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Interstate thugs caught in the hands of cyber police, used to run fraud call centers in Delhi, till now how many cheated do not even remember | सायबर पुलिस के हाथ लगे इंटरस्टेट ठग, दिल्ली में चलाते थे ठगी का कॉल सेंटर, अभी तक कितनों को ठगा याद भी नहीं

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ग्वालियर42 मिनट पहले

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फाइल फोटो - Dainik Bhaskar

फाइल फोटो

  • शहर के व्यापारी को लोन का झांसा देकर की थी 27 लाख रुपए की ठगी

राज्य सायबर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बंदायु और शाहजहांपुर शहरों से दो शातिर ठग पकड़े हैं। यह ठगी करने वाले एक इंटरस्टेट गैंग के मास्टर माइंड हैं। यह दिल्ली-नोएड़ा व गाजियाबाद में ठगी के कॉल सेंटर चलाते हैं। गिरोह में 12 से 15 सदस्य हैं। हर सदस्य प्रत्येक दिन 50-50 कॉल करते हैं और उनमें से कई को ठगी का शिकार करते हैं। चार साल पहले ग्वालियर के एक व्यापारी को एक करोड़ रुपए लोन का ऑफर देकर 27 लाख रुपए की ठगी कर चुके हैं। इसी मामले मंे पुलिस ने उनको गिरफ्ता किया है। सायबर पुलिस ने व्यापारी से ठगे 12.41 लाख रुपए 6 बैंक खातों में ब्लॉक भी करा दिए हैं। कॉल सेंटर के माध्यम से यह इंटरस्टेट ठग कितनों लोगों को ठग चुके हैं इनको यह भी याद नहीं है।
यह था मामला
ग्वालियर के एक व्यापारी ने चार साल पहले एक निजी कंपनी से 2 लाख रुपए की बीमा पाॅलिसी कराई थी। पॉलिसी कराने के बाद उनके पास एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने बीमा पॉलिसी पर लोन का ऑफर दिया। व्यापारी को अपने बिजनिस के लिए एक बड़ी राशि चाहिए थी। उसको लगा कि लोन आसानी से मिल रहा है तो वह तैयार हो गया। करीब एक करोड़ रुपए का लोन ऑफर किया गया था। ऑनलाइन ही व्यापारी से सारे दस्तावेज व इनकम टैक्स रिटर्न के दस्तावेज जमा कराए गए। इसके बाद अलग-अलग किश्तों में प्रोसेसिंग फीस, सिक्युरिटी फीस, लोन सेंशन फाइल चार्ज और गारंटी के नाम पर 6 बैंक खातांे में 27 लाख रुपए जमा करवा लिए। पर इसक बाद भी लोन नहीं मिला। पूछताछ करने पर नंबर बंद आने लगा तो व्यापारी को ठगी का अहसास हुआ। जिस पर पीड़ित व्यवसायी ने मामले की शिकायत राज्य सायबर पुलिस जोन ग्वालियर में एसपी सायबर सुधीर अग्रवाल से की। उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए एक टीम इसकी पड़ताल के लिए लगाई।
कॉल और बैंक खातों की डिटेल से मिला इंटरस्टेट गैंग
पुलिस अधीक्षक ,सायबर सुधीर अग्रवाल ने बताया कि बैंक खातों की तस्‍दीक पर पाया कि बैंक खाते फर्जी पतों पर खोले गये है। जिसके बाद विवेचना के लिए अपराध की केस डायरी का बारीकी से अध्‍ययन कर संदिग्‍ध बैंक अकाउंट के स्टेटमेंट मंगाए गये, जिनमें उपलब्‍ध लगभग 12 लाख 41 हजार रूपयों को सायबर पुलिस ग्‍वालियर ने ब्‍लॉक कराने में सफलता प्राप्‍त की। इसके बाद पुलिस को दो नाम रवि कुमार निवासी बंदायु और राघव सिंह निवासी शारजहांपुर यूपी मिले। इनकी तलाश में दबिश दी तो यह पकड़ में आए। इन्होंने वारदात तो कुबूल कर ली, लेकिन अभी तक यह नहीं बता रहे कि इनको कितने रुपए मिले थे। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि गाजियाबाद/नोएडा क्षेत्र में सायबर ठगी के लिए कॉल सेंटर चलाया जाता था तथा फर्जी दस्तावेजों पर फर्म रजिस्‍टर्ड करवाकर उनके नाम पर विभिन्‍न बैंकों में खाते खुलवाये गये, जिनका उपयोग ठगी की राशि प्राप्‍त करने के लिए किया जाता था ।
अभी तक कितनों को ठगा पता नहीं
– व्यापारी से ठगी का केस ही चार साल पुराना है। इससे बाद अभी तक यह गैंग एक सैकड़ा से ज्यादा लोगों को ठग चुकी है। गैंग के पकड़े गए सदस्य रवि और राघव को खुद याद नहीं है कि उन्होंने कितने लोगों को ठगा है। पर वह बहुत शातिर हैं। उनके अकाउंट और डिटेल को पुलिस चेक कर रही है। साथ ही उनके कॉल सेंटर चलाने और एक दर्जन सदस्य और भी हैं। इनकी भी तलाश की जाएगी।

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