नोएडा, रफ़्तार टुडे। सेक्टर 145 की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। इस अनूठे प्रदर्शन में प्लॉट मालिकों ने नोएडा प्राधिकरण की अनुचित देरी के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की और दर्शाया की प्राधिकरण और जिला प्रशासन उन्हें और उनकी मांगो को हलके में न ले ।
प्रदर्शनकारी, जिनमें वरिष्ठ नागरिक, पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे, उस साइट पर एकत्रित हुए जहां पर उनको प्लाट सौपे जाने है । लगभग 2,250 प्लॉटों की रजिस्ट्रियां लगभग आठ साल पहले की गई थीं और भौतिक कब्ज़ा न मिलने से करीब 15,000 लोग प्रभावित हो रहे हैं। भीषण गर्मी के बावजूद, प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण और दृढ़ रहे, बैनर और तख्तियां लेकर नारे लगाते रहे। प्रदर्शनकारियों ने सेक्टर में प्लाट के साइट पर एक अनोखा “विरोध-भोजन” किया। यह विरोध नोएडा पुलिस, जिला प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण को सूचित करने के बाद आयोजित किया गया।
आरडब्ल्यूए ने प्रदर्शन का आयोजन इसलिए किया क्योंकि नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन प्लॉटों के भौतिक कब्जे और सेक्टर के समग्र विकास के लिए समयसीमा साझा नहीं की। प्रदर्शनकारियों ने विकास कार्य की धीमी गति और प्लॉटों के हस्तांतरण के लिए समयसीमा की कमी को उजागर किया। उन्होंने पिछले आश्वासनों के बावजूद प्रगति की कमी पर भी निराशा व्यक्त की।
आरडब्ल्यूए, सेक्टर 145, नोएडा के अध्यक्ष लतसाहब लोहिया ने कहा, “हम सबकी सहनशीलता की भी एक सीमा होती है। नोएडा प्राधिकरण ने हमारी जीवनभर की बचत ले ली है और फिर भी हमें हमारे प्लॉट नहीं सौंपे हैं। यह नॉएडा अथॉरिटी है या कोई भगोड़ा बिल्डर?”
आरडब्ल्यूए ने नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन को अपनी मांगों और अपेक्षाओं का ज्ञापन पहले ही सौंप दिया है और प्राधिकरण से भौतिक कब्जे और सेक्टर के समग्र विकास के लिए समयसीमा साझा करने का अनुरोध किया।
प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों के साथ नए सिरे से बैठक करने की और क्षेत्र के विधायक और सांसद के साथ बैठक करने की योजना बनाई है।
नोएडा प्राधिकरण पिछले आठ वर्षों से मौखिक आश्वासन दे रहा है। अधिकारियों ने 2021 में एक समान प्रदर्शन के बाद प्लॉट मालिकों को आश्वासन दिया था कि प्लॉटों का भौतिक कब्जा और सेक्टर का विकास जल्द ही किया जाएगा। लेकिन जमीन पर कुछ ठोस काम नहीं हुआ है। कुछ अधिकारियों ने ये बात भी मानी है कि सैक्टर के विकास में कोई कानूनी अड़चन नहीं हैं, बस प्राधिकरण और जिला प्रशासन की ओर से प्रक्रियात्मक देरी है। सेक्टर के आवासीय प्लॉट किसानों को अधिग्रहित कृषि भूमि के बदले 5% मुआवजे की श्रेणी में आते हैं।
“प्राधिकरण कीऔर खोखली बातें हम नहीं सुनेंगे,” लोहिया ने कहा। “हम अपने अधिकारों के लिए अंत तक लड़ेंगे और ज़रूरत पड़ी तोह हम अपने किसान भाइयो के साथ मिलकर एक और महा-प्रदर्शन करेंग़े !”