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Pollution Level In Delhi Aqi Decreased By 61 Points In Last 24 Hours, Aqi Stood At 328 – प्रदूषण: दिल्ली-एनसीआर की हवा में आंशिक सुधार, पहले सप्ताह में राहत बरकरार, तीन दिसंबर से चलेंगी तेज हवाएं

सार

सफर का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों में हवाओं की सुस्त रफ्तार की वजह से वायु गुणवत्ता में अधिक बदलाव की संभावना नहीं है। आगामी तीन दिसंबर से हवाओं की तेज चाल से प्रदूषकों को छंटने में मदद मिलेगी। जबकि, वर्तमान में मिक्सिंग हाइट व वेंटिलेशन इंडेक्स कम होने की वजह से प्रदूषक फैल नहीं पा रहे हैं। 

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मौसमी दशा बदलने व हवा की रफ्तार ने दिल्ली-एनसीआर की हवा में आंशिक सुधार किया है। दिल्ली के साथ एनसीआर कई शहरों की हवा का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक बहुत खराब श्रेणी के नीचले स्तर पर पहुंच गया है। दो दिसंबर को बारिश के बाद आगामी तीन दिसंबर से तेज हवाएं चलने से हवा में सुधार की संभावना है। 

दिसंबर के पहले सप्ताह में हवा की स्थिति बेहतर रह सकती है। वायु मानक संस्था सफर के मुताबिक, बीते 24 घंटे में पड़ोसी राज्यों में 186 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। 

इससे उत्पन्न होने वाले पीएम 2.5 की प्रदूषण में सिर्फ एक फीसदी हिस्सेदारी रही। हवाओं की दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर बनी हुई है, लेकिन पराली जलने की कम घटनाओं के कारण दिल्ली के प्रदूषण में इसकी कम हिस्सेदारी रिकॉर्ड की जा रही है। मंगलवार को हवा में पीएम 10 का स्तर 263 व पीएम 2.5 का स्तर 140 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रिकॉर्ड किया गया। 

सफर का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों में हवाओं की सुस्त रफ्तार की वजह से वायु गुणवत्ता में अधिक बदलाव की संभावना नहीं है। आगामी तीन दिसंबर से हवाओं की तेज चाल से प्रदूषकों को छंटने में मदद मिलेगी। जबकि, वर्तमान में मिक्सिंग हाइट व वेंटिलेशन इंडेक्स कम होने की वजह से प्रदूषक फैल नहीं पा रहे हैं। 
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान(आईआईटीएम) के मुताबिक, मंगलवार को हवा की रफ्तार आठ से 12 किमी प्रतिघंटा रिकॉर्ड की गई है। इससे प्रदूषकों को फैलने में मदद मिली है। अगले दो दिनों तक हवा की रफ्तार चार किमी प्रति घंटा बने रहने का पूर्वानुमान है। 

मिक्सिंग हाइट 1100 मीटर रहने की वजह से प्रदूषकों को  फैलने में मदद मिली है। हालांकि, अगले दो दिनों में यह घटकर 800 से एक हजार मीटर तक होगी। हवा की रफ्तार व मिक्सिंग हाइट के अनुपात के कारण मंगलवार को वेंटिलेशन इंडेक्स सात हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड दर्ज किया गया। 

आईआईटीएम का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों में यह घटकर 2500 से तीन हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रह सकता है। इससे प्रदूषकों को फैलने के लिए कम जगह मिलेगी और हवा में प्रदूषक मौजूद रहेंगे। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 328 दर्ज किया गया। इससे एक दिन पहले यह 389 रहा था। वहीं, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा व नोएडा की हवा बहुत खराब श्रेणी से खिसक कर खराब श्रेणी में पहुंची है। दिल्ली-एनसीआर में  हवा  में सबसे अधिक सुधार ग्रेटर नोएडा में हुआ है। बीते एक दिन पहले यहां का एक्यूआई 350 दर्ज किया गया था, जबकि  मंगलवार को यह 254 रहा। 

              30 नवंबर      29 नवंबर 
दिल्ली          328              389
फरीदाबाद    331          276
गाजियाबाद    287         365
ग्रेटर नोएडा    254        350
गुरुग्राम          332         395
नोएडा            291         356
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दिल्ली के पांच हॉटस्पॉट
ओखला
जहांगीरपुरी
नरेला
द्वारका
पटपड़गंज
 

विस्तार

मौसमी दशा बदलने व हवा की रफ्तार ने दिल्ली-एनसीआर की हवा में आंशिक सुधार किया है। दिल्ली के साथ एनसीआर कई शहरों की हवा का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक बहुत खराब श्रेणी के नीचले स्तर पर पहुंच गया है। दो दिसंबर को बारिश के बाद आगामी तीन दिसंबर से तेज हवाएं चलने से हवा में सुधार की संभावना है। 

दिसंबर के पहले सप्ताह में हवा की स्थिति बेहतर रह सकती है। वायु मानक संस्था सफर के मुताबिक, बीते 24 घंटे में पड़ोसी राज्यों में 186 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। 

इससे उत्पन्न होने वाले पीएम 2.5 की प्रदूषण में सिर्फ एक फीसदी हिस्सेदारी रही। हवाओं की दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर बनी हुई है, लेकिन पराली जलने की कम घटनाओं के कारण दिल्ली के प्रदूषण में इसकी कम हिस्सेदारी रिकॉर्ड की जा रही है। मंगलवार को हवा में पीएम 10 का स्तर 263 व पीएम 2.5 का स्तर 140 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रिकॉर्ड किया गया। 

सफर का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों में हवाओं की सुस्त रफ्तार की वजह से वायु गुणवत्ता में अधिक बदलाव की संभावना नहीं है। आगामी तीन दिसंबर से हवाओं की तेज चाल से प्रदूषकों को छंटने में मदद मिलेगी। जबकि, वर्तमान में मिक्सिंग हाइट व वेंटिलेशन इंडेक्स कम होने की वजह से प्रदूषक फैल नहीं पा रहे हैं। 

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