Visvesvaraya College News : ग्रेटर नोएडा में शिक्षा पर संकट, विश्वेश्वरैया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस पर छात्रों का गुस्सा फूटा, 200 से अधिक विद्यार्थियों का भविष्य अधर में, छात्रों का फूटा गुस्सा कैंपस में धरना और हंगामा, “हमारे भविष्य से किया खिलवाड़”

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले कॉलेज अगर छात्रों के सपनों से खिलवाड़ करने लगें, तो उस दर्द को शब्दों में बयान करना मुश्किल हो जाता है। ग्रेटर नोएडा के दादरी क्षेत्र स्थित विश्वेश्वरैया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस इस समय छात्रों के गुस्से और आक्रोश का केंद्र बना हुआ है। आरोप है कि संस्थान ने डी. फार्मा और बी. फार्मा कोर्स बिना आवश्यक मान्यता और लाइसेंस के शुरू कर दिए, जिससे करीब 200 छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया।
छात्रों का फूटा गुस्सा कैंपस में धरना और हंगामा
सोमवार को संस्थान परिसर में छात्रों ने जमकर हंगामा किया और धरने पर बैठ गए। आक्रोशित छात्रों का कहना है कि जब उन्होंने एडमिशन लिया, तब कॉलेज प्रशासन ने सब कुछ वैध और मान्यता प्राप्त बताया। लाखों रुपये की फीस वसूली गई, लेकिन अब 6 महीने से लेकर एक साल बाद तक उन्हें यह कहकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया कि कोर्स मान्य नहीं है।
“हमारे भविष्य से किया खिलवाड़”
धरने पर बैठे एक छात्र ने भावुक होकर कहा “हमने लाखों रुपये खर्च कर दाखिला लिया था। हमारे माता-पिता ने सपनों को पूरा करने के लिए कर्ज तक लिया। अब जब हकीकत सामने आई है तो कॉलेज प्रशासन पल्ला झाड़ रहा है। हमारा भविष्य पूरी तरह बर्बाद हो रहा है।”
छात्रों का आरोप है कि न नियमित क्लास चल रही हैं और न ही पढ़ाई का कोई ठोस ढांचा है। हर बार जब छात्र सवाल पूछते हैं तो उन्हें टाल-मटोल जवाब मिलते हैं।
मान्यता की सच्चाई पर बड़ा सवाल
फार्मेसी जैसे संवेदनशील कोर्स के लिए फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) की मान्यता अनिवार्य होती है। लेकिन छात्रों का कहना है कि कॉलेज के पास न तो PCI की मान्यता है और न ही राज्य सरकार से स्वीकृति। बावजूद इसके, प्रवेश देकर छात्रों का भविष्य दांव पर लगा दिया गया।
200 से अधिक परिवारों में चिंता और तनाव
करीब 200 छात्रों और उनके परिवारों पर इस पूरे मामले का गहरा असर पड़ा है। छात्रों के चेहरे पर निराशा साफ झलक रही है। कई छात्र-छात्राओं ने कहा कि उन्होंने सपना देखा था कि फार्मेसी की पढ़ाई करके नौकरी पाएंगे, लेकिन अब वे मानसिक तनाव में हैं।
प्रशासन से लगाई गुहार
छात्रों ने कई बार कॉलेज प्रशासन और प्राधिकरण से मान्यता संबंधी दस्तावेज दिखाने की मांग की, लेकिन हर बार उन्हें नकारात्मक जवाब मिला। अब वे प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि इस मामले में जल्द हस्तक्षेप किया जाए।
कानूनी लड़ाई की तैयारी में छात्र
कुछ छात्रों ने बताया कि अगर उनकी समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे कानूनी रास्ता अपनाएंगे और कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। उनका कहना है कि यह केवल पैसों की नहीं, बल्कि जीवन और करियर बर्बाद होने की लड़ाई है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और संगठनों का समर्थन
धरने पर बैठे छात्रों के समर्थन में कुछ सामाजिक संगठनों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी आवाज उठाई है। उनका कहना है कि यह मुद्दा सिर्फ छात्रों का नहीं, बल्कि पूरे समाज से जुड़ा है। अगर इस तरह शिक्षा के नाम पर व्यापार होगा तो आने वाली पीढ़ियों का विश्वास खत्म हो जाएगा।
अभी तक कॉलेज प्रशासन चुप
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे विवाद पर कॉलेज प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। न तो कोई आधिकारिक बयान सामने आया और न ही मान्यता से जुड़ा कोई प्रमाणपत्र दिखाया गया।
ग्रेटर नोएडा जैसे शिक्षा हब में अगर इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, तो यह केवल छात्रों के भविष्य को ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की शैक्षणिक साख पर भी धब्बा है। छात्रों की मांग है कि प्रशासन तुरंत कार्रवाई करे और दोषी संस्थान पर कड़ी सख्ती दिखाए।



