राजनीतिउत्तर प्रदेशगौतमबुद्ध नगरग्रेटर नोएडादादरी

Breaking News : "तिलकधारी को 'लुटेरा' बताने से महाराणा सांगा को 'गद्दार' कहने तक, सपा पार्टी के बयानों से मचा जातीय तूफान, सनातन संस्कृति के खिलाफ सुनियोजित साजिश का आरोप!", जातिगत बयान से बढ़ा बवाल!, सपा प्रवक्ता राजकुमार भाटी के कथित वीडियो ने बढ़ाई राजनीतिक सरगर्मी,

गौतमबुद्धनगर/लखनऊ, रफ्तार टुडे।
उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गर्म है। इस बार चर्चा का केंद्र है समाजवादी पार्टी के नेताओं के विवादित और सनातन धर्म विरोधी माने जा रहे बयान, जिनसे उत्तर भारतीय समाज की जातीय एकता और ऐतिहासिक अस्मिता को ठेस पहुंची है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजकुमार भाटी और सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा सार्वजनिक मंचों और संसद में दिए गए बयानों ने ब्राह्मण, राजपूत, गुर्जर और सनातन धर्म के अनुयायियों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है।

वर्तमान में वायरल हो रहे एक वीडियो में सपा प्रवक्ता राजकुमार भाटी को तिलकधारी ब्राह्मणों और सफाईकर्मी समाज के खिलाफ अपमानजनक और जातिवादी भाषा में बोलते हुए देखा जा सकता है। वहीं, सांसद रामजीलाल सुमन ने संसद में महाराणा सांगा जैसे महान योद्धा को ‘गद्दार’ कहकर राजपूत समाज के गौरव पर सवाल उठा दिया। इन दोनों बयानों ने मिलकर न केवल राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है बल्कि समाज के अंदर गहरे जातिगत और सांस्कृतिक विभाजन की आहट को भी जन्म दे दिया है।


भाटी का ‘तिलकधारी लुटेरा’ बयान: ब्राह्मण समाज में उबाल, संत समाज भी नाराज

वीडियो में राजकुमार भाटी यह कहते सुने जा रहे हैं –
“तिलक लगाने वाला आदमी समाज में आता है, और मौका मिलते ही सब कुछ लूट लेता है। ऐसे लोगों को बुलाने से बचना चाहिए।”
उनका इशारा स्पष्ट रूप से ब्राह्मण समाज की ओर था, जो तिलक, जनेऊ और वेद-पुराणों से जुड़ी जीवनशैली का प्रतिनिधित्व करता है।

इस बयान से ना केवल ब्राह्मण समाज में आक्रोश फैला, बल्कि संत समाज, कथा वाचक, पुरोहित वर्ग और सनातन संस्कृति से जुड़े सभी वर्गों ने इसे अपनी धार्मिक आस्था का अपमान बताया है। जगह-जगह प्रदर्शन, ज्ञापन और पुतला दहन की खबरें सामने आई हैं।


रामजीलाल सुमन का संसद में ऐतिहासिक अपमान: ‘महाराणा सांगा गद्दार’ बोलने पर राजपूत समाज भड़का

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने हाल ही में संसद में बयान दिया जिसमें उन्होंने महाराणा सांगा को गद्दार बताया, जबकि ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, महाराणा सांगा ने बाबर जैसे आक्रांता से लोहा लिया था और स्वतंत्रता, स्वाभिमान व स्वराज्य के लिए बलिदान दिया।

राजपूत समाज ने इस टिप्पणी को अपना इतिहास और आत्मगौरव का अपमान माना है। सोशल मीडिया पर #SangaKaApmaan ट्रेंड कर रहा है और जगह-जगह राजपूत समाज के संगठन विरोध में एकजुट हो रहे हैं।


गुर्जर समाज भी नाराज: “हमें शूद्र बताकर किया अपमान, हम क्षत्रिय परंपरा से आते हैं”

राजकुमार भाटी द्वारा खुद को ‘शूद्र’ जाति से बताया जाना और फिर उसे गर्व की बात बताना भी कई गुर्जर संगठनों को खटक गया है। गुर्जर समाज लंबे समय से खुद को क्षत्रिय परंपरा से जोड़ता है और राजवंशों में उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही है।

इस बयान को एक चालाकी के तौर पर देखा जा रहा है — एक तरफ ब्राह्मणों को ‘लुटेरा’, दूसरी ओर खुद को ‘शूद्र’ बताकर जातिगत ध्रुवीकरण करना।

रफ़्तार टुडे की यूट्यूब चैनल

राजनीतिक विश्लेषण: क्या समाजवादी पार्टी चला रही है हिंदू समाज को बांटने की मुहिम?

विशेषज्ञों का मानना है कि सपा की रणनीति साफ है — सनातन परंपरा पर प्रहार कर, जातिगत गोलबंदी के जरिए सत्ता तक पहुंचना।
पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को ‘जातिवादी ग्रंथ’ बताया, अब भाटी और सुमन की बारी है।

क्या यह पूरी तरह से योजनाबद्ध बयानबाज़ी है?
क्या ये बयान बस यूं ही नहीं, बल्कि बसपा के वोट बैंक में सेंध और बीजेपी के हिंदू एकता को तोड़ने के लिए दिए जा रहे हैं?


ब्राह्मण और राजपूत संगठनों की चेतावनी: “अगर माफी नहीं मिली तो पूरे प्रदेश में आंदोलन”

ब्राह्मण समाज ने चेतावनी दी है कि अगर राजकुमार भाटी और सपा नेतृत्व ने सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी, तो प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन और गिरफ्तारी की मांग की जाएगी।

वहीं, राजपूत संगठन महाराणा सांगा पर दिए गए बयान को “सभ्य समाज और भारतीय इतिहास का अपमान” बता रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि सांसद रामजीलाल सुमन को तत्काल संसद से निष्कासित किया जाए।


सत्ताधारी भाजपा की प्रतिक्रिया: “समाजवादी पार्टी की यह मानसिकता हिंदू समाज के लिए खतरनाक”

भाजपा प्रवक्ताओं ने बयान दिया कि ये घटनाएं साबित करती हैं कि समाजवादी पार्टी अब हिंदू समाज को तोड़ने की नीयत से, जातियों में ज़हर घोल रही है।
उनका कहना है कि सपा सिर्फ तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति के लिए हिंदू समाज को कमजोर करना चाहती है।


क्या है सपा की रणनीति? दलित और पिछड़े वर्गों के नाम पर एक और ‘M-Y’ समीकरण की तलाश!

कुछ जानकार मानते हैं कि ये बयानबाज़ी वास्तव में दलित बनाम सवर्ण संघर्ष का माहौल खड़ा करने की रणनीति है। इसका उद्देश्य BSP के कमजोर हो चुके वोटबैंक को सपा की ओर मोड़ना और मुस्लिम+यादव के साथ दलित समीकरण को जोड़कर M-Y-D (मुस्लिम-यादव-दलित) नया समीकरण खड़ा करना हो सकता है।

लेकिन हिंदू समाज की एकजुटता और सोशल मीडिया की सजगता ने सपा की इस योजना को झटका दिया है।


🔚 निष्कर्ष: समाज की अस्मिता या सियासत का खेल?

यह स्पष्ट होता जा रहा है कि ये बयान केवल शब्द नहीं बल्कि धर्म, परंपरा, इतिहास और जातीय सम्मान पर हमला हैं। आने वाले समय में यह मुद्दा केवल मीडिया तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति की दिशा तय करने में भूमिका निभा सकता है।

अब देखना ये है कि क्या राजनीति जातियों को तोड़ने में कामयाब होगी या सनातन एकता और सांस्कृतिक चेतना इस साजिश का करारा जवाब देगी?


🛑Raftar Today व्हाट्सएप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक को टच करें।
Follow the Raftar Today channel on WhatsApp

Twitter (X): Raftar Today (@raftartoday)


📢 ट्रेंडिंग हैशटैग्स:

#राजकुमारभाटी_माफी_मांगे
#ब्राह्मण_सम्मान_पर_आघात
#सांगा_का_अपमान
#राजपूत_गौरव
#सनातन_संस्कृति_पर_हमला
#TilkKaApmaan
#ShudrVirodh
#SanatanEkta
#SPकी_जातिवादी_राजनीति
#GuptRajnitiExpose
#SwamiPrasadKaAgenda
#SumanKaSangharsh
#MaharanaSangaZindabad
#BrahminPride
#RajputVirodh
#SamajwadiSazish
#HinduUnityVsSP
#VoteBankPoliticsExpose
#RaftarToday


रफ़्तार टुडे की न्यूज़

Raftar Today
Raftar Today

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button