Greater Noida Authority News : ग्रेटर नोएडा की सड़कों को मिलेगी नई चमक!, कासना बाजार से ईकोटेक-6 रोटरी तक सड़क का होगा कायाकल्प, मिलिंग तकनीक से होगा निर्माण, पर्यावरण भी रहेगा सुरक्षित

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। ग्रेटर नोएडा के नागरिकों के लिए राहत भरी खबर है — कासना बाजार से ईकोटेक-6 रोटरी तक की जर्जर सड़क अब जल्द ही नई चमक बिखेरेगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एन. जी. रवि कुमार के निर्देश पर इस सड़क के कायाकल्प का कार्य शुरू हो गया है। सबसे खास बात यह है कि यह सड़क अत्याधुनिक “मिलिंग तकनीक (Milling Method)” से तैयार की जा रही है, जो न सिर्फ समय और धन की बचत करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगी।
मिलिंग पद्धति से सड़क का कायाकल्प – तकनीक और पर्यावरण का संगम
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा एक बार फिर मिलिंग पद्धति से सड़क निर्माण कराया जा रहा है। इस पद्धति में सड़क की पुरानी परत को उतारकर उसे रीसाइकिल (Recycling) किया जाता है और उसी सामग्री को नई परत के निर्माण में पुनः प्रयोग किया जाता है। इससे कंस्ट्रक्शन वेस्ट कम होता है और सस्टेनेबल डेवलपमेंट (Sustainable Development) को बढ़ावा मिलता है।
इससे पहले गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की सड़क इसी तकनीक से बनाई गई थी, जिसे स्थानीय नागरिकों और इंजीनियरिंग विशेषज्ञों ने एक “मॉडल प्रोजेक्ट” के रूप में सराहा था। अब कासना से ईकोटेक-6 तक की सड़क भी उसी आधुनिक तकनीक की झलक दिखाएगी।
परियोजना का विस्तार और निगरानी
यह सड़क छह लेन की होगी, जिसकी कुल लंबाई दोनों तरफ मिलाकर लगभग 3 किलोमीटर (डेढ़-डेढ़ किमी प्रत्येक दिशा) होगी। परियोजना की अनुमानित लागत 2.95 करोड़ रुपए तय की गई है।
सड़क की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकरण के परियोजना विभाग (Project Department) के वर्क सर्कल-7 के वरिष्ठ प्रबंधक नरोत्तम सिंह और प्रबंधक अभिषेक पाल ने गुरुवार को मौके पर जाकर कार्य की प्रगति का जायजा लिया।
प्राधिकरण ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कार्य एक माह की समय सीमा में पूरा कर लिया जाए। साथ ही, सड़क की गुणवत्ता पर सख्त निगरानी (Strict Monitoring) रखी जा रही है ताकि कोई तकनीकी या संरचनात्मक कमी न रह जाए।
नागरिकों को मिलेगा सुगम आवागमन का लाभ
बीते कुछ महीनों से कासना से ईकोटेक-6 की ओर जाने वाली यह सड़क गड्ढों और धूल के कारण नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई थी। भारी वाहन और औद्योगिक ट्रैफिक के चलते इस मार्ग की स्थिति बेहद खराब हो गई थी। अब इसके दुरुस्त होने से रोजाना आने-जाने वाले हजारों लोगों को राहत मिलेगी।
सड़क की नई सतह न केवल ट्रैफिक के दबाव को संभालने में सक्षम होगी, बल्कि यह कम शोर उत्पन्न करने वाली (Low Noise Surface) भी होगी, जिससे स्थानीय व्यापारिक क्षेत्रों और आवासीय इलाकों में प्रदूषण घटेगा।
एक माह में पूरा होगा काम, अधिकारियों ने दी सख्त हिदायत
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सुमित यादव ने वर्क सर्कल-7 के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि काम में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा “सड़क निर्माण कार्य को निर्धारित समय सीमा के भीतर उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए। कार्य की हर परत की जांच इंजीनियरिंग मानकों के अनुसार होनी चाहिए।”
सड़क तैयार होने के बाद प्राधिकरण द्वारा थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन (Third Party Inspection) भी कराई जाएगी, ताकि निर्माण की गुणवत्ता की निष्पक्ष जांच हो सके।
पर्यावरण संरक्षण और लागत बचत – इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी उपलब्धि
मिलिंग तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें पुरानी सड़क की सामग्री को दोबारा इस्तेमाल किया जाता है, जिससे नए कच्चे माल (Raw Materials) की आवश्यकता कम होती है। इससे न केवल प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण (Natural Resource Conservation) होता है, बल्कि कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission) भी घटता है।
इसके साथ ही, इस तकनीक से सड़क निर्माण की लागत में लगभग 20–25% की बचत होती है।
प्राधिकरण का यह प्रयास ग्रेटर नोएडा को “ग्रीन और स्मार्ट सिटी” के लक्ष्य की दिशा में एक और मजबूत कदम साबित होगा।
स्थानीय व्यापार और उद्योगों को भी लाभ
कासना से ईकोटेक-6 का यह मार्ग औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक प्रमुख कड़ी है। यहां रोज़ाना भारी संख्या में ट्रक, डिलीवरी वैन और औद्योगिक वाहनों की आवाजाही रहती है।
सड़क के सुधरने से लॉजिस्टिक लागत (Logistic Cost) घटेगी, औद्योगिक परिवहन तेज होगा, और आसपास के बाजारों में व्यापारिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों ने इस कार्य को लेकर खुशी जताई है।
कासना बाजार के व्यापारी रविंद्र नागर ने कहा “पिछले कई महीनों से सड़क की हालत खराब थी, जिससे ग्राहकों का आना-जाना मुश्किल हो गया था। अब सड़क बन जाने से कारोबार में भी रौनक लौटेगी।”
वहीं, ईकोटेक क्षेत्र के एक फैक्ट्री मालिक मनीष चौधरी ने कहा कि इस सड़क की वजह से ट्रक ड्राइवरों को रोज़ जाम और खराब सड़क से जूझना पड़ता था। “अब प्राधिकरण ने जो काम शुरू किया है, उससे उद्योगों को बहुत राहत मिलेगी,” उन्होंने कहा।
विकास की राह पर ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा लगातार सड़कों और बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए किए जा रहे प्रयास शहर को राष्ट्रीय स्तर पर एक मॉडल औद्योगिक नगर के रूप में स्थापित करने में मदद कर रहे हैं।
कासना बाजार से ईकोटेक-6 रोटरी तक की यह सड़क परियोजना शहर के ट्रैफिक, व्यापार और नागरिक जीवन में नया उत्साह लेकर आएगी।
प्रमुख तथ्य एक नजर में:
तकनीक – मिलिंग पद्धति से रीसर्फेसिंग
लागत – लगभग ₹2.95 करोड़
समय सीमा – 1 माह
लंबाई – लगभग 3 किमी (दोनों तरफ 1.5 किमी)
निगरानी अधिकारी – नरोत्तम सिंह एवं अभिषेक पाल
फायदे – लागत में बचत, पर्यावरण संरक्षण, ट्रैफिक राहत



