गाजियाबादकुछ ही क्षण पहले
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गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने हाईवे की सर्विस लेन पर लगे हुए एक बड़े टेंट को हटा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि किसान आंदोलन कर सकते हैं, लेकिन रास्ता ब्लॉक नहीं कर सकते। इसके बाद गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने खुद ही गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाली सर्विस लेन पर लगे एक बड़े तंबू को हटा दिया है। किसानों का कहना है कि वह तंबू हटाकर यह दिखाना चाहते हैं कि रास्ता उन्होंने नहीं रोक रखा।
पिछले साल 26 नवंबर 2020 को सबसे पहले किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर ही पहला तंबू लगाया था। तब से करीब 11 महीने से लगातार किसान यहां धरने पर बैठे हैं। वहीं, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने दिल्ली पुलिस से अपील करते हुए कहा है कि वह अपनी 16 लेयर बेरिकेड्स हटाएं, ताकि किसान दिल्ली जा सकें।
किसानों के धरने के चलते यह सर्विस लेन 26 नवंबर 2020 से बंद चल रही है। एक तरफ यूपी की सीमा में किसानों के टेंट लगे हैं तो दूसरी तरफ दिल्ली की सीमा में पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाई हुई है।

राकेश टिकैत ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि हम अपना टेंट हटा चुके हैं। अब आप भी बैरिकेडिंग हटाओ और हमें दिल्ली जाने दो।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि रोड साफ होनी चाहिए। आपको आंदोलन करने का अधिकार है, लेकिन सड़क को जाम नहीं कर सकते। अब कुछ समाधान निकालना होगा। हालांकि, किसान संगठनों की तरफ से वकील ने कहा कि हमने सड़क बंद नहीं की। सड़क पुलिस ने बंद की है, हम दिल्ली जाना चाहते थे। पुलिस यह महसूस करा रही है कि किसान सड़क जाम कर रहे हैं। हमें रामलीला मैदान में आने दें। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी।

जहां पर यह तंबू लगा था, वहां पहले मीडिया सेंटर और लंगर चलता था।
सबसे पहले आंदोलन के दौरान इसी लेन को रोका गया था
सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी का कुछ घंटे बाद ही यूपी-दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर असर दिखाई देना शुरू हो गया है। राकेश टिकैत के निर्देश पर किसानों ने नेशनल हाईवे-24 के नीचे वाली सर्विस लेन को खोलना शुरू कर दिया है। इसके लिए वह सड़क पर लगाए गए बड़े तंबू को हटा रहे हैं। इस स्थान पर पूर्व में मीडिया सेंटर बना था और यहीं पर लंगर चल रहा था। यह लेन गाजीपुर की तरफ जाती है।
राकेश टिकैत बोले- हमें संसद जाना है
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें दिल्ली जाना है। हमने कोई रास्ता नहीं रोक रखा है। रास्ते पुलिस ने रोके हैं। पुलिस अपनी बैरिकेडिंग हटाए। हमें संसद जाना है, जिसने कानून बनाए हैं। उन्होंने कहा कि सड़क चलने के लिए है, रोकने के लिए नहीं। हम यह दिखाना चाहते हैं कि रास्ता पुलिस ने रोका है, किसानों ने नहीं।