नई दिल्ली9 घंटे पहले
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अयोध्या भूमि विवाद मामले में फैसले का जिक्र करते हुए अदालत ने कुतुबमीनार परिसर में हिंदू और जैन देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा करने और पूजा के अधिकार के लिए एक दीवानी वाद को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि वर्तमान और भविष्य में शांति भंग करने के लिए पिछली गलतियों को आधार नहीं बनाया जा सकता है।
जैन देवता तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव और हिंदू देवता भगवान विष्णु की ओर से दायर मुकदमे में दावा किया गया कि मोहम्मद गौरी की सेना में जनरल रहे कुतुबदीन ऐबक ने 27 मंदिरों को आंशिक रुप से ध्वस्त कर उनकी सामग्री का पुन: उपयोग करके परिसर के अंदर कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का निर्माण कराया था। यह वाद खारिज करते हुए दीवानी न्यायाधीश नेहा शर्मा ने कहा कि भारत का सांस्कृतिक रूप से समृद्ध इतिहास रहा है।
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