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Not only outdoor in Delhi, indoor pollution is spoiling people’s health | दिल्ली में आउटडोर ही नहीं, इंडोर प्रदूषण बिगाड़ रहा है लोगों की सेहत

नई दिल्ली9 घंटे पहले

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दिवाली के बाद से दिल्ली मे प्रदूषण खतरनाक लेवल तक पहुंचा हुआ है। अब यह आउटडोर के साथ साथ, इंडोर प्रदूषण भी गंभीर स्थिति में पहुंचता जा रहा है। घर के अंदर प्रदूषण का लेवल 50 से 60 के बीच होना चाहिए जबकि इन दिनों यह दोगुणा से अधिक देखा जा रहा है।

एयर प्यूरिफायर भी एक कमरे की हवा को साफ करने की क्षमता रखते है। ऐसे में घर के अंदर और बाहर दोनों जगह लोगों के लिए सांसों का संकट बनता जा रहा है। इस हालात में व्यक्ति बीच में फंसा हुआ है कि खुली हवा में सांस ले तो कैसे लें। अगर वह घर की खिड़कियां खोलता है तो बाहर का प्रदूषण भी अंदर आ जाएगा। इस स्थिति में क्या करें या ना करें इस दुविधा में लोग फंस चुके है।

डॉक्टरों का कहना है कि पहले हम एयर प्यूरीफायर खरीदने की सलाह नहीं देते थे, लेकिन अब जिनके घर में छोटे बच्चे है, उन्हें यह ले लेना चाहिए। ताकि बच्चों को साफ हवा मिल सके। लोग चाहे तो अपने घर में प्रदूषण लेवल चेक करने के लिए डिवाइस भी लगा सकते है और अपने हिसाब से घर में प्रदूषण लेवल कम कर सकते है।

घरों में वेंटिलेशन का खास ख्याल रखना जरुरी
सफदरजंग अस्पताल में कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि आमतौर पर घरों में ऑफिसों में या फिर किसी भी बंद जगह पर प्रदूषण का लेवल 50 से 60 से अधिक नहीं होना चाहिए। यह जितना कम होगा, उतना ही अच्छा होगा। लेकिन हमारी संस्कृति में पूजा पाठ की खास अहमियत है, तो घूप, अगरबत्ती रोजाना जलाई जाती है। मच्छर मारने वाली क्वाइल जलाई जाती है।
इसके अलावा घरों मे जब खाना बनाया जाता है, तो उससे भी काफी धुंआ निकलता है। कुछ लोग घर के अंदर ही बैठकर बीड़ी सिगरेट पीते है। ऐसी स्थिति में इंडोर प्रदूषण बेहद ज्यादा बढ़ जाता है। अगर बाहर का प्रदूषण 300 है तो घरों में यह 200 से तक पहुंच जाता है। वहीं धूप व अगरबत्ती ना जलाई जाए, खाने से निकलने वाला धुंआ कम हो तो इंडोर प्रदूषण 100 से 125 तक आ जाता है। घरों में वेंटिलेशन का खास ख्याल रखना जरुरी है क्योंकि जितनी उच्दी वेंटिलेशन होगी, इंडोर प्रदूषण उतना ही कम होगा।

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