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यूपी के इतिहास में सबसे बड़ा भूमि घोटाला चिटहेरा गांव में हुआ, सूत्रों के अनुसार अभी नाम आने और बाकी, एक सत्ता के राज्यसभा सांसद और विधायक बचा रहे है इस नाम को

यशपाल तोमर का नाम तो केवल मीडिया में दिखाने के लिए, अभी चिटहेरा के गांव के नाम आने है बाकी, कैसे एक ब्लाक प्रमुख ने अपने नाम, व अपने परिवार के नाम कर ली चिटहेरा गांव के की पट्टे की जमीन

दादरी, रफ्तार टुडे। यूपी के इतिहास में सबसे बड़ा भूमि घोटाला चिटहेरा गांव में हुआ है। उसकी भूमि भी कुर्क हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार अभी इस घोटाले में कई नाम आने बाकी है जिसका नाम अभी तक आना है बाकी है। उसको बचाने में राज्यसभा सांसद और एक विधायक लगे हुये है। यशपाल तोमर का नाम तो केवल मीडिया में दिखाने के लिए है।अभी चिटहेरा के गांव के भूमि घोटाले में और कई बड़े नाम आने बाकी हैं। जिन नामों में प्राधिकरण के अधिकारी भी है सूत्रों की माने तो
दादरी ब्लाक प्रमुख ने अपने नाम, व अपने परिवार के कई लोगों के नाम पट्टे की इस जमीन को पहले संक्रमणीय करा लिया। और बाद में अपने पक्ष में पट्टे धारकों से रजिस्ट्री करा ली

पिछले कुछ दिनों से ग्रेटर नोएडा के गांव चिटहेरा में पट्टे की भूमि का फर्जीवाड़ा हुआ है उक्त प्रकरण में भू माफिया यशपाल तोमर स्थानीय कई नेता है सूत्रों के अनुसार जो ज्ञापन गांव वाले ने एडीएम एल ए को दिया है उसके अनुसार बिजेंदर भाटी ब्लॉक प्रमुख दादरी, व उसके भाई, व उसके भतीजों के नाम और अथॉरिटी में दो भाई के खिलाफ ग्राम वासियों ने ईडी, इनकम टैक्स की जांच मांग की है। साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि गाटा संख्या 641 में अशर्फी देवी बेवा रामचंद्र के नाम 6 बीघे का पट्टा हुआ था जो कि गांव की लड़की है लेकिन ब्लाक प्रमुख दादरी ने उस पट्टे को अपनी माता से मालू निवासी बरवाला तहसील खेकड़ा को पावर ऑफ अटॉर्नी करा दी और उसका रकबा भी 6 बीघा से 12 बीघा करा दिया क्योंकि ब्लॉक प्रमुख की माता का नाम भी अशर्फी देवी पत्नी रामचंद्र है इसी बात का फायदा उठाते हुए उन्होंने असली पट्टे जमीन हड़प ली

इसी तरह गाटा संख्या 670, 671 मे जितने भी पट्टे धारक थे पहले उनसे यशपाल ने किसानों से पहले एग्रीमेंट कर लिये फिर उस जमीन को संक्रमणीय कराया गया और बाद में एग्रीमेंट कैंसिल करा कर ब्लाक प्रमुख बिजेंद्र भाटी व उसके परिवार के लोगों के नाम बैनामा करा दिए गए इस मामले में मिंटू भाटी जेल भी गए व उसके भाई पवन भाटी एडवोकेट पर भी मुकदमा लिखा गया ।

हमने इस मामले में सपा नेता पीतांबर शर्मा से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैंने सबसे पहले इन पदों की शिकायत की थी लेकिन किसी भी अधिकारी ने उस पर ध्यान नहीं दिया इन प्रमुख सचिव राजस्व का स्टे था और इसके कागज मे ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को दे चुका था, उसके बाद मैंने 20 साल के असली लड़ा और मैंने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को बताया भी था लेकिन गेटर नोएडा के अथॉरिटी के कुछ महानुभाव या कर्मचारी की मिलीभगत से वह जमीन का मुआवजा उठा लिया गया।
ग्राम प्रधान ऋषि भाटी, वीरेंद्र आदि ने गांव के दलित गरीबों से डरा धमका कर उनके पट्टे फर्जी कागज बनाकर अपने नाम करा लिए। इन गरीब लोगों को सन 1971 व 1997 में कृषि भूमि के पट्टे आवंटित हुए थे जिसमें गाटा संख्या 641, 670, 671 है। इन पट्टे धारकों बच्चों के जेल भी भिजवाया गया

गाँव के भूमाफ़िया द्वारा पीड़ित पट्टा धारकों को डरा धमका जा रहा हे जो भी लोग जाँच मे सहयोग कर रहे हे उनको डराया जा रहा है।

गाँव के ही कुछ लोग प्राधिकरण मे अधिकारी है जिनके बच्चों के नाम भी पट्टों की रजिस्ट्री हुयी है उनकी भी सम्पत्ति की जाँच हो ये माँग ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार से की है।

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