Greater Noida Authority News : "इकोटेक-3 में मलबे से भरा 'विकास', पार्कों में हरियाली की जगह कब्जे का जाल, OSD गुंजा सिंह ने दिखाया एक्शन का कमाल!"

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे।।
“हरियाली हटी, गंदगी चढ़ी, अब आएगी OSD की सख्ती पक्की!” — ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओएसडी गुंजा सिंह का दो दिवसीय निरीक्षण अभियान साफ़ तौर पर यही संदेश दे गया।
शहर को स्वच्छ, हरित और व्यवस्थित बनाए रखने के उद्देश्य से जब OSD ने फील्ड में कदम रखा, तो सामने आईं गंदगी, मलबा, अव्यवस्था और हरियाली पर कब्जे की चौंकाने वाली तस्वीरें।
जहां एक ओर इकोटेक-3 में खुलेआम फैला मलबा विकास की पोल खोल रहा था, वहीं सोसाइटी और फैक्ट्रीज़ में ठोस कूड़ा प्रबंधन का अभाव भी मुसीबत बन चुका था। ऐसे में गुंजा सिंह ने न केवल सख्त निर्देश दिए, बल्कि दोषियों पर जुर्माना भी ठोका।
इकोटेक-3 में निर्माण मलबे के ढेर मिले, OSD का डंडा चला – कॉन्ट्रैक्टर पर ₹25,000 का जुर्माना
निरीक्षण का पहला पड़ाव रहा सेक्टर इकोटेक-3, जहां OSD गुंजा सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक चेतराम सिंह और सफाई निरीक्षक संजीव विधूड़ी के साथ मौके का जायजा लिया।
यहां की हालत देखकर OSD भी हैरान रह गईं — जगह-जगह C&D वेस्ट (निर्माण व ध्वस्तीकरण मलबा) के ढेर लगे थे, जो साफ-सफाई के दावों को ठेंगा दिखा रहे थे।
इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए उन्होंने ठेकेदार ‘राइज इलेवन’ पर ₹25,000 का जुर्माना ठोका और साफ कर दिया कि यह रकम सीधे उनके भुगतान से काटी जाएगी। मलबा फैलाने वालों पर अब रहम नहीं, नियमों का डंडा चलेगा।
तीन बड़ी फैक्ट्रियों को भी नोटिस – नियमों का पालन नहीं तो जवाब तैयार रखिए
इकोटेक-3 में ही तीन नामी औद्योगिक इकाइयों —
- कोवेस्ट्रा इंडिया
- मल्होत्रा इलेक्ट्रॉनिक्स
- आईएलजेआईएन इलेक्ट्रॉनिक्स
ने OSD की नजरों से नहीं बच सकीं।
ये तीनों फैक्ट्रियां बल्क वेस्ट जनरेट तो कर रही थीं, लेकिन उसे वैज्ञानिक तरीके से प्रोसेस करने में बुरी तरह असफल थीं। मानकों की खुली धज्जियां उड़ाई जा रही थीं।
OSD ने इन कंपनियों को तीन कार्यदिवस के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश देते हुए नोटिस जारी कर दिया। साथ ही यह संकेत भी दे दिया कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो बड़ी कार्रवाई तय है।
ट्राइडेंट एंबेसी सोसाइटी भी चपेट में – साफ-सफाई में लापरवाही पर नोटिस तगड़ा
निरीक्षण का अगला ठिकाना रहा सेक्टर-1 की ट्राइडेंट एंबेसी सोसाइटी, जहां OSD ने देखा कि सोसाइटी में कूड़े का निष्पादन भी तय मानकों के अनुसार नहीं हो रहा है।
हाईराइज सोसाइटी में रहने वाले सैकड़ों परिवारों की स्वास्थ्य सुरक्षा से समझौता यहां साफ नजर आया। इस लापरवाही पर भी तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण का नोटिस जारी किया गया।
OSD ने स्पष्ट कहा, “किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी, चाहे वह सोसाइटी हो या औद्योगिक इकाई।”
ग्रीन बेल्ट में कब्जा! अब बचेगा नहीं कोई – उद्यान विभाग को मिली कड़ी चेतावनी
दूसरे दिन OSD पहुंचीं सेक्टर डेल्टा-2 और ईटा-1, जहां उन्होंने पार्कों और ग्रीन बेल्ट्स का निरीक्षण किया। यहां भी कुछ स्थानों पर अतिक्रमण नजर आया, जिससे हरियाली को नुकसान हो रहा था।
इसपर उद्यान विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक पीपी मिश्र को निर्देशित किया गया कि
- पार्कों का रखरखाव बेहतर हो
- अतिक्रमण की रोकथाम सुनिश्चित की जाए
- और यदि दोबारा अतिक्रमण मिला तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों पर सीधी कार्रवाई की जाएगी।
सिर्फ निरीक्षण नहीं, कार्रवाई भी त्वरित – मौके पर ली गईं तस्वीरें, बनाए गए साक्ष्य
निरीक्षण के दौरान OSD ने हर लापरवाही का प्रमाण इकट्ठा किया।
जहां मलबा मिला, वहां की फोटो खींची गईं,
जहां कचरा बिना प्रोसेस पाया, वहां पर डॉक्युमेंटेशन किया गया,
और जहां अतिक्रमण मिला, वहां स्थान चिन्हित कर नोटिस की प्रक्रिया शुरू की गई।
यह महज़ औपचारिकता नहीं, बल्कि जमीनी सख्ती का उदाहरण बना।
OSD का साफ संदेश: ग्रेटर नोएडा को बनाना है स्मार्ट और हरित, तो सबको निभानी होगी जिम्मेदारी
OSD गुंजा सिंह ने साफ तौर पर कहा,
“ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ और ग्रीन सिटी बनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। कोई भी एजेंसी, ठेकेदार या संस्था जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती। अब दिखावटी काम नहीं चलेगा, असली प्रदर्शन करना होगा।”
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