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योगी की कुंडली में शनि, राहु केतु का योग? अपनी आक्रमता के कारण बीच में ही हट जाएंगे CM योगी, नहीं कर पाएंगे 5 वर्ष पूर्ण?

शपथ ग्रहण कुंडली में छठे भाव में बैठे दशमेश शुक्र, षष्ठेश शनि और योगकारक मंगल की युति है

लखनऊ, रफ्तार टुडे। योगी की कुंडली में शनि, राहु केतु का योग है? हमने नही बता रहे हैं यह योगी के शपथ लेने की कुंडली बता रही है। उनकी अपनी आक्रमता के कारण बीच में ही हट जाएंगे योगी, अपने 5 वर्ष नहीं कर पाएंगे CM योगी पूर्ण?

CM योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर दूसरी बार शपथ ग्रहण लिया है। यह शपथ ग्रहण शाम 4 बजकर 21 मिनट पर हुआ है। इस शपथ ग्रहण के साथ इन्होंने इतिहास रच दिया है क्योंकि उत्तरप्रदेश की राजनीति में आज़ादी के बाद से लेकर 1985 के चुनावों तक कांग्रेस का दबदबा रहा। नब्बे के दशक में मंडल-कमंडल की राजनीति से चलते कांग्रेस प्रदेश में कमज़ोर हुई तो समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और भाजपा का प्रभाव प्रदेश में चल पड़ा। किंतु कोई भी मुख्यमंत्री इस प्रदेश में दोबारा सत्ता में वापसी नहीं कर पाया।

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उसमें सिंह लग्न उदित हो रहा है। इस शपथ ग्रहण कुंडली में छठे भाव में बैठे दशमेश शुक्र, षष्ठेश शनि और योगकारक मंगल की युति है। ऐसे में अपने दूसरे कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ की छवि ‘दबदबे’ और ‘सख्त प्रशासक’ वाली बनेगी। ‘बुलडोज़र बाबा’ की अपनी छवि को भुनाते हुए चुनाव जीतने वाले योगी प्रदेश में माफिया और अपराधियों पर कानूनी कार्यवाही और तेज़ कर सकते हैं।

श्री आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण के समय शुक्रवार, कृष्ण अष्टमी तिथि, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र तथा वरियन योग उपस्थित रहा। धनु राशि में चन्द्रमा का ‘पूर्वाषाढ़ा’ जैसे उग्र नक्षत्र में होना तथा शपथ ग्रहण के समय अष्टमी तिथि तथा पाप ग्रह ‘शनि’ की होरा होना, उनको अपने दूसरे कार्यकाल में पहले से अधिक आक्रामक बनाएगी। इससे विपक्ष में समाजवादी पार्टी से उनका टकराव और तेज़ होगा। शपथ ग्रहण कुंडली में लग्नेश सूर्य अष्टम भाव में है जहां धन और लाभ भाव के स्वामी बुध भी सूर्य के साथ हैं जिस पर शनि की प्रतिकूल दृष्टि है। यह प्रतिकूल ग्रह स्थिति प्रदेश में महामारी और किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा से जन-धन की हानि का ज्योतिषीय योग बना रहा है। जिसका प्रभाव अगले कुछ महीनों में दिखने की आशंका है।

Raftar Today
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