शिक्षागौतमबुद्ध नगरग्रेटर नोएडा

Breaking Police News : गलगोटिया विश्वविद्यालय का ‘परिवारिक विवाद समाधान केंद्र’, शिक्षा से समाज सेवा तक — शांति, सहानुभूति और न्याय की दिशा में अनोखी पहल, पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की सराहना “समाज में स्थिरता का स्तंभ बनेगा यह केंद्र”

परिवारिक शांति का मनोवैज्ञानिक पहलू - DCP प्रीति यादव

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। जब शिक्षा केवल डिग्रियों तक सीमित न रहकर समाज में शांति और न्याय की नई दिशा देने लगे, तब वह सचमुच “सार्थक शिक्षा” कहलाती है। इसी सोच को साकार किया है गलगोटिया विश्वविद्यालय (Galgotias University) ने — गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट के सहयोग से स्थापित ‘परिवारिक विवाद समाधान केंद्र (Family Dispute Resolution Centre)’ के माध्यम से।

यह केंद्र, जिसका शुभारंभ 4 सितंबर 2025 को हुआ था, और जिसने 18 सितंबर 2025 से अपने औपचारिक संचालन की शुरुआत की, अब तक केवल आठ दिनों में ही लगभग 20 मामलों की सुनवाई कर चुका है। इनमें से तीन मामलों में सफल मध्यस्थता (Successful Mediation) करते हुए दोनों पक्षों के बीच सकारात्मक समझौता (Amicable Settlement) स्थापित किया गया — यह किसी भी नये उपक्रम के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है।

शिक्षा और पुलिस का अद्भुत संगम – एक नई सामाजिक दृष्टि

गलगोटिया विश्वविद्यालय और गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट का यह संयुक्त उपक्रम एक अनोखी सामाजिक साझेदारी का उदाहरण है। इस केंद्र का उद्देश्य है — संवाद, सहानुभूति और समझ के माध्यम से परिवारों को विवादों के समाधान की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करना।
यह मॉडल इस बात को दर्शाता है कि जब शैक्षणिक संस्थान (Educational Institutions) और प्रशासनिक एजेंसियां (Administrative Agencies) एक साथ मिलकर काम करती हैं, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन तेजी से संभव होता है।

पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की सराहना – “समाज में स्थिरता का स्तंभ बनेगा यह केंद्र”

गौतम बुद्ध नगर की पुलिस आयुक्त श्रीमती लक्ष्मी सिंह ने इस पहल को “शांति की दिशा में ऐतिहासिक कदम” बताया। उन्होंने कहा “परिवारिक विवादों का समय रहते समाधान समाज में शांति और स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक है। गलगोटियास विश्वविद्यालय के सहयोग से स्थापित यह केंद्र पुलिस और शैक्षणिक संस्थानों के बीच साझेदारी का प्रेरक उदाहरण है, जो नागरिकों को संवाद और सुलह की दिशा में आगे बढ़ाएगा।”

परिवारिक शांति का मनोवैज्ञानिक पहलू – DCP प्रीति यादव

परिवारिक विवाद केवल कानूनी मसला नहीं होता, बल्कि यह भावनात्मक असंतुलन और मानसिक तनाव से जुड़ा मुद्दा भी है। इसलिए केंद्र में आने वाले पक्षों को न केवल कानूनी सलाह दी जाती है, बल्कि मनोवैज्ञानिक परामर्श (Psychological Counseling) भी दिया जाता है, ताकि दोनों पक्षों में संवाद और समझ की भावना को पुनर्जीवित किया जा सके।

उनके अनुसार, ऐसे केंद्रों की आवश्यकता आज के दौर में और अधिक महसूस की जा रही है, क्योंकि पारिवारिक विवाद अक्सर सामाजिक अस्थिरता की जड़ बन जाते हैं। समय रहते बातचीत और समझ से हल निकालना न्यायिक बोझ को भी कम करता है।

विश्वविद्यालय का विज़न – शिक्षा के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन

गलगोटियास विश्वविद्यालय के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा “गलगोटियास में हम मानते हैं कि शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना है। परिवारिक विवाद समाधान केंद्र हमारी उसी प्रतिबद्धता का प्रतीक है जो सहानुभूति, न्याय और सामुदायिक सेवा के मूल्यों पर आधारित है।”

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय छात्रों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान नहीं देता, बल्कि उन्हें “सामाजिक नेतृत्व” के लिए तैयार करता है। यह केंद्र छात्रों, फैकल्टी और समाज के बीच संवाद और समाधान का सेतु बनेगा।

आराधना गलगोटिया का संदेश – “शांति और सौहार्द की शिक्षा”

डायरेक्टर ऑपरेशंस श्रीमती आराधना गलगोटिया ने कहा “‘परिवारिक विवाद समाधान केंद्र’ गलगोटियास की उस भावना को दर्शाता है, जिसके अंतर्गत हम ऐसे जिम्मेदार नागरिक तैयार करते हैं जो समाज में शांति और सौहार्द को बढ़ावा दें। प्रारंभिक सफलता हमारी टीम के समर्पण और पेशेवर निष्ठा का परिणाम है।”

उन्होंने बताया कि केंद्र में ट्रेंड काउंसलर्स और लीगल एक्सपर्ट्स की एक टीम है जो विवादों को सुनकर कानूनी और भावनात्मक दृष्टि से समाधान का मार्ग सुझाती है।

गलगोटिया के कुलाधिपति सुनील गलगोटिया का दूरदर्शी नेतृत्व

माननीय कुलाधिपति श्री सुनील गलगोटिया के दूरदर्शी नेतृत्व में विश्वविद्यालय लगातार नवाचार (Innovation), करुणा (Compassion) और सामुदायिक जुड़ाव (Community Engagement) के क्षेत्र में अग्रसर है।
उनकी प्रेरणा से विश्वविद्यालय ने “शैक्षणिक परिसर से समाज तक” की सोच को अपनाया है, जहाँ हर विद्यार्थी समाज सुधार का वाहक बन सके।

आठ दिन, बीस मामले, तीन समाधान – एक उल्लेखनीय शुरुआत

केंद्र के शुरुआती कार्यकाल के दौरान ही लगभग 20 पारिवारिक विवाद मामलों की सुनवाई हुई। इनमें से 3 मामलों का सफल निपटारा (Settlement) हुआ, जबकि शेष मामलों में काउंसलिंग और बातचीत की प्रक्रिया जारी है।
केंद्र में काम करने वाली टीम ने बताया कि प्रत्येक केस को पूरी संवेदनशीलता और गोपनीयता के साथ हैंडल किया जा रहा है “हमारा उद्देश्य किसी को दोषी ठहराना नहीं, बल्कि आपसी बातचीत के ज़रिए समाधान तक पहुंचना है,” — केंद्र की एक काउंसलर ने कहा।

शिक्षा और समाज का सेतु — गलगोटिया का सामाजिक मॉडल

गलगोटिया विश्वविद्यालय का यह कदम उन दुर्लभ प्रयासों में से है जहाँ शिक्षा को समाज सेवा का माध्यम बनाया गया है।
यह मॉडल इस बात को पुष्ट करता है कि विश्वविद्यालय केवल ज्ञान देने वाले केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के संस्थान (Institutions of Change) भी हैं।

यह केंद्र छात्रों को “क्लिनिकल लीगल एजुकेशन (Clinical Legal Education)” का भी अवसर प्रदान करेगा, जिससे वे वास्तविक मामलों के जरिए न्याय और सहानुभूति के मूल्यों को समझ सकें।

आगे की राह

विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि आने वाले महीनों में यह केंद्र और भी व्यापक स्वरूप (Expanded Form) में काम करेगा। इसमें मेडिएशन वर्कशॉप्स, अवेयरनेस कैंपेन, और महिला सशक्तिकरण पर विशेष सेशन भी आयोजित किए जाएंगे।

भविष्य में इसे गौतम बुद्ध नगर के अन्य क्षेत्रों तक भी विस्तारित करने की योजना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा परिवार इस पहल का लाभ उठा सकें।

प्रमुख बिंदु एक नजर में:

शुभारंभ – 4 सितंबर 2025

सक्रिय कार्य – 18 सितंबर 2025 से

कुल मामले – 20

सफल मध्यस्थता – 3 मामले

विशेषज्ञ – लीगल + साइकोलॉजिकल काउंसलिंग

सहयोगी संस्था – गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट

उद्देश्य – परिवारों में शांति, सुलह और समझ का विकास

शिक्षा जब समाज की मरहम बन जाए

गलगोटिया विश्वविद्यालय का ‘परिवारिक विवाद समाधान केंद्र’ यह साबित कर रहा है कि शिक्षा की सच्ची शक्ति किताबों से नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने से आती है।
यह पहल आने वाले समय में न केवल गौतम बुद्ध नगर, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में शांति, संवाद और सामाजिक न्याय की नई संस्कृति को जन्म दे सकती है।

रफ़्तार टुडे की न्यूज़
Raftar Today
Raftar Today

Related Articles

Back to top button