नौकरी छूटने के बाद भी नहीं छोड़ी मंजिल की आस, हौंसले ने बनाया फैक्ट्री का मालिक, कोरोना काल में छूट गई थी नौकरी, आज दे रहे हैं 10 लोगों को रोजगार
गाजियाबाद, रफ्तार टुडे । इंसान अगर मन में कुछ करने की ठान ले तो उसे मंजिल तक पहुंचने में कोई रोक नहीं सकता। ये बात सिद्ध होती है गाजियाबाद के उमेश गर्ग पर। कोरोनाकाल में हजारों लोगों की तरह नौकरी गंवाने वाले वाले उमेश ने भी एक साल तक तमाम परेशानियों का सामना किया लेकिन टीवी पर देखे एक विज्ञापन ने उमेश को उनकी मंजिल तक पहुंचने में मदद की।
बता दें कि कोरोनाकाल में नौकरी गंवाने वाले हजारों लाखों लोगों में से कुछ ऐसे नगीने भी थे जिन्होंने तिनके भर का सहारा मिलते ही अपनी मंजिल की ओर कदम बढ़ा दिए। ऐसे ही एक हीरे का नाम है उमेश गर्ग। कोरोना काल से पहले उमेश गाजियाबाद स्थित एक पंखे की फैक्ट्री में काम करते थे। लगभग 5 साल काम करने के बाद कोरोना महामारी की पहली लहर ने सब कुछ तबाह कर दिया और उमेश को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। उमेश से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि एक दिन टीवी पर उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत लोन लेने का उन्होंने विज्ञापन देखा। बस यही विज्ञापन उनके लिए मील का पत्थर साबित हुआ और इस विज्ञापन ने उमेश की जिंदगी को बदल दिया। उमेश ने इसी योजना के तहत 20 लाख रुपये का लोन लेकर नवम्बर 2021 में अपनी फैक्ट्री शुरू की। गाजियाबाद के मेरठ रोड पर उमेश द्वारा स्थापित की गई श्री श्याम फूड इंडस्ट्रीज़ के नाम से शुरू की गई फैक्ट्री में उच्च गुणवत्ता का आटा निर्मित होता है। उमेश कहते हैं कि जिस प्रकार अंधेरे के बाद उजाला जरूर आता है, उसी प्रकार उनके जीवन में भी हुआ है। अब वह अपने परिवार के साथ भी अधिक समय बिता पाते हैं।
10 लोगों को मिल रहा है रोजगार:-
कभी खुद रोजगार के लिए परेशान रहे उमेश आज 10 लोगों को अपनी फैक्ट्री में रोजगार दे रहे हैं। फैक्ट्री में काम करने वाले सभी कर्मचारियों से वह परिवार की तरह ही व्यवहार भी रखते हैं। उमेश कहते हैं कि नौकरी में जो कुछ करना व सहन करना पड़ता है वह उससे अच्छी तरह वाकिफ हैं। इसीलिए प्रत्येक कर्मचारी के सुख दुख से वह दिल से जुड़े रहते हैं।
परिवार के सपोर्ट से मिली मंज़िल:-
उमेश कहते हैं कि नौकरी जाने के बाद उनके परिवार ने उनका बहुत साथ दिया। कभी भी उनकी हिम्मत टूटने नहीं दी। फैक्ट्री में काम करने के अनुभव और परिवार के सपोर्ट के कारण वह आज इस मुकाम पर खड़े हैं। कभी सोचा भी नहीं था कि फैक्ट्री में काम करने वाला मैं एक फैक्ट्री का खुद मालिक बन जाऊंगा।
कारोबार को आगे बढ़ाने की है योजना:- कारोबार को आगे किस प्रकार बढ़ाना है इस बारे में कार्य योजना बना रहा हूँ। प्रधानमंत्री योजना के तहत समय पर लोन मिलने से नया व्यापार स्थापित करने में मदद मिली। अब इसी व्यापार को अपनी मेहनत के बल पर आगे बढ़ाने की योजना बना रहा हूँ।