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The officials who appeared in front of the assembly committee said – real world events are also visible on our platform | विधानसभा की समिति के सामने पेश फेसबुक हुए अधिकारी बोले- असल दुनिया की घटनाएं हमारे मंच पर भी दिखाई देती हैं

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नई दिल्ली6 घंटे पहले

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दिल्ली में दंगों के दौरान हेड कांस्टेबल पर बंदूक तानने वाले शाहरुख ने कोर्ट में दलील दी कि वह केवल उन्हें डराना चाहता था। -फाइल फाेटो - Dainik Bhaskar

दिल्ली में दंगों के दौरान हेड कांस्टेबल पर बंदूक तानने वाले शाहरुख ने कोर्ट में दलील दी कि वह केवल उन्हें डराना चाहता था। -फाइल फाेटो

पिछले साल पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों को लेकर फेसबुक के अधिकारी गुरुवार को विधानसभा की शांति समिति के सामने पेश हुए। समिति के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने फेसबुक के अधिकारियों से बातचीत की। साथ ही दंगों से एक महीने पहले और दो महीने बाद फेसबुक पर पोस्ट की गई सामग्री पर यूजर्स की रिपोर्ट (शिकायत) के रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया। विधानसभा की शांति और समरसता समिति के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने फेसबुक इंडिया (मेटा प्लेटफॉर्म्स) के पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर शिवनाथ ठुकराल के आवेदन पर सुनवाई के बाद रिकॉर्ड पेश करने के लिए कहा।

चड्ढा ने फेसबुक के अधिकारी से कंपनी की संगठन संरचना, शिकायत सुनने की व्यवस्था, सामुदायिक मानकों और घृणा पैदा करने वाले पोस्ट की परिभाषा के बारे में भी जानकारी ली। ठुकराल ने कहा कि फेसबुक कोई कानून प्रवर्तन एजेंसी नहीं है लेकिन जरूरत पड़ने पर वह ऐसी एजेंसियों से सहयोग करती है। सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा, ‘जब असल दुनिया में घटनाएं होती हैं तो वे हमारे मंच पर भी दिखाई देती हैं। हम अपने मंच पर घृणा का प्रसार नहीं चाहते। कुछ बुरे लोग हैं जिनके खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है।’

कंटेंट मैनेजमेंट के लिए 40 हजार लोगों की टीम
ठुकराल ने कहा कि फेसबुक में कंटेंट मैनेजमेंट पर काम करने के लिए 40 हजार लोग हैं जिसमें से 15 हजार लोग कंटेंट को मॉडिफाई करते हैं। सामुदायिक मानकों के विरुद्ध सामग्री पाए जाने पर वह मंच से तत्काल हटा ली जाती है। बता दें कि समिति ने गलत, भड़काऊ और बुरी नीयत से भेजे गए संदेशों पर लगाम लगाने में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की भूमिका पर विचार रखने के लिए फेसबुक इंडिया को तलब किया था।

इधर, शाहरुख की कोर्ट में दलील, बंदूक तानने के पीछे केवल डराना था इरादा
पिछले साल दिल्ली में दंगों के दौरान पुलिस के एक हेड कांस्टेबल पर कथित तौर पर बंदूक तानने वाले शाहरुख पठान ने कोर्ट में दलील दी है उसने गोली नहीं चलाई और वो केवल उन्हें डराना चाहता था। पिछले साल राजधानी में सांप्रदायिक दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर बंदूक तानते हुए शाहरुख पठान की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी।

शाहरुख को 3 मार्च, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद है। गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान शाहरुख की वकील मेनका गुरुस्वामी ने कोर्ट में घटना के समय का एक 26 सेकेंड का वीडियो भी चलाया है और कहा कि आरोपी ने दो गोलियां चलाईं थी, जिसमें एक हवाई फायरिंग थी और दूसरी गोली सीधे चलाई थी, जिसके बाद पुलिस कांस्टेबल दहिया से तीखी नोकझोंक की और फिर वापस लौट गया।

इस बीच अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने वकील को वीडियो फिर से चलाने के लिए कहा और हवा में गोली चलाने से ठीक पहले शाहरुख की बंदूक की स्थिति की ओर इशारा किया। जज ने कहा, उसके बंदूक की स्थिति को देखें। वह ऊपर की ओर नहीं है बल्कि सीधा है। जब वह निशाना लगा रहा था तो बंदूक सीधी थी। हालांकि, वकील ने स्पष्ट किया कि दोनों में से किसी ने भी हेड कांस्टेबल को निशाना नहीं बनाया। बचवा में वकील ने आगे कहा कि मामला दहिया पर आधारित है। वह संभावित शिकार है और उस पर गोली नहीं चलाई जाती है।

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