DM Breaking News : गौतमबुद्ध नगर प्रशासन का बड़ा वार, 2240 बीघा ग्रामसभा भूमि भू-माफियाओं से मुक्त!, मकनपुर खादर में वर्षों से कब्जा जमाए माफियाओं पर चला बुलडोजर, न्याय और विकास के रास्ते खुलने की नई शुरुआत

गौतमबुद्धनगर, ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे ब्यूरो।
2240 बीघा ज़मीन पर से हटाया कब्जा, भू-माफियाओं को मिली करारी चेतावनी!
गौतमबुद्ध नगर, रफ्तार टुडे।
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के नेतृत्व में प्रशासन ने भू-माफियाओं के खिलाफ एक ऐतिहासिक और निर्णायक कार्रवाई को अंजाम दिया है। वर्षों से कब्जा की गई ग्रामसभा मकनपुर खादर की करीब 2240 बीघा जमीन को प्रशासन ने मुक्त करवा लिया है, जिसकी बाजारू कीमत लगभग 800 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। यह भूमि वर्षों से अवैध कब्जे में थी और स्थानीय ग्रामीणों के लिए एक पीड़ा का कारण बनी हुई थी।
कब्जे की गई जमीन को बनाया जा रहा था अवैध मुनाफे का जरिया
ग्रामसभा की यह भूमि भूमाफियाओं द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर ली गई थी, जिन्हें नकली कागजों और मोलभाव के जरिए बेचने और प्लॉटिंग करने की कोशिश की जा रही थी। ग्रामीणों की लगातार शिकायतों और वर्षों की पीड़ा के बाद आखिरकार प्रशासन ने कमर कस ली और कानूनी दस्तावेज़ों की पुष्टि के बाद भू-माफियाओं पर कार्रवाई शुरू की।
प्रशासन, पुलिस बल और ग्रामीणों के संयुक्त प्रयास से सफल हुई कार्रवाई
इस कार्रवाई में अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) भैरपाल सिंह के नेतृत्व में राजस्व विभाग, पुलिस बल और लोकल ग्रामीणों की सहायता से 2240 बीघा भूमि को पूरी तरह अतिक्रमण से मुक्त कराया गया।
लेखपाल बीरबहादुर और शरीकृष्ण ने नक्शे और साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित की।
जमीन पर निर्माण कर रहे भू-माफियाओं को मौके पर ही रोका गया और तत्काल बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया।
ग्रामीणों ने जताया आभार, वर्षों पुराना अन्याय खत्म
कार्रवाई के बाद गांव में जश्न का माहौल देखा गया। स्थानीय निवासी दीपक कुमार, डालचंद शर्मा, दानवीर नंबरदार, दयाचंद और दर्शन भाटी जैसे वरिष्ठ ग्रामीणों ने प्रशासन का खुले दिल से धन्यवाद किया। ग्रामीणों ने कहा कि,
“यह कार्रवाई न सिर्फ हमारी जमीन वापस लाने की लड़ाई थी, बल्कि हमारे आत्मसम्मान की भी जीत है।”
भविष्य के लिए चेतावनी भी जारी, अब नहीं चलेगा अवैध कब्जा
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अगर भविष्य में कोई भी व्यक्ति ग्रामसभा की जमीन पर बिना अनुमति कब्जा करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस ऐक्शन से अब अतिक्रमणकारियों के हौंसले पस्त हो गए हैं।
राजस्व संग्रह और ग्रामीण विकास की नई उम्मीद
प्रशासन के अनुसार, मुक्त कराई गई भूमि के रखरखाव की जिम्मेदारी जल्द ही किसी उपयुक्त सरकारी संस्था को सौंपी जाएगी। इससे होने वाली आय राजकोष में जमा होगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही योजनाओं को आर्थिक सहयोग मिलेगा और विकास कार्यों में तेजी आएगी।
प्रशासनिक पारदर्शिता और निष्पक्षता की मिसाल बनी यह कार्रवाई
यह कार्रवाई सरकारी संपत्ति की रक्षा और आम जनता को न्याय दिलाने की दिशा में एक आदर्श कदम माना जा रहा है। इससे न सिर्फ भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के खिलाफ सख्त संदेश गया है, बल्कि यह कार्रवाई भविष्य की नीति निर्धारण में एक केस स्टडी के रूप में देखी जा रही है।
अब क्या होगा इस ज़मीन का?
सूत्रों के अनुसार, यह ज़मीन भविष्य में निम्नलिखित कार्यों में इस्तेमाल हो सकती है:
- सरकारी स्कूल, अस्पताल और सामुदायिक केंद्र
- हरित क्षेत्र/पार्क या जल संरक्षण परियोजनाएं
- नवीन रोजगारमूलक योजनाओं के लिए भूमि आवंटन
घटना स्थल: मकनपुर खादर, गौतमबुद्ध नगर
अवैध प्लॉटिंग पर तत्काल कार्रवाई!
पुलिस और प्रशासन ने तत्काल संज्ञान लेते हुए भू-माफियाओं के मंसूबों पर पानी फेर दिया। यह साबित करता है कि जन-जागरण और मीडिया की सक्रियता से बड़े बदलाव संभव हैं।
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