RSS 100 Years News : दुजाना में गूंजा राष्ट्रगौरव का स्वर, विजयदशमी पर ऐतिहासिक पथ संचलन ने जगाया देशभक्ति का जज़्बा, स्वयंसेवकों की एकता और अनुशासन ने किया सबको मंत्रमुग्ध, गांव में पहली बार हुआ ऐसा भव्य आयोजन – हर घर से झलकी राष्ट्रसेवा की भावना, पुष्पवर्षा, गीत और अनुशासन से गूंजा दुजाना

गौतमबुद्ध नगर, रफ़्तार टुडे। विजयदशमी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्थापना दिवस के पावन अवसर पर एनटीपीसी खंड के दुजाना मंडल में रविवार को हुआ पथ संचलन, इतिहास रच गया। गांव की गलियों से जब सैकड़ों स्वयंसेवक गणवेश में राष्ट्रगीत की धुन पर कदम से कदम मिलाकर निकले, तो पूरा दुजाना गांव राष्ट्रभाव और अनुशासन की सजीव झांकी बन गया। यह पहला अवसर था जब दुजाना में इस स्तर का आयोजन हुआ और हर उम्र का व्यक्ति स्वयं इस राष्ट्रीय भाव के उत्सव में सम्मिलित दिखाई दिया।
श्रीराम से प्रेरित राष्ट्रभावना – सहबौद्धिक प्रमुख सुनील जी का प्रेरणादायी संबोधन
मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित मेरठ प्रांत के सहबौद्धिक प्रमुख श्री सुनील जी ने अपने जोशीले उद्बोधन में कहा “हम केवल श्रीराम के वनवास की कथा जानते हैं, लेकिन उनके वंश के दस-बारह सम्राटों का इतिहास हमसे छिपा लिया गया। श्रीराम वनवास पर न जाते तो शायद आज उनका नाम भी प्रसिद्ध न होता। हमारे गौरवशाली अतीत को हमसे चुराया गया है, और अब समय है कि हम अपने इतिहास को जानें, समझें और उसे गर्व के साथ आगे बढ़ाएं।”
उन्होंने कहा कि संघ का उद्देश्य केवल संगठन बनाना नहीं बल्कि राष्ट्र का पुनर्निर्माण करना है — ऐसा राष्ट्र जो संस्कार, परिश्रम और समरसता पर आधारित हो।
पुष्पवर्षा, गीत और अनुशासन से गूंजा दुजाना
ग्राम दुजाना में पहली बार आयोजित इस पथ संचलन ने गांव को एक नए रूप में प्रस्तुत किया। बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग – सभी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने। गांव की गलियों में राष्ट्रगीत की गूंज, भगवा ध्वज की लहराहट और अनुशासनबद्ध स्वयंसेवकों का संचलन देखकर हर ग्रामीण गर्व से झूम उठा।
गांववासियों ने जगह-जगह फूल बरसाकर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। पथ संचलन के साथ दुजाना गांव राष्ट्रप्रेम, अनुशासन और संगठन की भावना से सराबोर हो गया।
“राष्ट्रवाद ही विकास की कुंजी” – पूर्व प्रधान बिरम सिंह का संदेश
कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रधान बिरम सिंह (दुजाना) ने की। उन्होंने कहा “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रवादी विचारधारा ही भारत के उज्जवल भविष्य की कुंजी है। संगठन जितना सशक्त होगा, देश उतनी ही तीव्र गति से आगे बढ़ेगा।”
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन के वाहक बनें।
संगठन के प्रमुखों की गरिमामयी उपस्थिति – एकता का अद्भुत उदाहरण
इस अवसर पर मंच पर अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे जिला संचालक नौरंग जी, जिला कार्यवाह राजकुमार जी, खंड संचालक प्रेमपाल जी, खंड प्रचारक कपिल जी, खंड संपर्क प्रमुख डॉ. देवेंद्र, खंड प्रचार प्रमुख एडवोकेट कुमार राजेश, सेवा प्रमुख नरेंद्र, व्यवस्था प्रमुख मास्टर विजय नागर, विद्यार्थी प्रमुख सत्या नागर, बिसाडा मंडल कार्यवाह मास्टर सचिन राणा, बंम्बावड़ मंडल कार्यवाह राजेश जी और छपरौलाठ मंडल कार्यवाह मोहित जी।
इन सभी ने एक स्वर में कहा कि “राष्ट्र सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है, और संगठन ही हमारी शक्ति है।”
भाजपा और समाजसेवा से जुड़े कई गणमान्य रहे उपस्थित
कार्यक्रम में भाजपा और समाजसेवा से जुड़े कई प्रमुख लोग भी शामिल हुए, जिनमें शामिल थे भाजपा वरिष्ठ नेता सुरेश नागर, प्रधानाचार्य मास्टर ब्रह्म सिंह नागर, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त मास्टर रविंद्र शर्मा, प्रधान हरिदत्त शर्मा, भाजपा जिला उपाध्यक्ष बबली नागर, बार एसोसिएशन सेक्रेटरी अजीत नागर एडवोकेट, डॉ. देवेंद्र नागर (अध्यक्ष, उम्मीद संस्था), ब्लॉक प्रमुख पुत्र श्यामेंद्र नागर, भाजपा युवा जिला अध्यक्ष राज नागर, भाजपा मंडल अध्यक्ष महेंद्र नागर, हरेंद्र नागर, अनिल कप्तान एडवोकेट, सुखबीर नागर, प्रवीण नागर, तेजवीर नेताजी, अजय नागर, अरविंद प्रधान सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति।
इनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी गरिमामयी बना दिया।
पुष्पवर्षा, गीत और अनुशासन से गूंजा दुजाना
पथ संचलन के दौरान जब स्वयंसेवकों ने गीत की ताल पर कदम मिलाए, तो गांव की गलियां एक राष्ट्रमय भाव से भर उठीं। बच्चों ने “भारत माता की जय” के नारे लगाए और बुजुर्गों ने आशीर्वाद दिया।
स्वयंसेवकों ने अनुशासन और संयम का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया जिसने हर किसी को प्रेरित किया।
कार्यक्रम के समापन पर सभी अतिथियों ने संगठन के प्रति अपनी निष्ठा दोहराई और भविष्य में भी समाज व राष्ट्र के लिए निरंतर कार्य करने का संकल्प लिया।
नए उत्साह का केंद्र बना दुजाना गांव
दुजाना गांव में हुआ यह ऐतिहासिक आयोजन अब आने वाले वर्षों के लिए राष्ट्रीय चेतना और प्रेरणा का केंद्र बन गया है।
विजयदशमी पर हुए इस पथ संचलन ने न केवल संगठन की एकता और शक्ति का परिचय दिया, बल्कि समाज में ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना को भी पुनर्जीवित किया।



