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योगी सरकार को बदनाम करने एवं अफवाह फैलाने वाले राजिंदर सिंह बादलपुर के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई की मांग

लखनऊ, रफ्तार टुडे। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को बदनाम करने एवं अफवाह फैलाने वाले राजिंदर सिंह बादलपुर के खिलाफ एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने उनके खिलाफ प्रशासन कार्रवाई की मांग ली है।

गौरतबल है कि राजेंद्र नागर ने आरोप लगाया था की प्राधिकरण ने डिजिटल सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए एक बड़ी कंपनी को काम दिया था। अनुबंध की शर्तों के विपरीत कंपनी को भुगतान कर दिया गया। सॉफ्टवेयर को शुरू करने में अब तक ₹300 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। इसके बावजूद सिस्टम तैयार नहीं है। ऐसे में घोटाला किया गया है।

राजेंद्र ने केंद्र सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग में मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की है। शिकायत में पूर्व सीईओ, महाप्रबंधक नियोजन और वरिष्ठ प्रबंधक पर नियमों के विपरीत कार्य करने के लगाकर जांच की मांग की है नियमों के विपरीत आउटसोर्स कर्मचारियों के डिजिटल हस्ताक्षर की अनुमति दी गई है जबकि यह कुछ हुआ ही नहीं है।

संतपाल सादोपुर निवासी ने आरोप लगाया है कि प्राधिकरण ने निविदा मूल्य लगभग ₹63 करोड़ निर्धारित किया था तो इसमें ₹300 करोड़ कहां से आ गए। और उन्होंने बताया कि स्वीकृत लेआउट के विपरीत काम होने वाले खर्च ने इस आशंका को जन्म दिया है की ERP SAP के रियल टाइम के वित्तीय और नियंत्रण मॉड्यूल में कानूनी तकनीकी वाणिज्य बग थे। जिसमें वित्तीय लेखाकन मॉड्यूल संबंध बनाता है। इसलिए मॉड्यूल या तो अच्छी तरह एक एकीकृत नहीं है या ग्रेटर नोएडा के इंटि ग्रेटर ने त्रुटियों को बिना सुधारे बड़ी राशि को भुगतान किया गया है।

आइजीआरएस पोर्टल पर कंप्लेंट नंबर के संदर्भों से पीएम को संबोधित शिकायतों को बादलपुर निवासी राजेंद्र सिंह ने मीडिया के माध्यम से लगभग 300 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और घोटाले की बात कहकर सरकार की स्वच्छ छवि को गंभीर बट्टा लगाया है।
जबकि यह विशुद्ध रूप से विभिन्न माड्यूलो के अनुचित एकीकरण, बगों के समाधान नहीं करने व अनुचित टेंपलेट्स के उपयोग तथा बैंक एंड डाटाबेस सरंचना संशोधन अनुसूचित फ्रंट पर समर्थन, मॉड्यूल के एकीकरण को सुनिश्चित नही करने का मामला है कुल निविदा मूल्य लगभग ₹63 करोड़ रुपए है।

उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि राज्य सरकार को बदनाम करने एवं अफवाह फैलाने के लिए श्री राजेंद्र सिंह आदि खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करें और ERP SAP सॉफ्टवेयर के मॉडयल में एकीकरण में कोई चूक हो तो इसे भी ठीक कराएं।

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