BIG BREAKING : वेव ग्रुप के फाइनेंस डायरेक्टर पर ईडी ने दर्ज करवाई एफआईआर, आम आदमी पार्टी से मनी लॉन्ड्रिंग और दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े तार
नोएडा, रफ्तार टुडे। नोएडा से आज की सबसे बड़ी खबर है। एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने वेव समूह के फाइनेंस डायरेक्टर के खिलाफ शहर के थाना सेक्टर-39 में एफआईआर दर्ज करवाई है। मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में हुए शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच-पड़ताल करते हुए ईडी की टीम वेव ग्रुप के मुख्यालय और फिर फाइनेंस डायरेक्टर के घर पहुंची थी। ईडी के एसिस्टेंट डायरेक्टर मनीष नौडियाल का कहना है कि वेव समूह के फाइनेंस डायरेक्टर, उनकी पत्नी और नौकर ने जांच में बढ़ा उतपन्न की है। जरूरी साक्ष्यों को नष्ट किया है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। मामले की जांच की जा रही है।
प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक मनीष नौडियाल ने नोएडा पुलिस को बताया कि उन्हें 17 नवंबर 2022 को उपनिदेशक अभिजीत कुमार गौतम ने अधिकृत किया था। मुझे धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 17 के तहत हरमनदीप सिंह कंधारी के परिसर में तलाशी की कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। हरमनदीप सिंह कंधारी नोएडा के सेक्टर-44 में मकान नंबर सी-193 में रहते हैं। मैं 18 नवंबर को सुबह-सुबह खोज दल के साथ पहुंचा। जिसमें मेरे साथ एईओ मनदीप, ईओ सत्यदीप सिंह, गौरव चुघ, स्टेनो अनीता और सीआरपीएफ के 5 जवान थे। हम लोग परिसर में दाखिल होने वाले थे, तभी हमें एचएस कंधारी की पत्नी स्कॉची सामने मिलीं जो पहले से ही परिसर के बाहर थीं। उन्होंने घर के बाहर टीम की उपस्थिति के बारे में पूछताछ की। उन्हें सूचित किया गया कि उनके परिसर का एक तलाशी वारंट है। वह दौड़ी और परिसर में प्रवेश किया। हमारी टीम के प्रवेश करने से पहले ही दरवाजे को जोर से धक्का दिया। उसके ठीक पीछे मौजूद टीम के सदस्यों ने दरवाजा जबरदस्ती खोलने की कोशिश की लेकिन नहीं खुल सका।
मनीष नौडियाल ने आगे बताया कि हमारी टीम ने उनके दरवाजे को पीटा और उन्हें खोलने के लिए कहा। करीब 4-5 मिनट के बाद एचएस कंधारी और उनके घर का डोमेस्टिक हेल्पर दूसरी मंजिल की छत पर आए। खोज दल ने उन्हें बताया कि वे ईडी से हैं और उन्हें नीचे आने और तत्काल दरवाजा खोलने के लिए निर्देशित करते हैं। जिसके बाद एचएस कंधारी दरवाजा खोलने के लिए नीचे आए। इस बीच बाहर खड़े खोजी दल को दूसरी मंजिल की छत पर कुछ संदिग्ध हरकतें दिखीं। एचएस कंधारी को उनके परिसर की तलाशी के लिए 18 नवंबर 2022 का वारंट दिखाया गया। तलाशी शुरू करने से पहले सर्च टीम ने परिवार के सभी सदस्यों और घरेलू नौकरों से पूछताछ की। एचएस कंधारी से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के बारे में पूछा गया, जिनका वे इस्तेमाल कर रहे हैं। अनुरोध किया कि घर के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित ड्राइंग रूम में पड़ी मेज पर सभी गैजेट रख दें। ताकि तलाशी की कार्यवाही में कोई बाधा न हो। जिसके लिए कंधारी, उनके परिवार के सभी सदस्य और हाउस हेल्प ने अपने गैजेट्स सौंप दिए। लेकिन कंधारी ने बताया कि उनके मोबाइल फोन खो गए हैं।
एसिस्टेंट डायरेक्टर ने बताया कि तलाशी के दौरान हाउस हेल्प कमल थापा का व्यवहार संदिग्ध लगा। सर्च टीम ने उनसे पूछताछ की कि दरवाजा खोलने में 4-5 मिनट क्यों लगे? उस दौरान क्या हुआ और क्या उन्होंने कुछ छुपाया है? जिस पर उन्होंने हां में उत्तर दिया। उसने बताया कि अपनी मालकिन स्कॉची डी कंधारी के निर्देश पर एक एक बैग बगल के घर में फेंक दिया है। एचएस कंधारी मोबाइल फोन गायब था, इसलिए संदेह था कि फोन बैग के अंदर हो सकता है। सर्च टीम के अधिकारी तुरंतपड़ोसी के परिसर में पहुंचे और अनुनय-विनय किया। जिस पर कंधारी के पड़ोसी अनिर्मेश जैन ने बैग वापस कर दिया लेकिन उसमें फोन नहीं मिला।
ईडी की तकनीकी टीम से सहायता मांगने पर मोबाइल की लोकेशन उसी स्थान पर होने का पता चला, जहां तलाशी की जा रही थी। हालांकि, बार-बार अनुरोध करने के बावजूद कंधारी ने अपने मोबाइल फोन के ठिकाने के बारे में सही तथ्यों का खुलासा नहीं किया। मनीष नौडियाल ने शिकायत में लिखा है, “ऐसा प्रतीत होता है कि कंधारी ने जानबूझकर फोन नहीं सौंपा है। जिसमें जांच से संबंधित महत्वपूर्ण साक्ष्य होना चाहिए। मोबाईल फोन को नष्ट कर दिया और ईडी के अधिकारियों की जांच को बाधित किया है। समय पर ईडी अधिकारियों को परिसर में प्रवेश करने और तलाशी की अनुमति नहीं दी है।
नोएडा पुलिस ने एसिस्टेंट डायरेक्टर मनीष नौडियाल की शिकायत पर हरमनदीप सिंह कंधारी, स्कॉची डे कंधारी और उनके नौकर कमल थापा के खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 186 और 204 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। आपको बता दें कि हरमनदीप सिंह कंधारी वेव समूह के फाइनेंस डायरेक्टर हैं। बताया जाता है कि वह वेव ग्रुप के सीएमडी मोंटी चड्ढा के साले भी हैं। मिली जानकारी के मुताबिक एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट दिल्ली शराब घोटाले की जांच के सिलसिले में कुछ दिन पहले गाजियाबाद पहुंची थी। वहां कई कारोबारियों के यहां तलाशी ली गई। इसी दौरान इस शराब घोटाले के तार वेव ग्रुप से जुड़े। जिसके बाद ईडी की टीम हरमनदीप सिंह कंधारी के घर तलाशी लेने आई थी।