सार
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सीएक्यूएम ने एनसीआर के राज्यों के लिए टास्क फोर्स गठित किए हैं जो इन राज्यों के एनसीआर में आने वाले क्षेत्रों में आयोग के आदेशों और निर्देशों के पालन और वस्तुस्थिति पर निगरानी रखेंगे।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण
– फोटो : ANI
दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता को और बिगड़ने पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत को समझते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शुक्रवार को एनसीआर के प्रत्येक राज्य के लिए अलग-अलग टास्क फोर्स का गठन कर दिया। एनसीआर में दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ जिले आते हैं। इन क्षेत्रों में पिछले लगभग दो महीने से वायु प्रदूषण का स्तर बहुत खराब स्तर पर चल रहा है। इसे सुधारने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने भी नाराजगी जताई थी।
आयोग ने कहा कि हाल ही में उसके आदेशों का पालन नहीं करने के कई मामले पाए गए हैं। यह टास्क फोर्स उसके आदेशों को लागू करने, प्रभावी करने, उनकी निगरानी और उनके अनुपालन की स्टेटस रिपोर्ट तैयार करेगा।
हाल ही में पाया गया है कि आयोग द्वारा जारी विभिन्न निर्देशों, आदेशों और सुझावों को लागू करने और उनका पालन नहीं करने के मामले पाए गए हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए वायु गुणवत्ता को और बिगड़ने से रोकने के लिए इस समय तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
इसे देखते हुए दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए आयोग ने अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए एनसीआर में आने वाले सभी राज्यों में टास्क फोर्स गठित किया है जो एनसीआर में इन राज्यों के क्षेत्रों में आयोग के आदेशों और निर्देशों के पालन और वस्तुस्थिति पर निगरानी रखेंगे।
टास्क फोर्स में ये होंगे सदस्य
एनसीआर के प्रत्येक राज्य और दिल्ली के टास्क फोर्स में एक चेयरमैन (राज्य सरकार में मुख्य सचिव या सचिव), एक सदस्य (राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड/दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी का सदस्य सचिव), तकनीकी सदस्य (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तकनीकी प्रतिनिधि) और कम से कम तीन सदस्य (एपीसीबी/डीपीसीसी) के प्रशासनिक प्रतिनिधि होंगे।
टास्क फोर्स के लिए इनका हुआ है चुनाव
एनसीआर के राज्यों के लिए सीपीसीबी से नौ तकनीकी प्रतिनिधियों को चुन लिया गया है, जिनमें से हरियाणा और दिल्ली में तीन-तीन, उत्तर प्रदेश से दो और राजस्थान से एक व्यक्ति है। आयोग ने कहा कि टास्क फोर्स के अलावा एनसीआर के राज्यों की सरकारें अंतर्विभागीय टीमों के माध्यम से सघन निरीक्षण कर इसका उल्लघंन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी कर सकते हैं। टास्क फोर्स आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराएंगे और इसकी अनुपालन रिपोर्ट हर 15 दिन पर हर महीने की पहली और 16वीं तारीख को आयोग के समक्ष पेश करेंग।
एनसीआर और इससे लगे क्षेत्र में वायु गुणवत्ता से संबंधी समस्याओं पर बेहतर समन्वय, समस्याओं को चिह्नित करने और उनका समाधान निकालन के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने इसी साल सीएक्यूएम का गठन किया था।
विस्तार
दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता को और बिगड़ने पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत को समझते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शुक्रवार को एनसीआर के प्रत्येक राज्य के लिए अलग-अलग टास्क फोर्स का गठन कर दिया। एनसीआर में दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ जिले आते हैं। इन क्षेत्रों में पिछले लगभग दो महीने से वायु प्रदूषण का स्तर बहुत खराब स्तर पर चल रहा है। इसे सुधारने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने भी नाराजगी जताई थी।
आयोग ने कहा कि हाल ही में उसके आदेशों का पालन नहीं करने के कई मामले पाए गए हैं। यह टास्क फोर्स उसके आदेशों को लागू करने, प्रभावी करने, उनकी निगरानी और उनके अनुपालन की स्टेटस रिपोर्ट तैयार करेगा।
हाल ही में पाया गया है कि आयोग द्वारा जारी विभिन्न निर्देशों, आदेशों और सुझावों को लागू करने और उनका पालन नहीं करने के मामले पाए गए हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए वायु गुणवत्ता को और बिगड़ने से रोकने के लिए इस समय तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
इसे देखते हुए दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए आयोग ने अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए एनसीआर में आने वाले सभी राज्यों में टास्क फोर्स गठित किया है जो एनसीआर में इन राज्यों के क्षेत्रों में आयोग के आदेशों और निर्देशों के पालन और वस्तुस्थिति पर निगरानी रखेंगे।
Source link