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MLC On Kisan Pain News : किसानों का दर्द और उम्मीद, अधिग्रहित जमीन पर 4% विकसित भूखंड की मांग को लेकर विधायक श्रीचंद्र शर्मा से मिले पांच गांवों के किसान, कहा “वादों का हो जल्द सम्मान”, अधिग्रहण के सालों बाद भी अधूरा वादा

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित गांवों के किसान पिछले कई वर्षों से अपने 4 प्रतिशत विकसित आबादी भूखंड के इंतजार में हैं। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने और मुआवजा मिलने के बावजूद किसानों को अब तक यह भूखंड नहीं मिला, जिससे ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है। इसी मुद्दे को लेकर बुधवार को पाली, जुनपत, सैनी, तुस्याना और घंघोला समेत पांच से अधिक गांवों के किसानों का प्रतिनिधिमंडल विधान परिषद सदस्य (MLC) श्रीचंद्र शर्मा से मिला। किसानों ने अपनी पीड़ा को विस्तार से बताया और ज्ञापन सौंपकर मांग रखी कि उनकी आवाज़ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाई जाए।

अधिग्रहण के सालों बाद भी अधूरा वादा

किसानों ने मुलाकात के दौरान कहा कि जब जमीन का अधिग्रहण हुआ था, तब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उन्हें 4 प्रतिशत विकसित आबादी भूखंड देने का वादा किया था। उस समय किसानों ने समझौते को स्वीकार किया और कोर्ट का सहारा लेने से परहेज़ किया। उन्हें विश्वास था कि सरकार और प्राधिकरण समय पर अपना वादा निभाएंगे। लेकिन अब तक सालों गुजर गए और भूखंड की प्रतीक्षा खत्म नहीं हुई। किसानों का कहना है कि जो लोग कोर्ट गए, उन्हें राहत मिली, लेकिन जिन्होंने समझौता किया, उनके साथ ही अन्याय हो रहा है।

किसानों ने बयां किया अपना दर्द

प्रतिनिधिमंडल में शामिल ग्रामीणों ने कहा कि “हमने सरकार पर भरोसा किया था। कोर्ट का रास्ता न चुनकर हमने सहयोग दिखाया, लेकिन अब हमें ही नजरअंदाज किया जा रहा है। हमारे साथ भेदभाव क्यों?” किसानों का कहना है कि यह सिर्फ भूमि का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह विश्वास और न्याय की लड़ाई है।

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उन्हें उनका वाजिब हक चाहिए और शेष 4 प्रतिशत विकसित भूखंड का आवंटन तत्काल होना चाहिए।

विधायक ने दिया आश्वासन – मुख्यमंत्री तक पहुंचेगी आवाज़

एमएलसी श्रीचंद्र शर्मा ने किसानों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि उनका मुद्दा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और वह स्वयं इस मामले को उठाएंगे। श्रीचंद्र शर्मा ने कहा कि किसानों के विकास और अधिकारों की रक्षा करना उनकी प्राथमिकता है।

ज्ञापन सौंपकर रखी गई ये मांगें

किसानों ने विधायक को सौंपे गए ज्ञापन में साफ किया कि –

अधिग्रहण के तहत वादा किए गए 4% विकसित भूखंड का तुरंत आवंटन हो। जो किसान कोर्ट नहीं गए, उनके साथ भेदभाव न हो। प्राधिकरण और सरकार अपने पुराने आश्वासन को पूरा करें। किसानों के साथ न्याय की भावना कायम रखी जाए।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे ये गांव

इस मुलाकात में पाली, जुनपत, सैनी, तुस्याना और घंघोला समेत कई गांवों के किसान शामिल रहे। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि अगर उनकी समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर होंगे। उनका कहना है कि यह अब सिर्फ 4 प्रतिशत भूखंड का सवाल नहीं, बल्कि सरकारी वादों पर भरोसे का सवाल है।

किसानों की बढ़ती बेचैनी – क्या होगा अगला कदम?

ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के इन गांवों में माहौल लगातार तनावपूर्ण बना हुआ है। किसान कहते हैं कि उनका सब्र अब जवाब देने लगा है। पहले उन्होंने धरना-प्रदर्शन से लेकर कई स्तरों पर अपनी आवाज़ उठाई, लेकिन अब वे चाहते हैं कि उनकी बात सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचे। उनका मानना है कि अगर मुख्यमंत्री हस्तक्षेप करते हैं तो समस्या का समाधान जल्द संभव है।

ग्रेटर नोएडा के किसानों का यह संघर्ष केवल 4 प्रतिशत भूखंड का नहीं, बल्कि सरकारी वादों और किसानों के विश्वास की लड़ाई है। वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे किसानों को उम्मीद है कि अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक उनकी आवाज़ पहुंचेगी और उनका हक उन्हें मिलेगा। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि सरकार इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाती है।

रफ़्तार टुडे की न्यूज़
Raftar Today
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