गाजियाबाद36 मिनट पहले
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गाजीपुर बॉर्डर पर यह 16 लेयर बेरीकेडिंग गाजीपुर मुर्गा मंडी को जाने वाली सर्विस लेन पर लगी हुई है।
एक साल से बंद पड़े यूपी-दिल्ली (गाजीपुर बॉर्डर) के रास्ते को खुलवाने के लिए गाजियाबाद के नागरिक अब सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। गाजियाबाद की फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन (AOA) के बैनर तले स्थानीय लोग 28 नवंबर की सुबह 11 बजे इंदिरापुरम स्थित आम्रपाली विलेज सोसाइटी के सामने एकत्रित होंगे और यहां से वह जुलूस के रूप में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचेंगे। एसोसिएशन के आलोक कुमार का कहना है कि गाजियाबाद के लोग सालभर से परेशान हैं। िकसान आंदोलन के चलते एक साल से मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे और एलिवेटेड रोड बंद पड़ा हुआ है। गाजियाबाद समेत अन्य जिलों के लाखों लोगों को रोजाना कई किलोमीटर घूमकर दिल्ली जाना पड़ रहा है। AOA के बैनर तले गाजीपुर बॉर्डर के नजदीक सोसाइटीज में रहने वाले लोग अनेक बार प्रदर्शन कर चुके हैं, ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन समस्या हल नहीं हुई। इसलिए AOA ने निर्णय लिया है कि अब शांतिपूर्ण रास्ता खोलो आंदोलन चलाया जाएगा। इस कड़ी में नजदीकि सोसाइटी के लोग 28 नवंबर की सुबह 11 बजे इकट्ठा होकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचेंगे। वहां पर बैठे किसानों को अपनी समस्या बताएंगे और रास्ता खोलने की मांग करेंगे।

गाजियाबाद एओए ने आंदोलन के संबंध में ट्वीट भी किया है।
रास्ते बंद होने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
26 नवंबर 2020 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से हजारों किसान पदयात्रा करते हुए दिल्ली जा रहे थे। गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया तो वे यहीं पर टैंट-तंबू लगाकर बैठ गए। इस वजह से मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे की छह लेन और एलिवेटेड रोड का एक हिस्सा एक साल से बंद पड़ा हुआ है। रोजाना लाखों लोगों को घूमकर कई किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करके दिल्ली जाना पड़ रहा है। रास्ते बंद होने पर सुप्रीम कोर्ट ने भी नाराजगी जताई है।