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Gangster Shrikant Tyagi: श्रीकान्त त्यागी पर क्यों लगी गैंगस्टर ? पुलिस ने श्रीकान्त त्यागी के लम्बे आपराधिक इतिहास के तहत की उसपर गैंगस्टर लगाने की कार्यवाही, रंगदारी, बलवा, जानलेवा हमला किये जाना, 307, 420 सहित दर्ज हैं कई संगीन धाराओं में मामले

नोएडा, रफ्तार टुडे। महिला के साथ गाली गलौच और अभद्रता कर फरार होने वाले आपराधिक पृष्ठभूमि के श्रीकान्त त्यागी की जमानत याचिका जिला न्यायालय द्वारा खारिज होने के बाद अभी फिलहाल इसको हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाई है। श्रीकान्त त्यागी का लम्बा आपराधिक इतिहास रहा है। लोगों के साथ मारपीट, बलवा, रंगदारी, जानलेवा हमला, धोखाधड़ी, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार जैसे अनेकों मामले इसपर दर्ज हैं।

श्रीकान्त त्यागी की पत्नी ने भी खुद इसके खिलाफ कई बार पुलिस में शिकायत देकर न्याय की गुहार लगा रखी है। श्रीकान्त त्यागी के खराब चाल चलन के चलते इसको कई सोसाइटियों से निकाला जा चुका है। अभी ताज़ा मामला नौएडा की ओमैक्स सोसाईटी का है जहाँ एक महिला को जातिसूचक शब्दों सहित गाली गलौज करने को लेकर श्रीकान्त त्यागी की एक वीडियो सोशल मीडिया पर जम कर वायरल हुई थी जिसमें इसको भाजपा नेता श्रीकान्त त्यागी लिखकर सम्बोधित किया गया था, इससे भाजपा के विरोधियों ने जमकर भाजपा पर निशाना साधा लेकिन बाद में जाँच में सामने आया कि श्रीकान्त त्यागी का भाजपा से कोई नाता नहीं है, यह पुलिस से बचने के लिए बड़े ही शातिर तरीके से सत्तारूढ़ दल के नेताओं के साथ फोटो खिंचवाकर खुद को रूलिंग पार्टी का कद्दावर नेता प्रदर्शित करता था। ऐसा ही इसने बसपा और सपा पार्टी की सरकार के समय भी किया था।

श्रीकान्त त्यागी पहली सोसायटियों से निकाले जाने के बाद अभी वर्तमान में कुछ सालों से नौएडा की ओमैक्स सोसाइटी में रह रहा था और सोसाइटी वालों से अक्सर इसका लड़ाई झगड़ता होता रहता था, यह सोसाइटी के मेन्टेनेन्स शुल्क इत्यादि भी नहीं देता था और सोसाईटी के लोगों पर दबाव बनाता था कि अपने बच्चों को मेरे बच्चों के साथ खेलने भेजो नहीं तो अंजाम ठीक नहीं होगा। उनके घर अपने बाउंसरों को ले जाया करता था। सोसाईटी वालों ने बताया कि इसके बच्चे अक्सर सोसाइटी के बच्चों की पिटाई कर देते थे, सोसाइटी की लिफ्ट में टॉयलेट कर आते थे, अभी कुछ दिन पूर्व एक बच्चे की साइकिल को भी आग लगा दी थी, बच्चों को गन्दी गालियाँ देते थे और जब सोसाइटी वाले अन्नू त्यागी से शिकायत करते थे तो अन्नू त्यागी बच्चों को समझाने के बाजाये उल्टा सोसाइटी के लोगों को ही अपशब्द बोलने लगती थी, यही कारण था कि सोसाइटी के लोगों ने अपने बच्चों को ही इनके बच्चों के साथ खेलने से रोकना शुरू कर दिया था।

जब श्रीकान्त त्यागी महिला से अभद्रता वाले प्रकरण में फरार हो गया और कई दिनों तक पुलिस को बेहद शातिर अपराधी की तरह चकमा देता रहा तो पुलिस को इस पर शक हुआ की जिस तरह कि इसकी मोडस् ऑपरैन्‌डी है यह तो अपराधियों की होती है और इसका आपराधिक इतिहास खंगाला शुरू किया तो बेहद चैंकाने वाली बातें सामने आईं।
यह पूर्व में कई बार जेल जा चुका है और इसके विरुद्ध गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ था। 2007 में तत्कालीन सरकार ने इसकी असामाजिक गतिविधियों के चलते और आपराधिक प्रवृति को दृष्टिगत रखते हुए इस पर गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही की थी।

यह भी सामने आया है कि यह अपने आप को मुख्यमन्त्री के सलाहकार मंडल का सदस्य बताता था और कहता था कि इसको वहीं से पुलिस सुरक्षा मिली है लेकिन जांच में सामने आया कि इसने विनय त्यागी से जान का खतरा बताते हुए शिकायत दी थी जिस कारण इसको पुलिस सुरक्षा दी गयी जिसको इसने मुख्यमन्त्री के सलाहकार मंडल का सदस्य होने के कारण मिली सुरक्षा बताते हुए झूठ बोला।

पुलिस से फरार होने के बाद जब पुलिस ने इसके ठिकानों पर दबिश दी तो वहाँ भी कई चौकाने वाली चीज़ें सामने आने लगीं, इसकी गाड़ी पर सरकारी राज्य चिन्ह अंकित मिला साथ ही एस्कॉर्ट की गाडियाँ, मेटल डिटेक्टर, पुलिस बैरिकेड, गाड़ी पर विधायक का फर्जी पास इत्यादि चीजों को जब्त किया गया।

इसकी पत्नी लगातार समाजवादी पार्टी और भारतीय किसान यूनियन टिकैत के वरिष्ठ नेताओं के सम्पर्क में हैं और लगातार बयान दे रही हैं कि मेरे पति पर केवल एक महिला से गाली गलौज जैसे छोटे अपराध के लिए बड़ी धाराओं में केस दर्ज किया गया जबकि वो इस सच्चाई को समाज से छुपा रही हैं कि सन 2007 से अब तक के इसके लम्बे आपराधिक इतिहास का संज्ञान लेते हुए और इसके ठिकानों से जब्त कई आपत्तिजनक वस्तुओं की बरामदगी के चलते इस पर कई धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। यह दबे हुए मामले शायद अब भी उजागर नहीं हो पाते अगर यह पुलिस से भागता नहीं और महिला से माफी मांगकर मामले को रफा दफा कर देता लेकिन इसकी ज़्यादा समझदारी इस बार खुद इस पर ही भारी पड़ गयी और इसका असली चेहरा देश के सामने आ गया।

नौएडा की जिस ओमैक्स सोसाइटी में यह रहता है वो नौएडा अथॉरिटी द्वारा आबंटित भूमि पर बनी है और उसका नक्शा भी नौएडा अथॉरिटी से पास है जिसमें स्पष्ट उल्लेखित है कि कॉमन एरिया और ग्रीन एरिया कहाँ कहाँ होगा।
श्रीकान्त त्यागी ने कॉमन एरिया को धीरे धीरे पेड़ लगाने की आड़ में घेरना शुरू कर दिया और फिर इसको अपनी निजी सम्पत्ति बताकर इसकी घेराबंदी शुरू कर दी थी जिसके विरुद्ध सोसाइटी की प्रबन्धन समिति ने कई बार इसको नोटिस भी जारी किए थे और बोला था कि कॉमन एरिया में वृक्षारोपण कहाँ किया जाता है यह तय करना सोसाइटी का काम है और सोसाइटी इस कार्य को नौएडा अथॉरिटी द्वारा पास मानचित्र के अनुसार करती है। श्रीकान्त त्यागी लगातार लम्बे समय से सोसाइटी के नियमों का उल्लंघन करता आ रहा है और सोसाइटी को अपनी निजी प्रोपर्टी मानते हुए जहाँ तहाँ जो मर्जी आती है करना शुरू कर देता है जिसकी कई बार शिकायतें की जा चुकीं हैं। इसने जो दुकानें बना रखीं हैं उसमें कुछ सरकारी भूमि को कब्जाने की बात भी सामने आई है जिसकी जाँच शुरू की जा चुकी है।

अब देखना होगा कि जेल से बाहर आने के बाद श्रीकान्त त्यागी सभ्य समाज के तौर तरीकों को अपनाता है या पूर्व के भाँति ही अपने आपराधिक चाल चलन को यथावत बनाये रखता है।

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