का बयान छपा है, जिसे पढ़ना बहुत जरूरी है, पढ़ने के उपरांत इस निष्कर्ष पर सहज ही पहुंचा जा सकता है कि श्रीकांत की काफी समय पहले से ही अपनी स्वजातीय किसी गैंगस्टर विनय त्यागी से रंजिश चली आ रही है।

श्रीकांत की पत्नी श्रीमती अनू त्यागी जी के बयान के अनुसार उक्त गैंगस्टर विनय त्यागी पहले भी भयानक एवं जानलेवा हमला भी करा चुका है जिसमें श्रीकांत की जान जैसे तैसे बची थी।
तत्पश्चात सरकार ने श्रीकांत को वाई श्रेणी की सुरक्षा भी उपलब्ध कराई थी।

 जब ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी का मामला प्रकाश में आया तब श्रीकांत के पास किसी भी प्रकार की कोई सुरक्षा भी नहीं थी और श्रीकांत को अपनी जान का खतरा भी निरंतर बना हुआ था ।


   अब सच्चाई यह भी हो सकती है कि चूंकि श्रीकांत को अपने ही समाज के गैंगस्टर विनय त्यागी से जान का खतरा बना हुआ था, तो हो सकता है कि श्रीकांत ने जानबूझकर ऐसी स्थितियां पैदा की जिससे उनके विरुद्ध छोटी मोटी धाराओं में शिकायत हो और वह जेल चले जाए ! 

इससे दो निशाने साधे जा सकते हैं एक तो निरंतर जान का खतरा बने रहने एवं सुरक्षा उपलब्ध ना होने की वजह से जेल में रहना अधिक सुरक्षित है यह सर्व विदित है, दूसरा निशाना यह कि उक्त मसले से जनपद के वर्तमान सांसद डॉ महेश शर्मा जी का नाम यदि जोड़ दिया जाए तो सांसद के राजनीतिक विरोधियों का सहारा लेकर एवं सांसद जी के बड़े कद के कारण मीडिया में यह मामला चलता रहेगा।

और मीडिया ट्रायल होने के कारण उनकी जान के पीछे पड़े लोगों में भय बना रहेगा, जिससे एक ओर श्रीकांत को सामान्य अभियुक्त से अधिक पुलिस सुरक्षा मिलेगी जोकि मिल भी रही है! यह तो हो गया सुरक्षा का प्रश्न।

दूसरा क्योंकि श्रीकांत की पूर्व से ही विधानसभा चुनाव लड़ने की राजनीतिक मंशा एवं महत्वाकांक्षा रही है इसलिए उत्पीड़न के नाम पर भोले-भाले त्यागी समाज के लोगों को फुसलाकर सहानुभूति लेने का पूर्ण प्रयास किया गया, जो आज भी जारी है, इससे यह लाभ होगा की समाज की नजर में श्रीकांत एवं उनके परिवार को सहानुभूति मिलेगी और अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते आगामी विधानसभा चुनाव में वह उत्पीड़न के नाम पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे ही और समाज से अपील करेंगे कि उनका उत्पीड़न हुआ। इसलिए उन्हें विधायक बनाया जाए ।

अब सार यह है कि यह एक तीर से दो सटीक निशाने साधे गए हो सकते हैं कि एक और पुलिस की सुरक्षा मिलेगी, दूसरी ओर समाज की सहानुभूति जिससे मुरादनगर विधानसभा जोकि त्यागी समाज बहुत है, से चुनाव लड़ने में की जमीन तैयार हो।

यहां ध्यान देने योग्य एक और भी बात है कि वर्तमान में भारी पुलिस सुरक्षा के मध्य भी बुलेट प्रूफ जैकेट की मांग की जा रही है, इसका मतलब यह है कि अपने सजातीय गैंगस्टर से किस कदर श्रीकांत को जान का खतरा है, जान का खतरा क्यों है इस तथ्य से पर्दा उठना अभी शेष है, राजनीति में पर्दे के पीछे स्थितियां कुछ और होती हैं एवं सच्चाई कुछ और…

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