Greater Noida West News : छत्रपति शिवाजी के अद्भुत साहस को सलाम!, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मनाया गया ‘हिंदू साम्राज्य दिवस’, गौरसौंदर्यम सोसाइटी में गूंजा “जय भवानी, जय शिवाजी!”
पद्मश्री डॉक्टर अरविंद कुमार, श्री किशन जी और गणमान्य नागरिकों की मौजूदगी में ऐतिहासिक प्रेरणा से भरा कार्यक्रम

ग्रेटर नोएडा वेस्ट, रफ्तार टुडे।।
आज ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर, जब भारतीय इतिहास के सबसे तेजस्वी योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के साहस, संगठन और समर्पण को स्मरण किया जाता है, उसी अवसर पर गौड़ सौंदर्यम सोसाइटी, अर्जुन शाखा में हिंदू साम्राज्य दिवस का भव्य आयोजन किया गया।
यह आयोजन न केवल ऐतिहासिक श्रद्धा से भरा था, बल्कि वर्तमान पीढ़ी को अपने संस्कृतिक मूल्यों और वीर इतिहास से जोड़ने का एक सशक्त प्रयास भी रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत – ध्वज प्रणाम और प्रार्थना के साथ
राष्ट्र और धर्म की सेवा में संकल्पबद्ध हुए स्वयंसेवक
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य शिक्षक श्री उमंग दीक्षित जी द्वारा ध्वज प्रणाम से हुई। इसके उपरांत श्री संजीव मिश्रा ने मंगलमयी प्रार्थना का दायित्व निभाया, जिसमें समस्त उपस्थित स्वयंसेवकों और नागरिकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में सभी स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में उपस्थित हुए और पूरे अनुशासन के साथ आयोजन को सुचारु रूप से संचालित किया गया। मुख्य कार्यवाह श्री राजेश गुप्ता ने कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी संभालते हुए हर गतिविधि को उत्साहपूर्वक संयोजित किया।
इतिहास में झांकता वक्तव्य: “अफजलखान की गर्दन, बाघनखों से काट दी थी”
श्री किशन जी ने सुनाई वीरता की गाथाएं, जय सिंह को लिखे पत्र ने भरी आंखें
मुख्य वक्ता श्री किशन जी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन के ऐसे अनसुने प्रसंग साझा किए, जिन्होंने उपस्थित श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे अफजलखान के विश्वासघात की आशंका को भांपकर, शिवाजी महाराज ने बाघनख का प्रयोग करके उसका वध किया।
साथ ही उन्होंने मुगल सेनापति जय सिंह को लिखे गए शिवाजी के पत्र का जिक्र किया, जिसमें शिवाजी महाराज की भावनात्मकता, राष्ट्र के प्रति समर्पण और हिंदवी स्वराज्य की गहराई से झलक मिलती है।
“छत्रपति शिवाजी – साहस, संगठन और संस्कृति के त्रिवेणी पुरुष”
पद्मश्री डॉ. अरविंद कुमार ने दी ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य की झलक
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पद्मश्री डॉक्टर अरविंद कुमार जी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और कार्यों का ऐतिहासिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विश्लेषण प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा:
“शिवाजी महाराज केवल एक योद्धा नहीं थे, वह एक प्रशासक, संगठनकर्ता और राष्ट्र निर्माता थे। उनकी गुरिल्ला युद्ध नीति, नौसेना निर्माण और धर्मनिरपेक्ष शासन प्रणाली आज भी प्रासंगिक है।”
डॉ. अरविंद कुमार ने शिवाजी की रणनीतिक क्षमता को मौर्य व चोल साम्राज्य की परंपरा का पुनर्जागरण बताया।
वरिष्ठ नागरिकों का सम्मानपूर्ण योगदान
राम कुमार गुप्ता, कामता नाथ गुप्ता और अशोक शर्मा ने की सहभागिता
कार्यक्रम में गौरसौंदर्यम AOA के पूर्व अध्यक्ष श्री राम कुमार गुप्ता, सीनियर सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री कामता नाथ गुप्ता, और बस्ती प्रमुख श्री अशोक शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति रही। इन सभी गणमान्य नागरिकों ने अपने अनुभवों और विचारों के माध्यम से उपस्थित युवाओं को प्रेरित किया।
इनका कहना था कि –
“ऐसे आयोजन समाज को सांस्कृतिक रूप से जागरूक करते हैं और नई पीढ़ी को संस्कार, सेवा और स्वाभिमान की शिक्षा देते हैं।”
आयोजन की खूबसूरती – अनुशासन, श्रद्धा और प्रेरणा से भरा माहौल
पूरा परिसर बना शिव प्रेरणा केंद्र
सोसाइटी का परिसर इस दौरान भगवा ध्वज, जय शिवाजी नारों और सांस्कृतिक अनुशासन से सुसज्जित था। प्रत्येक स्वयंसेवक ने अपने कर्तव्यों का पूर्ण निष्ठा से पालन किया। ध्वज प्रणाम, प्रार्थना, वक्तव्य और आयोजन व्यवस्था – सभी कुछ अनुशासन और आस्था के एक सुंदर समन्वय का दर्शन कराते रहे।
आयोजन का संदेश – “स्वराज्य सिर्फ इतिहास नहीं, आज की जरूरत है”
शिवाजी की प्रेरणा आज भी प्रासंगिक है
आज का हिंदू साम्राज्य दिवस केवल अतीत को स्मरण करने का माध्यम नहीं था, बल्कि यह कार्यक्रम एक सामाजिक-सांस्कृतिक आंदोलन का प्रतीक भी बना। वक्ताओं और आयोजकों का यह भी मानना रहा कि
“छत्रपति शिवाजी की संकल्प शक्ति, आत्मबल और राष्ट्रनिष्ठा आज भी युवाओं को मार्गदर्शन दे सकती है – जब चुनौतियां बढ़ती हैं, तभी शिवाजी जैसे नेतृत्व की आवश्यकता होती है।”
आयोजन को सफल बनाने वालों को साधुवाद
अगली पीढ़ी को जोड़ने का प्रयास, पूरे समाज से मिली सराहना
गौड़ सौंदर्यम सोसाइटी में आयोजित यह कार्यक्रम सांस्कृतिक चेतना और समाजिक एकता का प्रतीक बन गया। आयोजन समिति के समस्त सदस्य, विशेषकर राजेश गुप्ता, उमंग दीक्षित और संजीव मिश्रा, को समाज के लोगों ने दिल से सराहा।
आयोजन में भाग ले रहे युवा स्वयंसेवकों की अनुशासित भूमिका ने यह संदेश दिया कि हमारा इतिहास जब तक जीवित रहेगा, तब तक भविष्य सुरक्षित रहेगा।
निष्कर्ष: शिवाजी का स्वराज्य आज भी हर दिल में धड़कता है
छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता, नेतृत्व और धर्मनिष्ठा की गाथा आज भी लोगों के हृदय को प्रेरित करती है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि हमारे इतिहास की लौ बुझी नहीं है – वह फिर से जल उठी है। और यह मशाल केवल गौरवगाथा नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतना का प्रकाश स्तंभ भी है।
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