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नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने कोयला खनन मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के पश्चिम बंगाल पुलिस के समक्ष पेश होने के नोटिस पर शनिवार को अंतरिम रोक लगा दी। अदालत ने मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने कहा उनकी नजर में पुलिस द्वारा नोटिस पर रोक लगाने का प्रथम दृष्टया मामला बनता है। अदालत ने मामले की सुनवाई 18 फरवरी 22 तय की है।
अदालत ने यह रोक प्रवर्तन निदेशालय और उसके तीन अधिकारियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए लगाई है। उन्होंने पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा 22 जुलाई 21 और 21 अगस्त 21 को जारी नोटिस को रद्द करने का निर्देश जारी करने की मांग की है।
ईडी ने हाईकोर्ट को बताया कि अवैध कोयला खनन से जुड़े मामले की जांच कर रहे अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए अभिषेक बनर्जी ने पांच अप्रैल 2021 को एक न्यूज चैनल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसी के तहत पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा कोयला खनन के मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया।
उक्त प्राथमिकी ईडी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच को खराब करने के इरादे से दर्ज की गई है। ईडी और उसके अधिकारियों ने अधिवक्ता अमित महाजन के माध्यम से याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं में जांच एजेंसी और उसके अधिकारी शामिल हैं, जो प्रवर्तन निदेशालय में सहायक निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।
नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने कोयला खनन मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के पश्चिम बंगाल पुलिस के समक्ष पेश होने के नोटिस पर शनिवार को अंतरिम रोक लगा दी। अदालत ने मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने कहा उनकी नजर में पुलिस द्वारा नोटिस पर रोक लगाने का प्रथम दृष्टया मामला बनता है। अदालत ने मामले की सुनवाई 18 फरवरी 22 तय की है।
अदालत ने यह रोक प्रवर्तन निदेशालय और उसके तीन अधिकारियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए लगाई है। उन्होंने पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा 22 जुलाई 21 और 21 अगस्त 21 को जारी नोटिस को रद्द करने का निर्देश जारी करने की मांग की है।
ईडी ने हाईकोर्ट को बताया कि अवैध कोयला खनन से जुड़े मामले की जांच कर रहे अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए अभिषेक बनर्जी ने पांच अप्रैल 2021 को एक न्यूज चैनल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसी के तहत पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा कोयला खनन के मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया।
उक्त प्राथमिकी ईडी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच को खराब करने के इरादे से दर्ज की गई है। ईडी और उसके अधिकारियों ने अधिवक्ता अमित महाजन के माध्यम से याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं में जांच एजेंसी और उसके अधिकारी शामिल हैं, जो प्रवर्तन निदेशालय में सहायक निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।