न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Vikas Kumar
Updated Tue, 23 Nov 2021 12:46 AM IST
सार
चार्जशीट में कहा गया है कि सुकेश जेल में एक राजा की तरह रह रहा था। ऐसा लगता है कि रोहिणी जेल के सभी अधिकारी उसे दी गई सुविधाओं के कारण इसमें शामिल थे।
जमानत दिलवाने के नाम पर व्यवसायियों की पत्नी से करोड़ रुपये ऐंठने वाले सुकेश चंद्रशेखर जेल अधिकारियों की मिलीभगत से अपना सम्राज्य चला रहा था। वह जेल में राजा की तरह रह रहा था। चंद्रशेखर को भव्य जीवनशैली जीने का शौक था और उसे महंगे लग्जरी वाहन पसंद थे। पुलिस ने उसके फार्महाउस से करीब 20 लग्जरी वाहन जब्त करने का दावा किया है। दिल्ली पुलिस ने दायर आरोपपत्र में उक्त जानकारी देते हुए कहा कि आरोपी रोहिणी जेल के अंदर से कई उद्योगपत्तियों से बड़ी मात्रा में धन ऐंठने के लिए ट्रू कॉलर मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सरकारी अधिकारियों से अपने संबंधो का रोब डालता था।
पुलिस ने चंद्रशेखर और उनकी पत्नी और अभिनेता लीना मारिया पॉल के खिलाफ 200 करोड़ रुपये के रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर की पत्नी को कथित तौर पर ठगने से जुड़े एक मामले में दायर अपनी चार्जशीट में यह आरोप लगाए है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण सिंह के समक्ष दायर अपनी अंतिम रिपोर्ट में पुलिस ने दावा किया कि चंद्रशेखर जेल के अंदर एक ‘राजा’ की तरह रहता था। वह खुद को उच्च सरकारी अधिकारियों से संबंध बताकर जबरन वसूली को अंजाम देने के लिए मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रहा था।
अदालत के समक्ष दायर चार्जशीट में कहा गया है कि वह उपयोगकर्ताओं के मोबाइल स्क्रीन पर सरकारी कार्यालयों के लैंडलाइन के नंबर और कुछ उच्च सरकारी अधिकारियों के नाम को ट्रू कॉलर मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से दिखाता था। चार्जशीट के मुताबिक इस मामले में गिरफ्तार उप जेल अधीक्षक डी.ए.स मीणा सह आरोपी दीपक और प्रदीप रामनानी ने 60 से 75 लाख रुपये वसूले थे जो चंद्रशेखर को जबरन वसूली का रैकेट जारी रखने के लिए सुरक्षा और सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जेल अधिकारियों के बीच बांटे गए थे।
चार्जशीट के अनुसार मीणा ने इकबालिया बयान में माना कि करीब 50 लाख रुपये सहायक अधीक्षक (एएस) रैंक से ऊपर के अधिकारियों को और एएस रैंक से नीचे के लोगों को 10 लाख रुपये दिए गए। इसके अलावा चंद्रशेखर को रहने के लिए एक पूरी बैरक दी गई थी, जहां उन्होंने लंबे समय तक बताई अवधि और सीसीटीवी को अपनी गतिविधियों को रिकॉर्ड करने से रोकने के लिए पर्दे लटकाए।
चार्जशीट में कहा गया है कि सुकेश जेल में एक राजा की तरह रह रहा था। ऐसा लगता है कि रोहिणी जेल के सभी अधिकारी उसे दी गई सुविधाओं के कारण इसमें शामिल थे। अन्य सभी कैदियों की एक पूरी बैरक खाली उसे दे दी गई।
यह मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने अदिति सिंह की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर दायर किया है। पिछले साल जून में कानून मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के रूप में उसने पैसे के बदले में उस समय जेल में बंद अपने पति को जमानत दिलाने में मदद करने पर उसे करोड़ों रुपये दिए थे।
विस्तार
जमानत दिलवाने के नाम पर व्यवसायियों की पत्नी से करोड़ रुपये ऐंठने वाले सुकेश चंद्रशेखर जेल अधिकारियों की मिलीभगत से अपना सम्राज्य चला रहा था। वह जेल में राजा की तरह रह रहा था। चंद्रशेखर को भव्य जीवनशैली जीने का शौक था और उसे महंगे लग्जरी वाहन पसंद थे। पुलिस ने उसके फार्महाउस से करीब 20 लग्जरी वाहन जब्त करने का दावा किया है। दिल्ली पुलिस ने दायर आरोपपत्र में उक्त जानकारी देते हुए कहा कि आरोपी रोहिणी जेल के अंदर से कई उद्योगपत्तियों से बड़ी मात्रा में धन ऐंठने के लिए ट्रू कॉलर मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सरकारी अधिकारियों से अपने संबंधो का रोब डालता था।
पुलिस ने चंद्रशेखर और उनकी पत्नी और अभिनेता लीना मारिया पॉल के खिलाफ 200 करोड़ रुपये के रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर की पत्नी को कथित तौर पर ठगने से जुड़े एक मामले में दायर अपनी चार्जशीट में यह आरोप लगाए है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण सिंह के समक्ष दायर अपनी अंतिम रिपोर्ट में पुलिस ने दावा किया कि चंद्रशेखर जेल के अंदर एक ‘राजा’ की तरह रहता था। वह खुद को उच्च सरकारी अधिकारियों से संबंध बताकर जबरन वसूली को अंजाम देने के लिए मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रहा था।
अदालत के समक्ष दायर चार्जशीट में कहा गया है कि वह उपयोगकर्ताओं के मोबाइल स्क्रीन पर सरकारी कार्यालयों के लैंडलाइन के नंबर और कुछ उच्च सरकारी अधिकारियों के नाम को ट्रू कॉलर मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से दिखाता था। चार्जशीट के मुताबिक इस मामले में गिरफ्तार उप जेल अधीक्षक डी.ए.स मीणा सह आरोपी दीपक और प्रदीप रामनानी ने 60 से 75 लाख रुपये वसूले थे जो चंद्रशेखर को जबरन वसूली का रैकेट जारी रखने के लिए सुरक्षा और सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जेल अधिकारियों के बीच बांटे गए थे।
चार्जशीट के अनुसार मीणा ने इकबालिया बयान में माना कि करीब 50 लाख रुपये सहायक अधीक्षक (एएस) रैंक से ऊपर के अधिकारियों को और एएस रैंक से नीचे के लोगों को 10 लाख रुपये दिए गए। इसके अलावा चंद्रशेखर को रहने के लिए एक पूरी बैरक दी गई थी, जहां उन्होंने लंबे समय तक बताई अवधि और सीसीटीवी को अपनी गतिविधियों को रिकॉर्ड करने से रोकने के लिए पर्दे लटकाए।
चार्जशीट में कहा गया है कि सुकेश जेल में एक राजा की तरह रह रहा था। ऐसा लगता है कि रोहिणी जेल के सभी अधिकारी उसे दी गई सुविधाओं के कारण इसमें शामिल थे। अन्य सभी कैदियों की एक पूरी बैरक खाली उसे दे दी गई।
यह मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने अदिति सिंह की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर दायर किया है। पिछले साल जून में कानून मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के रूप में उसने पैसे के बदले में उस समय जेल में बंद अपने पति को जमानत दिलाने में मदद करने पर उसे करोड़ों रुपये दिए थे।
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