Mahakumbh 2025: एक अफवाह और मौत का तांडव!, संगम नगरी में क्यों मचा कोहराम?, पढ़िए दिल दहला देने वाली कहानी, CM योगी आदित्यनाथ ने कहा नकारात्मक अफवाहो पर ना दे ध्यान
प्रयागराज, रफ़्तार टुडे।
महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) में श्रद्धा, आस्था और विश्वास की गंगा में डुबकी लगाने आए लाखों श्रद्धालु कभी नहीं सोच सकते थे कि यह पुण्य स्थल उनके लिए काल बन जाएगा। लेकिन मंगलवार की रात संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में ऐसा ही हुआ। महाकुंभ में अफवाह और भीड़ के बेकाबू होने से भगदड़ (Stampede) मच गई, जिसमें 17 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों श्रद्धालु घायल हो गए।
मंगलवार की रात दो बजे का वक्त था, जब संगम तट पर अचानक अफरा-तफरी मच गई। हजारों लोगों की भीड़ ने जबरदस्त धक्का-मुक्की शुरू कर दी। कोई अपने परिवार को खोज रहा था, कोई जूते-चप्पल उठाने की कोशिश कर रहा था तो कोई जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहा था। कई श्रद्धालु कुचलकर दम तोड़ चुके थे, वहीं कई घायल अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।
कैसे मची भगदड़? चश्मदीदों की जुबानी खौफनाक मंजर
भीड़, अफवाह और खंभे के गिरने से बिगड़ा हालात
मौके पर मौजूद कुछ श्रद्धालुओं का कहना है कि संगम तट पर बैरिकेडिंग के पास भीड़ अचानक बढ़ गई थी। इसी दौरान एक अफवाह फैल गई कि बैरिकेड टूटने वाला है और लोग कुचल जाएंगे। लोग अपनी जान बचाने के लिए आगे बढ़ने लगे, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि भगदड़ मच गई।
कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का यह भी कहना है कि संगम के पास एक खंभा अचानक टूटकर गिर गया, जिससे अफरा-तफरी मच गई। लोग चिल्लाने लगे, कुछ लोग दब गए, तो कुछ को भीड़ ने कुचल दिया। देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए और वहां चीख-पुकार मच गई।
“अगर पता होता कि ऐसा होगा, तो महाकुंभ आते ही नहीं”
कर्नाटक (Karnataka) से आई सरोजनी नामक श्रद्धालु ने बताया कि वह अपने 9 लोगों के ग्रुप के साथ आई थीं। संगम स्नान के दौरान अचानक धक्का-मुक्की शुरू हो गई और सांस लेना मुश्किल हो गया। उनके साथ आए 3 लोग घायल हो गए। सरोजनी ने रोते हुए कहा, “अगर पता होता कि ऐसा होगा, तो महाकुंभ आते ही नहीं।”
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर से आए जयप्रकाश ने कहा कि जैसे ही भगदड़ मची, सभी लोग दबते चले गए। वह खुद तो किसी तरह बाहर निकल आए, लेकिन उनकी मां गंभीर रूप से घायल हो गईं और अस्पताल में भर्ती हैं।
कोलकाता (Kolkata) से आईं कृष्णा प्रसाद ने बताया कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने चार लोगों को पानी में डूबते हुए देखा। भगदड़ में कई बच्चे अपने माता-पिता से बिछड़ गए।
धक्का-मुक्की में अपनों से बिछड़े श्रद्धालु, चीख-पुकार से गूंजा संगम तट
भगदड़ के बाद संगम का दृश्य भयावह था। चारों ओर बिखरे जूते-चप्पल, कपड़े और श्रद्धालुओं का सामान दिख रहा था। लोगों की चीखें माहौल को और डरावना बना रही थीं।
अस्पताल के बाहर एक व्यक्ति ने बताया कि उनका 60 लोगों का बैच दो बसों में आया था। नौ लोगों का उनका छोटा ग्रुप साथ था, लेकिन भगदड़ में कई लोग दब गए और वे अपने परिवार के कुछ सदस्यों से बिछड़ गए।
एक अन्य श्रद्धालु ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ रात 12 बजे संगम तट पर पहुंचे थे। लेकिन अचानक भीड़ आई और भगदड़ मच गई। उनका फोन टूट गया और बैग भी खो गया।
स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा प्रशासन, सीएम योगी ने संभाली कमान
भगदड़ की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गया। आपदा प्रबंधन की टीम ने तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद हालात को नियंत्रित किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और तत्काल राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने अखाड़ों से बातचीत कर अमृत स्नान को टालने की अपील की।
अमृत स्नान पर पड़ा असर, अखाड़ों ने किया किनारा
भगदड़ के कारण बुधवार सुबह होने वाला अमृत स्नान प्रभावित हुआ। अखाड़ों ने प्रशासन से बातचीत के बाद स्नान टालने का फैसला लिया।
सुबह 5 बजे श्री महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा का अमृत स्नान होना था, जिसके बाद अन्य अखाड़ों का क्रम था। लेकिन इस हादसे के बाद सभी अखाड़ों ने स्नान करने से इनकार कर दिया।
क्या प्रशासन पर उठ रहे हैं सवाल?
श्रद्धालुओं के मुताबिक, प्रशासनिक चूक के कारण यह हादसा हुआ।
- भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल मौजूद नहीं था।
- बैरिकेडिंग कमजोर थी और आसानी से टूट गई।
- आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कोई ठोस प्लान नहीं था।
अब तक कितने लोगों की मौत? आंकड़े अभी भी साफ नहीं
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मृतकों की संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है।
घायलों को शहर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
अब आगे क्या? प्रशासन को उठाने होंगे ठोस कदम
महाकुंभ में हर दिन लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा को लेकर प्रशासन को ठोस कदम उठाने होंगे।
- भीड़ नियंत्रण के लिए बेहतर इंतजाम किए जाएं।
- अधिक पुलिस बल और सीसीटीवी कैमरों की तैनाती हो।
- आपातकालीन निकासी के लिए स्पष्ट मार्ग बनाए जाएं।
अगर प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो महाकुंभ में ऐसी घटनाएं फिर से दोहराई जा सकती हैं।
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