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राम लक्ष्मण विश्वामित्र का अहिल्या आश्रम को देखना और होने वाली रामलीला मंचन के कुछ दृष्य

नोएडा, रफ्तार टुडे। श्री सनातन धर्म रामलीला समिति (पंजीकृत) समिति द्वारा धनुश यज्ञ, सीता स्वयंवर, लक्ष्मण परषुराम संवाद के दृश्य

  1. सूर्य प्रणाम, राम लक्ष्मण विश्वामित्र का साधना करना
    भाट का आना, पत्रिका देना, पत्रिका पढ़ने पर स्वयंवर की बात बताना, राम द्वारा गुरुदेव से स्वयंवर में जाने को पूछना, तीनों का आश्रम से निकलकर जनकपुर की ओर प्रस्थान।
  2. राम लक्ष्मण विश्वामित्र का अहिल्या आश्रम को देखना और गुरुदेव से वृतांत पूछना, विश्वामित्र द्वारा अहिल्या का वृतांत बताना और चरण कमल की धुरी से मुक्ति प्रदान करना, अहिल्या का प्रकट हो गीत गाना, और पतिलोक को प्रस्थान करना, राम लक्ष्मण विश्वामित्र और जनक सुनैना का मिलाप और संवाद उनको ठहरने का जगह बताना और प्रस्थान ।
  3. पुष्प वाटिका में राम लक्ष्मण का जाना, वहा मोर नाच रहे है, अंत में सुखद वातावरण को देख हर्षित होना और डायलॉग हे लक्ष्मण बड़ा अचंभा है,
    तेहि अवसर सीता ताहा आई सीता जी का सखियों के साथ प्रवेश साखिको के साथ है हसी मजाक।
    एक सखी सिया संग बिहाई, देखत चाहत रही फुलबाई , तेहि दोऊ बंदऊ विलोकई जाई, प्रेम सहित सीता पही आई, गौर श्याम देख किन लैहु
    उनमें से एक सखी अलग फुलबारी देखने निकल जाती है तथा उसकी नजर राम लक्ष्मण पर पड़ जाती है जोकि पेड़ के पीछे छिपे है वो लड़की सखियों के पास जाकर उनके बारे में बताती है संवाद होता है सीता जी देखने को निकलते है म्यूजिक चलता है दोनो एक दूसरे को देखते रह जाते है राम को लक्ष्मण जी हाथ पकड़ कर ले जाते है और सीता जी को उनकी सखियां अंत में दोनो निकल जाते है
    सीता जी और सखी गौरी पूजन को मंदिर में आ जाती है गीत चलता है ।
  4. भाट आते सीता स्वयंवर का माहौल सब प्रसन्न मुद्रा में है
    भाट एक एक करके राजागण को बुलाते है सभी अपने अपने ढंग से डी से घूम कर आते है
    फिर भाट द्वारा जनक को बुलाया जाता है और जनक के आदेश पर सीता जी को बुलवाया जाता है
    उसके बाद रावण का प्रवेश हो जाता है वो अपने संवाद और हड़कप करके चला जाता है
    तभी स्वयंवर में राम लक्ष्मण विश्वामित्र का प्रवेश होता है
    सभी अपना स्थान ग्रहण करते है
    जनक जी भाट को अपनी प्रतिज्ञा सुनने का आदेश दिया जाता है
    बंदीजन का गीत होता है
    भाट द्वारा प्रतिज्ञा सुनाई जाती है
    एक एक करके राजागण धनुष उठाने का प्रयास करते है परंतु सभी विफल हो जातें है
    अंत में जनक जी उदास अवस्था में पृथ्वी वीरों से खाली जैसे कटु वचनों को सुन कर लक्ष्मण जी को क्रोध आजाता है
    विश्वामित्र के आदेश पर राम जी धनुष तोड़ने को उठाते है पूरे म्यूजिक के अनुसार वो धनुष का खण्डन कर देते है
    जयमाला लेकर सीता संग सखी आगे ंजन है और गीत होता है झुक जाइयो तनक रघुवीर ,
    जयमाला हो जाती है सभी अपना स्थान ग्रहण कर लेते है
    परशुराम जी आ जाते और फिर लक्ष्मण परशुराम पूर्ण संवाद होता है अंत में राम जी के विष्णु रूप को परशुराम जी पहंचान लेते है और वहा से राम को धनुष देकर निकल जाते है लीला का समापन हो जाता है।
    राम लक्ष्मण सीता की आरती होती है।
    कल दिनांक 29.09.2022 को डब्ल्यु ब्लाक, लाल मंदिर, सैक्टर 12, नोएडा से भव्य राम बारात का आयोजन किया जायेगा, जो सायं 06ः00 बजे प्रारंभ होगी और रामलीला मैदान नोएडा स्टेडियम पहुंचेगी एवं राम विवाह की सुंदर लीला का मंचन किया जायेगा।
    समिति के चेयरमैन टी.एन. गोविल, अध्यक्ष टी.एन. चौरसिया, कार्यकारी अध्यक्ष सुषील भारद्वाज, महासचिव संजय बाली, सुनील गुप्ता, विकास जैन, प्रताप मेहता, कोशाध्यक्ष अल्पेष गर्ग, अतुल मित्तल, रविन्द्र गुप्ता, राकेष कत्याल,अनुज गुप्ता, रामनिवास बंसल, राजीव गर्ग, विवके गगंवार, अनिल गर्ग, विजय अग्रवाल, रोहित कुमार, राजीव अग्रवाल, सुनील कुमार, मोहित ढिंगरा, संजय गोयल, प्रवीण बंसल, अरूण षंकर राय, अवधेष चौरसिया, ललित गुप्ता, अर्पित गोयल, राहुल बाली, आदेष यादव, मनोज षर्मा, परवेष बंसल, विमल अग्रवाल, विकास अग्रवाल, आदि काफी संख्या में समिति के सदस्य उपस्थित रहे।

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