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One Year Delay In Maujpur-majlis Park Corridor – कोरोना का असर : मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर में एक साल की देरी, महामारी में नहीं मिले मजदूर

सार

वित्तीय नुकसान के कारण हुई एक साल की देरी। 12.5 किलोमीटर के दायरे में फिलहाल बेहद तेजी से चल रहा है निर्माण कार्य। 

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दिल्ली मेट्रो फेज-4 के तहत मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर पर 12.5 किलोमीटर के दायरे में फिलहाल बेहद तेजी से निर्माण चल रहा है, लेकिन इससे पहले कोरोना महामारी में श्रमिक न मिलने और वित्तीय नुकसान ने मेट्रो प्रबंधन को झटका दिया है। साल 2022 में पूरा होने वाला यह कॉरिडोर अब 2023 में यात्रियों के लिए शुरू होगा।

खास बात यह है कि इस कॉरिडोर पर ड्राइवरलेस मेट्रो दौड़ेगी और सभी आठ स्टेशनों पर यात्रियों को नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) की सुविधा मिलेगी। पिंक लाइन पर मेट्रो के विस्तार के बाद दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 400 किलोमीटर से अधिक लंबा हो जाएगा।

पिंक लाइन के विस्तार की प्रक्रिया पूरी होते ही यह कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो का रिंग कॉरिडोर बन जाएगा। इस कॉरिडोर पर यमुना विहार और भजनपुरा स्टेशन के बीच निचले डेक पर फ्लाईओवर होगा, जबकि ऊपरी हिस्से में मेट्रो दौड़ेगी। इंटीग्रेटेड डिजाइन के निर्माण से मौजूदा परिवहन व्यवस्था में सुधार का यात्रियों को पूरा फायदा मिल सकेगा। उत्तर-पूर्वी दिल्ली से फिलहाल नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली सहित दूसरे इलाकों में पहुंचने में काफी वक्त लगता है। नए कॉरिडोर के निर्माण से आवागमन में सहूलियतें बढ़ जाएंगी।

हाल ही में दिल्ली सरकार ने इस इंटीग्रेटेड डिजाइन के निर्माण के लिए 220.10 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। इस पर मेट्रो लाइन और फ्लाईओवर (डबल डेकर) साथ-साथ होगी। करीब 1457 मीटर लंबे और 20 मीटर चौड़ाई वाले इस फ्लाईओवर पर छह लेन होंगी। करावल नगर (यमुना विहार/भजनपुरा) और घोंडा चौक (बृजपुरी) पर दो क्रॉसिंग होंगी, ताकि वाहनों की आवाजाही आसानी से हो सके। ट्रैफिक की समस्या को खत्म करने के साथ ही इससे सड़क की मौजूदा क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी। मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण पूरा होने से आसपास के क्षेत्र की जनता को लंबे ट्रैफिक जाम से नहीं जूझना पड़ेगा और समय की भी बचत होगी। फ्लाईओवर और मेट्रो का यह एकीकृत मॉडल से पर्यावरण को भी काफी राहत मिलेगी। 

ये होंगे आठ स्टेशन
मजलिस पार्क-मौजपुर के बीच आठ स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें भजनपुरा, यमुना विहार, खजूरी खास, सुरघाट, सोनिया विहार, जगतपुर गांव, झड़ौदा माजरा और बुराड़ी स्टेशन शामिल हैं।

यलो लाइन पर सामान्य हुई सेवाएं
मेट्रो लाइन की मरम्मत के कारण रविवार सुबह येलो लाइन के यात्रियों को सुबह के वक्त थोड़ी परेशानी हुई। कुतुब मीनार और ग्रीन पार्क के बीच मेट्रो सेवाएं 7 बजे के बाद फिर सामान्य हो गईं। इस दौरान यात्रियों को दोनों स्टेशनों के बीच आवागमन में परेशानी न हो इसलिए फीडर बस की सुविधा मुहैया की गई। जिन यात्रियों को 7 बजे से पहले कहीं आना-जाना था, उन्हें मेट्रो स्टेशनों से आगे दूसरे परिवहन विकल्प अपनाने पड़े।

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की तरफ से आयोजित परीक्षाओं में चयन के बाद भी नौकरी नहीं मिलने के विरोध में मंगलवार को चयनित उम्मीदवार एकजुट होंगे। मेट्रो ने 2019 में विभिन्न पदों पर आवेदन मांगे थे। वहीं, अप्रैल 2020 में चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई, लेकिन कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान दिल्ली मेट्रो ने छात्रों को भरोसा दिया कि चरणबद्ध तरीके से उन्हें बुलाया जाएगा। 

जुलाई 2020 में इनमें से कुछ पदों पर रिक्तियों की संख्या घटा दी गई। इसके लिए कोरोना महामारी को वजह बताया गया। लंबे समय से नौकरी के इंतजार कर रहे उम्मीदवारों ने इस बाबत आरटीआई से भी जानकारियां हासिल कीं।  लेकिन अब तक डीएमआरसी की तरफ से संतोषजनक जवाब न मिलने पर अभ्यर्थियों ने विरोध जताने का फैसला लिया है। इस कड़ी में 21 दिसंबर से वे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे। इससे पहले भी 23 नवंबर को अभ्यर्थियों ने विरोध जताया था। 

विस्तार

दिल्ली मेट्रो फेज-4 के तहत मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर पर 12.5 किलोमीटर के दायरे में फिलहाल बेहद तेजी से निर्माण चल रहा है, लेकिन इससे पहले कोरोना महामारी में श्रमिक न मिलने और वित्तीय नुकसान ने मेट्रो प्रबंधन को झटका दिया है। साल 2022 में पूरा होने वाला यह कॉरिडोर अब 2023 में यात्रियों के लिए शुरू होगा।

खास बात यह है कि इस कॉरिडोर पर ड्राइवरलेस मेट्रो दौड़ेगी और सभी आठ स्टेशनों पर यात्रियों को नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) की सुविधा मिलेगी। पिंक लाइन पर मेट्रो के विस्तार के बाद दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 400 किलोमीटर से अधिक लंबा हो जाएगा।

पिंक लाइन के विस्तार की प्रक्रिया पूरी होते ही यह कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो का रिंग कॉरिडोर बन जाएगा। इस कॉरिडोर पर यमुना विहार और भजनपुरा स्टेशन के बीच निचले डेक पर फ्लाईओवर होगा, जबकि ऊपरी हिस्से में मेट्रो दौड़ेगी। इंटीग्रेटेड डिजाइन के निर्माण से मौजूदा परिवहन व्यवस्था में सुधार का यात्रियों को पूरा फायदा मिल सकेगा। उत्तर-पूर्वी दिल्ली से फिलहाल नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली सहित दूसरे इलाकों में पहुंचने में काफी वक्त लगता है। नए कॉरिडोर के निर्माण से आवागमन में सहूलियतें बढ़ जाएंगी।

हाल ही में दिल्ली सरकार ने इस इंटीग्रेटेड डिजाइन के निर्माण के लिए 220.10 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। इस पर मेट्रो लाइन और फ्लाईओवर (डबल डेकर) साथ-साथ होगी। करीब 1457 मीटर लंबे और 20 मीटर चौड़ाई वाले इस फ्लाईओवर पर छह लेन होंगी। करावल नगर (यमुना विहार/भजनपुरा) और घोंडा चौक (बृजपुरी) पर दो क्रॉसिंग होंगी, ताकि वाहनों की आवाजाही आसानी से हो सके। ट्रैफिक की समस्या को खत्म करने के साथ ही इससे सड़क की मौजूदा क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी। मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण पूरा होने से आसपास के क्षेत्र की जनता को लंबे ट्रैफिक जाम से नहीं जूझना पड़ेगा और समय की भी बचत होगी। फ्लाईओवर और मेट्रो का यह एकीकृत मॉडल से पर्यावरण को भी काफी राहत मिलेगी। 

ये होंगे आठ स्टेशन

मजलिस पार्क-मौजपुर के बीच आठ स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें भजनपुरा, यमुना विहार, खजूरी खास, सुरघाट, सोनिया विहार, जगतपुर गांव, झड़ौदा माजरा और बुराड़ी स्टेशन शामिल हैं।

यलो लाइन पर सामान्य हुई सेवाएं

मेट्रो लाइन की मरम्मत के कारण रविवार सुबह येलो लाइन के यात्रियों को सुबह के वक्त थोड़ी परेशानी हुई। कुतुब मीनार और ग्रीन पार्क के बीच मेट्रो सेवाएं 7 बजे के बाद फिर सामान्य हो गईं। इस दौरान यात्रियों को दोनों स्टेशनों के बीच आवागमन में परेशानी न हो इसलिए फीडर बस की सुविधा मुहैया की गई। जिन यात्रियों को 7 बजे से पहले कहीं आना-जाना था, उन्हें मेट्रो स्टेशनों से आगे दूसरे परिवहन विकल्प अपनाने पड़े।

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