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- Porn Racket Criminals Used To Get Minors To Post Pornographic Videos Of Children For 2 3 Dollars; 300 Groups On Dark Web And Social Media
नई दिल्लीएक घंटा पहलेलेखक: जयकिशन शर्मा
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सीबीआई के सूत्र ने बताया कि कई आरोपी डार्क वेब के जरिए विदेशियों से संपर्क में आए थे, ये युवा ग्रुप में बच्चों के अश्लील वीडियो डालते थे।
- सीबीआई ने 14 राज्यों में मारे थे छापे
सीबीआई छापे के बाद सामने आए चाइल्ड पोर्नोग्राफी केस ने पूरे देश को झकझोर दिया है। भास्कर ने इस मामले की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाली बातों का खुलासा हुआ।पोर्नोग्राफी रैकेट में शामिल अपराधी बच्चों से ही इंटरनेट पर अश्लील वीडियो के लिंक शेयर करवाते थे। इसके बदले इन बच्चों को प्रति वीडियो दो से तीन डॉलर (करीब 210 रु.) दिए जाते थे। अब तक इसमें राजस्थान के नागौर के भी एक नाबालिग का नाम सामने आया है। भास्कर को एक सीबीआई अधिकारी ने बताया कि जब टीम साइबर ट्रैकिंग करते हुए नागौर के एक आरोपी तक पहुंची तो वह 17 साल का लड़का निकला।
यह सोशल मीडिया और अन्य एप्लीकेशन्स के जरिए बड़ी चेन का हिस्सा बना था। फिलहाल इस आरोपी का मोबाइल जब्त कर लिया गया है। पैसे के सोर्स और लेन-देन की जांच की जा रही है। सीबीआई के एक अन्य सूत्र ने बताया कि इस गैंग में कई नाबालिग भी शामिल थे। इनमें से कई आरोपी डार्क वेब के जरिए विदेशियों से संपर्क में आए थे। ये युवा ग्रुप में बच्चों के अश्लील वीडियो डालते थे।
गौरतलब है कि बच्चों के अश्लील वीडियो शेयर करने के मामले में सीबीआई ने मंगलवार को देश के 14 राज्यों के 45 जिलों में छापेमारी की। इनमें राजस्थान, बिहार, पंजाब, हरियाणा और मध्यप्रदेश शामिल हैं। शुक्रवार को अजमेर के एक आरोपी को सीबीआई ने पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया था। केस में इंटरनेशनल एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है।
इन चार सवालों से समझिए कैसे काम करता था ये रैकेट
1. कैसे शेयर होते थे पोर्न के लिंक?
सीबीआई अधिकारियों के अनुसार आराेपियों ने ‘ओनली चाइल्ड सेक्स वीडियो’ नाम से वॉट्सएप ग्रुप बनाया था। आरोपी इसमें अश्लील वीडियो के लिंक डालते थे। विदेशी आरोपी इन वीडियो को वेबसाइट होस्टिंग प्लेटफॉर्म पर अपलोड करते थे। इन्ही प्लेटफॉर्म से इनके खाते भी लिंक थे। जिसमें पैसों का भुगतान किया जाता था। अभी काफी खुलासा होना बाकी है।
2. सीबीआई ने क्या कार्रवाई की है?
बच्चों के अश्लील वीडियो बनाने और उन्हें शेयर करने के मामले में सीबीआई ने मंगलवार को देश के 14 राज्यों के 45 जिलों में छापेमारी की थी। केस में भारत सहित इंटरनेशनल लिंक भी तलाशे जा रहे हैं।
3. किन देशों में फैला है यह नेटवर्क?
चाइल्ड पोर्न शेयर करने वाले ये ग्रुप्स 9 से ज्यादा देशों में शामिल हैं। इनमें पाकिस्तान (36), कनाडा (35), अमेरिका (35), बांग्लादेश (31), श्रीलंका (30), नाइजीरिया (28), अजरबैजान (27) भी हैं। यमन (24) और मलेशिया (22) में ग्रुप्स की पहचान हो चुकी है।
4. कैसे हुई ऑपरेशन की शुरुआत?
सीबीआई ने जुलाई में इंटरपोल विक्टिम आइडेंटिफिकेशन टास्क फोर्स के साथ मिलकर गोवा से एक आरोपी को पकड़ा था। जांच में पता चला कि उसने गोवा और महाराष्ट्र में दो दर्जन से ज्यादा बच्चों का शोषण किया था। वह मोबाइल पर इनकी रिकॉर्डिंग करता था और क्लिप व तस्वीरों को डार्कवेब के माध्यम से बेच देता था। यहीं से सीबीआई ने कड़ी से कड़ी जोड़ने का काम शुरू किया।