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ग्रेटर नॉएडा प्राधिकरण को कोरोना का खौफ, ग्रेटर नोएडा के सेक्टरों के नाम बदले जाएंगे, नए नाम रखे जाएंगे सेक्टरों के?

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को कोरोना का खौफ इस कदर बढ़ गया है की ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपने सेक्टरों के नाम बदलने का मन बना लिया है।
डेल्टा, ऑमिक्रोन कोरोना के वैरीअंट निकल रहे हैं इसलिए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने नाम बदलने का मन बनाया है, गामा, डेल्टा, ऑमिक्रोंन, बीटा, जू, सिगमा, अल्फा का नाम बदलकर 1, 2, 3 रखे जाएंगे।

ग्रेटर नोएडा के रिहायशी सेक्टरों के नाम जल्द बदलने का यह पहला मौका होगा है। जब अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा आदि के बजाय सेक्टर एक, दो, तीन, चार…जैसे संख्यात्मक अंकों से रखने की तैयारी है। इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने के लिए प्राधिकरण ने कमेटी भी गठित कर दी है। कमेटी ग्रेटर नोएडा वासियों से भी सुझाव लेगी। उसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। 1991 में ग्रेटर नोएडा के गठन के बाद सेक्टरों के नाम अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, ओमीक्रॉन, म्यू, ज्यू, चाई-फाई, पाई आदि रखे गए।

इन नामों के आगे वन, टू थ्री और जोड़ दिए गए। कई जगह इन सेक्टरों के आशपास संख्यात्मक अंकों वाले सेक्टर भी बसा दिए गए हैं। मसलन, रिहायशी सेक्टर स्वर्णनगरी के पास ही सेक्टर -36 व 37 बसा दिए गए। इसी तरह सेक्टर एक, दो, तीन, सेक्टर 10, 12 ग्रेटर नोएडा वेस्ट में हैं। इनके बीच के कई अंक वाले सेक्टर हैं ही नहीं। इस वजह से लिखने, बोलने और समझने में बहुत असमंजस की स्थिति रहती है।

इन सेक्टरों के लोकेशन का अंदाजा नहीं लग पाता। इसे ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण इन सेक्टरों के नाम बदलने पर विचार कर रहा है। बृहस्पतिवार को सीईओ नरेंद्र भूषण की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें एसीईओ दीप चंद्र व अमनदीप डुली समेत सभी वरिष्ठ अधिकारीगण शामिल हुए। बैठक में इन नामों को बदलने पर सहमति बनी। जितने भी औद्योगिक सेक्टर हैं, उनके नाम ईकोटेक से रहेंगे। संस्थागत व आईटी सेक्टरों के नाम नॉलेज पार्क वन, टू, थ्री, फोर…से ही रहेंगे।

टेकजोन नाम खत्म किए जाएंगे। रिहायशी सेक्टरों के नाम सेक्टर-एक, दो, तीन, चार…जैसे संख्यात्मक अंकों से होंगे। इनके लागू होने के बाद संपत्ति की लीज डीड होने पर नए नाम के साथ ही कोष्ठक में पुराने नाम भी लिखे जाएंगे, ताकि कोई असमंजस की स्थिति उत्पन्न न हो। इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने के लिए सीईओ ने एसीईओ दीप चंद्र की अध्यक्षता में कमेटी बना दी है। कमेटी से शीघ्र प्रस्ताव देने को कहा गया है। कमेटी इसे अंतिम रूप देने से पहले ग्रेटर नोएडावासियों से भी सुझाव लेगी। उसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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