ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। गलगोटियास विश्वविद्यालय ने 20 जून 2024 से 21 जून 2024 तक “आउटकम-आधारित मूल्यांकन: प्रभावी प्रश्न डिज़ाइन के रहस्यों को उजागर करना – ज्ञान और कठिनाई का संतुलन” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में श्री अजय भागवत जी इनपॉड्स इंडिया (पुणे) के निदेशक मुख्य मुख्य वक्ता के रूप में पहुँचे।
इस कार्यशाला के मुख्य उद्देश्यः-
- शिक्षकों और मूल्यांकन डिज़ाइनरों को उच्च गुणवत्ता वाले प्रश्न तैयार करने के उनके कौशल को बढ़ाना।
- प्रभावी प्रश्न डिज़ाइन के माध्यम से विभिन्न स्तरों के ज्ञान और संज्ञानात्मक क्षमताओं का सही तरीके से मूल्यांकन करना।
- प्रतिभागियों को प्रश्न निर्माण में उन्नत तकनीकों और सर्वोत्तम प्रथाओं से सशक्त बनाना।
- यह सुनिश्चित करना कि प्रश्न निष्पक्ष, स्पष्ट और चुनौतीपूर्ण हों ताकि वास्तविक समझ का प्रभावी रूप से मूल्यांकन किया जा सके।
- प्रश्न डिज़ाइन में शामिल बारीकियों की व्यापक समझ प्रदान करना।
सत्र की शुरुआत सुबह 10:30 बजे विशेष अतिथि श्री अजय भागवत जी इनपॉड्स इंडिया (पुणे) के निदेशक का गर्मजोशी से स्वागत करने के साथ हुई। माननीय कुलपति, प्रो. (डॉ.) के. मल्लिकार्जुना बाबू ने कार्यशाला के महत्व और छात्रों के सीखने की संस्कृति और मूल्यांकन के प्रभाव पर प्रकाश डाला। इसके बाद माननीय प्रो-वाईस चांसलर, प्रो. (डॉ.) अवधेश कुमार ने विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों की सफलता के लिए अपनाए गए नवीन दृष्टिकोणों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
लगभग 60 संकाय सदस्य, जिनमें विभिन्न स्कूलों के डीन और विभागाध्यक्ष शामिल थे, जो आज के इस सत्र में शामिल हुए। कल 21 जून को होने वाले सत्र में भी लगभग 60 संकाय सदस्य भाग लेंगे इस प्रकार से इस दो दिवसीय कार्यशाला में कुल 130 संकाय सदस्य भाग लेंगे। श्री अजय भगवत ने विभिन्न सीखने के स्तर, उनके मूल्यांकन और प्रत्येक स्तर से जुड़ी क्रियाओं पर चर्चा की। उन्होंने यह भी समझाया कि इन सीखने के स्तरों को पाठ्यक्रम के साथ कैसे जोड़ा जाता है और अंत में उपयुक्त प्रश्नों का निर्माण करके इन सीखने के स्तरों का मूल्यांकन कैसे किया जाए।
सत्र के दूसरे भाग में, संकाय सदस्यों को अपने-अपने विषयों के लिए विभिन्न कठिनाई स्तरों पर प्रश्न बनाने के लिए कहा गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों और मूल्यांकन डिज़ाइनरों के कौशल को बढ़ाना था ताकि वे उच्च गुणवत्ता वाले प्रश्न तैयार कर सकें जो विभिन्न स्तरों के ज्ञान और संज्ञानात्मक क्षमताओं का सही तरीके से मूल्यांकन कर सकें। संकाय द्वारा बनाए गए सभी प्रश्नों की जाँच की गई और सुधार के सुझाव श्री अजय और माननीय कुलपति द्वारा दिए गए।
सत्र संवादात्मक था। जिसमें सभी प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और गुणवत्तापूर्ण प्रश्न बनाने के बारे में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त की। सत्र का समापन श्री गोकुल राजन वी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।