Delhi Noida News: दिल्ली क्राइम ब्रांच का नोएडा में जांच अभियान जारी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट यथार्थ हॉस्पिटल का नाम भी संदेह के घेरे में, सुनकर उड़ जाएंगे आपके होश, नोएडा के इस नामी अस्पताल में चल रहा किडनी ‘खेल’ !
इस मामले में गिरफ्तार अपोलो अस्पताल की महिला डॉक्टर ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के यथार्थ अस्पताल में पिछले दो वर्षों में 20 से अधिक किडनी प्रत्यारोपण किए थे। संबंधित मरीजों और किडनी दाताओं के कागजातों का सत्यापन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया गया था।
दिल्ली, रफ्तार टुडे। किडनी रैकेट मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को भी जांच-पड़ताल जारी रखी। टीम ने नोएडा सेक्टर-39 स्थित स्वास्थ्य विभाग के दफ्तर और यथार्थ अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण से जुड़ी फाइलों की गहन जांच की। इस मामले में गिरफ्तार अपोलो अस्पताल की महिला डॉक्टर ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के यथार्थ अस्पताल में पिछले दो वर्षों में 20 से अधिक किडनी प्रत्यारोपण किए थे। संबंधित मरीजों और किडनी दाताओं के कागजातों का सत्यापन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया गया था। इसी को ध्यान में रखते हुए क्राइम ब्रांच की टीम नोएडा में भी जांच कर रही है।
किडनी रैकेट मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच लगातार महत्वपूर्ण दस्तावेज और जानकारियां जुटा रही है। जांच में कई अहम सुराग मिले हैं, जिससे पता चला है कि गिरफ्तार आरोपियों ने किडनी की मांग वाले छह मरीजों की फाइल तैयार कर ली थी और 20 अन्य मरीज भी उनके संपर्क में थे।
नोएडा में भी जांच तेज
दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने गुरुवार को भी किडनी प्रत्यारोपण से जुड़ी फाइलों की जांच की। टीम ने नोएडा सेक्टर-39 स्थित स्वास्थ्य विभाग के दफ्तर और यथार्थ अस्पताल में आवश्यक जांच-पड़ताल की। अपोलो की जिस महिला डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है, उसने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के यथार्थ अस्पताल में भी दो वर्ष में 20 से ज्यादा किडनी प्रत्यारोपण किए थे। संबंधित मरीजों और किडनी दाताओं के कागजातों का सत्यापन स्वास्थ्य विभाग ने किया था। इसे देखते हुए क्राइम ब्रांच की टीम नोएडा में भी जांच कर रही है।
अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा
यह मामला न सिर्फ दिल्ली बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैल चुका है। बांग्लादेश के मरीजों और उनके परिजनों से जुड़े दस्तावेजों की जांच से पता चला है कि इस गिरोह का नेटवर्क काफी बड़ा और संगठित है। गिरोह के सदस्य बांग्लादेश के डायलेसिस सेंटरों पर मरीजों और उनके परिजनों से संपर्क कर उन्हें भारत लाते थे और यहां पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए किडनी प्रत्यारोपण करते थे।
आरोपियों ने 6 मरीजों के फर्जी दस्तावेज तैयार किए
गिरफ्तारियों के दौरान बरामद दस्तावेजों में मरीजों से जुड़ी फाइलें भी शामिल थीं। इन फाइलों की जांच से पता चला है कि आरोपियों ने छह मरीजों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए थे। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे 20 अन्य मरीजों के संपर्क में थे, जिनके लिए उन्हें डोनर की व्यवस्था करनी थी। ये सभी मरीज बांग्लादेश के थे और वहां के डायलेसिस सेंटर पर जाते थे। गिरोह के सरगना रसेल को डोनर मुहैया कराने वाला इफ्ती मरीजों और उनके परिजनों से संपर्क करता था। इफ्ती और उसके गुर्गों का काम बांग्लादेश के विभिन्न डायलेसिस सेंटर पर मरीजों और उनके परिजनों से संपर्क करना था, लेकिन छापेमारी के बाद वह अंडरग्राउंड हो गया।
एडवांस में ली गई रकम
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जिन छह मरीजों की आरोपियों ने फाइल तैयार की थी, उनसे एडवांस में रकम ले ली गई थी। पूरी रकम का लेन-देन होना अभी बाकी था। गिरोह रिसीवर के तैयार होने के बाद ही उनके परिजनों से एडवांस में 25 से 50 फीसदी रकम ले लेता था और ऑपरेशन की तारीख तय हो जाने के बाद बाकी की रकम लेता था।
फर्जी मुहरें और दस्तावेज
आरोपियों के कब्जे से प्रमुख डॉक्टर, नोटरी पब्लिक, वकील समेत अन्य लोगों की मुहरें बरामद की गई हैं। आरोपी इन मुहरों का इस्तेमाल फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए करते थे। मौके से अलग-अलग अस्पतालों के नाम के जाली दस्तावेज भी मिले हैं। क्राइम ब्रांच की तकनीकी टीम पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क की जांच कर रही है, ताकि और भी सुराग मिल सकें।
आगे की जांच
पुलिस की तफ्तीश अभी जारी है और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होंगे। पुलिस की टीम आरोपियों से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही है और इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं। पुलिस का मानना है कि इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं और जांच के दौरान कई और सुराग मिल सकते हैं।
पुलिस की सख्त कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की ठानी है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद से ही पुलिस ने कई संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी की है और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस की तकनीकी टीम पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क की जांच कर रही है, ताकि और भी सबूत मिल सकें और इस गिरोह का पर्दाफाश हो सके।