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Noida में महेश शर्मा 5.60 लाख वोटों से जीते, यूपी में सबसे बड़ी जीत की हैट्रिेक के साथ महेश शर्मा ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड,10 हजार ने दबाया NOTA का बटन, वोट बढ़ा सिर्फ 0.10 प्रतिशत

संगठन के भरोसे को डॉ महेश शर्मा ने अपने रणनीतिक कौशल, क्षमता और चुनावी प्रबंधन से जीत में किया तब्दील

नोएडा, रफ़्तार टुडे । भाजपा प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा ने रिकॉर्ड तोड़ अंतर से लोकसभा चुनाव जीता। उन्हें 8,57,829 वोट मिले, जिससे वे 5,59,472 वोटों से विजयी हुए। 2019 के मुकाबले वोट प्रतिशत में 0.10% की बढ़ोतरी हुई। गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार डॉ महेश शर्मा को मिली प्रचंड एवं एतिहासिक जीत में वैसे तो कई महत्वपूर्ण कारक हैं। इनमें सांसद डॉ महेश शर्मा पर संगठन का भरोसा और उनका रणनीतिक कौशल, क्षमता और चुनावी प्रबंधन का बहुत बड़ा योगदान हैं। यदि चुनावी समझ और रणनीतिक कौशल ऐसे अहम बिन्दु हैं जिन्होंने भाजपा उम्मीदवार और विपक्षी दलों के उम्मीदवारों के बीच बहुत बड़ा अंतर पैदा कर दिया। इससे भाजपा विरोधी चुनाव के अंत तक पार नहीं पा सके।

बीजेपी प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा ने इस बार के लोकसभा चुनाव में रेकॉर्डतोड़ अंतर से जीत हासिल की है। उन्हें 8 लाख 57 हजार 829 वोट मिले और 5 लाख 59 हजार 472 मतों के अंतर से जीत हासिल की। साल 2019 में महेश शर्मा को 8 लाख 30 हजार 812 वोट मिले और उन्होंने 3 लाख 36 हजार 922 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। हालांकि इन आंकड़ों की वोट प्रतिशत के आंकड़ों से तुलना की जाए तो इसमें केवल 0.10 प्रतिशत का अंतर है।

निर्दलीय उम्मीदवारों सहित 12 अन्य उम्मीदवार भी मैदान में थे लेकिन कोई भी 4,000 वोट भी हासिल नहीं कर सका, जबकि ‘नोटा’ (इनमें से कोई नहीं) विकल्प 10,324 (0.72 प्रतिशत) मतों के साथ चौथे स्थान पर रहा। शर्मा ने 2014 में गौतम बुद्ध नगर से 2.80 लाख वोटों के अंतर से और 2019 में 3.37 लाख वोटों से लोकसभा चुनाव जीता था। यह इस सीट से उनका चौथा लोकसभा चुनाव था। वह 2009 का चुनाव हार गए थे।

बीजेपी प्रत्याशी ने 2019 के चुनाव में 59.64 प्रतिशत और इस बार 59.74 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं। पिछले बार के मुकाबले भाजपा प्रत्याशी को 27 हजार (0.10 फीसदी) वोट ज्यादा मिले। वहीं इस बार की वोटर लिस्ट में 5 लाख से ज्यादा मतदाता बढ़े हैं। मतदाताओं के बढ़ने का असर बीजेपी के वोट बैंक की बढ़त पर नजर नहीं आ रहा है। बीजेपी ने गौतमबुद्ध नगर सीट पर शानदार जीत हासिल की है लेकिन वोट प्रतिशत बढ़ाने में कुछ खास कामयाबी नहीं मिली।

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2014 लोकसभा चुनाव में कुल 19 लाख 86 हजार 117 वोटर थे। इस चुनाव में कुल 11 लाख 99 हजार 238 वोट पड़े। कुल 2,80212 वोटों से बीजेपी जीती थी। बीजेपी के प्रत्याशी को 5 लाख 99 हजार 702 मत मिले थे। वहीं सपा को 3 लाख 19 हजार 490 वोट मिले। बीएसपी के प्रत्याशी ने 1 लाख 98 हजार 237 वोट हासिल किए थे। वहीं, 2019 लोकसभा चुनाव में नोएडा में 21 लाख 7 हजार 718 वोटर थे और 13 लाख 92 हजार 952 वोट पड़े। भाजपा 3,36922 वोटों से जीती थी और उसे 8 लाख 30 हजार 812 मत मिले थे। एसपी-बीएसपी को 4 लाख 93 हजार 890 वोट मिले और कांग्रेस के प्रत्याशी को 42 हजार 77 वोट मिले थे।

साल 2024 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो कुल 26 लाख 75 हजार 148 वोटर्स में से 14 लाख 35 हजार 720 लोगों ने वोट डाले। इसमें भाजपा 5,59472 वोटों से बीजेपी जीती। उसे 8 लाख 57 हजार 829 मत मिले थे। सपा को 2 लाख 98 हजार 357 वोट मिले और बीएसपी को 2 लाख 51 हजार 615 वोट मिले।

अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा
2024 के चुनाव में जीत के साथ महेश शर्मा ने अपने पिछले चुनाव का रिकॉर्ड तोड़ दिया। उन्हें इस चुनाव में 5,59,472 मत मिले। वर्ष 2019 में वह 3,36,000 वोट से जीते थे। उन्होंने इस बार अपना ही पुराना रिकॉर्ड तं अपला दिया। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने लेंब 59.64 प्रतिशत मत हासिल किए थे, जबकि इस बार उन्हें 59.69 प्रतिशत मत मिले। उनके मत प्रतिशत में 0.5 फीसदी की वृद्ि हुई। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर भाजपा ने जीत की हैट्रिक दूसरी बार लगाई है।

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इस सीट पर वर्ष 1998 में भी हुई थी प्रदेश की सबसे बड़ी जीत: इससे पहले वर्ष 1998 में भी भाजपा ने गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर प्रदेश में सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। हालांकि, उस दौरान इस लोकसभा सीट का नाम खुर्जा था। तब भाजपा के प्रत्याशी अशोक प्रधान नेदो लाख 29 हजार से अधिक वोट के अंतर से यहां से जीत दर्ज की थी यह जीत प्रदेश की सबसे बड़ी जीत थी।

गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार डॉ महेश शर्मा को मिली प्रचंड एवं एतिहासिक जीत में वैसे तो कई महत्वपूर्ण कारक हैं। इनमें सांसद डॉ महेश शर्मा पर संगठन का भरोसा और उनका रणनीतिक कौशल, क्षमता और चुनावी प्रबंधन का बहुत बड़ा योगदान हैं। यदि चुनावी समझ और रणनीतिक कौशल ऐसे अहम बिन्दु हैं जिन्होंने भाजपा उम्मीदवार और विपक्षी दलों के उम्मीदवारों के बीच बहुत बड़ा अंतर पैदा कर दिया। इससे भाजपा विरोधी चुनाव के अंत तक पार नहीं पा सके।

डॉ महेश शर्मा इसके लिए खुद को पूरी तरह तैयार करके रखे हुए थे। उन्होंने सबसे पहले पार्टी ‘के अंदर चल रही गुटबाजी को शांत करने के लिए बड़ा कदम उठाया। वह जानते थे कि चुनाव में विरोधी से लड़ने से पूर्व अपने घर के अंदर के मनमुटाव को पूरी तरह शांत किया जाए। ऐसे कार्यक्रम के माध्यम से उन्होंने जनता से संवाद करने का मौका मिला। चुनाव प्रचार के लिए उन्होंने जिले के माहौल को

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